Rajasthan News: चूरू जिला परिषद सभागार में सोमवार को स्वच्छ भारत मिशन को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के समन्वयक के के गुप्ता भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने डूंगरपुर स्वच्छता मॉडल के टिप्स साझा किए.
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Churu News: जिला परिषद सभागार में स्वच्छ भारत मिशन को लेकर आयोजित बैठक में एनएसएससी सदस्य व स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के समन्वयक तथा डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व सभापति के के गुप्ता ने डूंगरपुर स्वच्छता मॉडल के टिप्स साझा करते हुए प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा की तथा मॉडल ग्राम पंचायतों की गतिविधियों की जानकारी ली. इस दौरान जिला प्रमुख वंदना आर्य, एसीईओ दुर्गा ढाका, सरदारशहर बीडीओ दिनेश मिश्रा, सुजानगढ़ बीडीओ जुगल किशोर, रतनगढ़ बीडीओ गिरधारी लाल, दुलरासर सरपंच विद्या देवी, सरपंच पूनम सैनी,लक्ष्मण नाथ सिंह सहित अनेक लोग उपस्थित रहे.
रिसाइकल को प्रोजेक्ट मानकर करना होगा काम
के के गुप्ता ने कहा है कि स्वच्छता मॉडल को अपनाकर हम अपने क्षेत्र को साफ-सुथरा बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को सफल बना सकते हैं. इसके लिए हमें मॉडल थीम पर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार ग्राम पंचायतों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए संकल्पित है. गांव स्वच्छ बनेंगे, तो सम्पूर्ण देश-प्रदेश स्वतः ही स्वच्छ बन जाएंगे. गुप्ता ने कहा कि रिसाइकल को प्रोजेक्ट मानकर काम करना होगा तथा कचरे का यथासंभव निस्तारण करना होगा. प्लास्टिक का स्टॉक कर उसे रिसाइकल फॉर्म में यूज करेंगे, तो उससे स्वच्छता में 70 प्रतिशत से अधिक का सुधार आएगा. समुचित क्रियान्विति के लिए गृहिणियों व महिलाओं को जागरूक बनाते हुए उनसे अपेक्षित सहयोग लें. गांव की जनता, अधिकारी, कर्मचारी सहित जनप्रतिनिधियों का भी प्रथम दायित्व है कि क्षेत्र स्वच्छ और सुंदर बने तथा गांव के अंतिम छोर तक स्वच्छता पहुंचे
इन विषयों पर हुई चर्चा
गुप्ता ने कहा कि हम इन ग्राम पंचायतों को स्वच्छ बनाने के लिए छोटे-छोटे तरीकों पर काम कर सकते हैं. घर से ही वेस्ट सेग्रीगेशन, प्लास्टिक को रिसाइकल, जल संरक्षण व प्रबंधन, पुराने कचरे का उचित निस्तारण, समुचित जल निकास की व्यवस्था, आईईसी के माध्यम से जागरूक कर, वृक्षारोपण, खाली प्लॉटों की सफाई, आरआरसी (रिसोर्स रिकवरी सेंटर) प्लांट, गीला और सूखा कचरा नियत समय पर अलग-अलग करके एकत्र करना, कंपोस्ट पिट बनाना, कचरे का सेग्रीगेशन करना, ब्लैक व ग्रे वाटर ट्रीटमेंट, तालाब के अंदर गंदे पानी के जाने पर रोकथाम, पंचायत में पार्कों का विकास, सामुदायिक शौचालय का निर्माण, प्लास्टिक घर बनाना, आरओ प्लांट सहित सौर ऊर्जा प्लांट लगाना और वातावरण में फैले हुए प्रदूषण को नियंत्रित करने सहित घटकों को नियमित संचालित कर स्वच्छता मॉडल को लागू किया जा सकता है.
रिपोर्टर:- नवरतन प्रजापत
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