सरदारशहर तहसील के गांव पुन्नूसर में शनिवार को मां की ममता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां बच्ची को जन्म के तुरंत बाद लहूलुहान अवस्था में कटीली झाड़ियों में फेंक दिया.
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Shardarshahar: मां मेरा क्या कसूर था मुझे झाड़ियों में क्यों फेंका. जिस वक्त मेरे पैरों पर कुमकुम लगनी चाहिए थी, उस वक्त डॉक्टरों ने मेरे पैरों पर स्याही क्यों लगाई. सरदारशहर के पुन्नूसर गांव में झाड़ियों में लहूलुहान मिली नवजात बच्ची अगर बोल पाती, तो यह सवाल अपनी मां से जरूर पूछती. सरदारशहर तहसील के गांव पुन्नूसर में शनिवार को मां की ममता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां बच्ची को जन्म के तुरंत बाद लहूलुहान अवस्था में कटीली झाड़ियों में फेंक दिया गया. बच्ची मिलने की सूचना पर आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई. अनुसार शनिवार सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर गांव के ओमप्रकाश जाट और राजूसिंह राजपूत अपने खेत जा रहे थे, इसी दौरान कटीली झाड़ियों में बच्ची की रोने की आवाज सूनी. झाड़ियों के अंदर देखा तो एक जिंदा बच्ची लहूलुहान अवस्था में रो रही थी. कांटो की वजह से खून में लथपथ थी. रोने की आवाज आने पर आस-पास के लोग पहुंचे और उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उसके कांटे निकाले गए. घटना की जानकारी सरदारशहर पुलिस थाने में दी गई. गांव के लोगो ने बताया कि बच्ची की स्थिति देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्ची का जन्म शनिवार सुबह 3 से 4 के बीच में हुआ है.
इस दौरान शरीर पूरा मिट्टी से सन गया. उसके शरीर पर घाव भी थे. सूचना पर सरदारशहर पुलिस थाने के एसआई रामप्रताप गोदारा, हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार स्वामी, कॉन्स्टेबल महेंद्र शर्मा और मूलचंद मौके पर पहुंचे और बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में प्रभारी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ चंद्रभान जांगिड़ ने बच्ची का उपचार शुरू किया. अस्पताल में कार्यरत एएनएम विनोद कंवर और श्यामलाल जांगिड़ और डॉक्टर चंद्रभान ने बच्ची को नहलाया और बच्ची के शरीर को पूरी तरह से साफ किया गया. डॉ चंद्रभान जांगिड़ का कहना है कि बच्ची का पिछले 12 घंटे के अंदर जन्म हुआ है. खुले में रहने के कारण अस्वस्थ हो चुकी है, बच्ची का एसएनसीयू वार्ड में उपचार जारी है. हालांकि बच्ची की हालत अभी गंभीर बनी हुई है. एसआई रामप्रताप गोदारा ने बताया कि जैसे ही उन्हें नवजात बच्ची मिलने की सूचना मिली वह तुरंत पुन्नूसर गांव पहुंचे और बच्ची को कब्जे में लेकर राजकीय अस्पताल पहुंचाया है. उन्होंने बताया कि एक ऐसा ही मामला 7 अप्रैल को मितासर गांव में सामने आया था जहां पर एक नवजात जिंदा बच्ची कीचड़ में मिली थी मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्ची को कीचड़ में फेंकने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था. मामले में भी जल्द खुलासा कर दिया जाएगा कि बच्ची को झाड़ियों में किसने फेंका. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब बच्ची को झाड़ियों से निकाला गया तो बच्ची के शरीर पर कांटे चुभे हुए थे. फिलहाल डॉक्टरों के अनुसार आने वाले 24 घंटे बच्चे की तबीयत सुधार के लिए अहम हैं. ग्रामीणों के अनुसार बच्ची को जब झाड़ियों में फेंका गया उस दौरान बारिश भी हो रही थी. बारिश में भीगने के कारण की बच्ची की तबीयत बिगड़ सकती है. वही, एसआई रामप्रताप गोदारा पूरे मामले की जांच में जुटे हुए हैं. राजकीय अस्पताल में एएनएम विनोद कंवर और श्यामलाल जांगिड़ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चंद्रभान की देखरेख में बच्ची के उपचार में जुटे हुए हैं.
Reporter- Manoj Prajapat
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