दौसा जिले में साफ-सफाई की व्यवस्था बेहाल है और जिला मुख्यालय की बात करें या नगरपालिका क्षेत्रों की गंदगी के आलम से लोग परेशान है.
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Dausa: राजस्थान के दौसा जिले में साफ-सफाई की व्यवस्था बेहाल है और जिला मुख्यालय की बात करें या नगरपालिका क्षेत्रों की गंदगी के आलम से लोग परेशान है. साफ-सफाई को लेकर लोग शिकायत करते करते थक गए लेकिन जिम्मेदार लापरवाह बने हुए है. दौसा जिला मुख्यालय पर नगर परिषद क्षेत्र के 55 वार्ड है जहां अधिकतर वार्डों में गंदगी के ढेर जमा है.
बारिश के दौरान पानी निकास की भी व्यवस्था प्रॉपर नहीं होने से बारिश के दौरान पानी से रास्ते लबालब भर जाते हैं और लोगों को आवाजाही में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं जिले की लालसोट, बांदीकुई, महवा और मंडावरी नगर पालिका क्षेत्रों के भी हाल कुछ यही है, जहां प्रॉपर नालियों का निर्माण नहीं होने से गंदा पानी आम रास्ते में रहता है और बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था सुदृढ नहीं होने से लोग परेशान है.
जिला मुख्यालय पर नगर परिषद है तो वहीं जिले में चार नगरपालिका है, जहां सफाई व्यवस्था को लेकर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी शहर और कस्बे गंदगी से अटे पड़े है. दौसा जिला मुख्यालय की बात करें तो प्रति माह साफ सफाई व्यवस्था पर करीब अस्सी लाख रुपये खर्च हो रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी शहर गंदा रहे तो क्या कहेंगे आप.
जानकारों की मानें तो दौसा जिला मुख्यालय पर 55 वार्ड हैं जिनमें ठेकेदार के ढाई सौ अस्थाई सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनका प्रति माह करीब 27 लाख रुपये नगर परिषद द्वारा भुगतान किया जाता है तो वहीं डेढ़ सौ सफाई कर्मी स्थाई है जिनका करीब पचास लाख रुपये प्रतिमाह भुगतान होता है ऐसे में नगर परिषद द्वारा सफाई व्यवस्था पर प्रति माह करीब अस्सी लाख रुपये खर्च करने के बावजूद भी सफाई व्यवस्था बदहाल है.
मानसून से पहले शहर के नालों की सफाई होनी चाहिए थी लेकिन वह भी नहीं की गई. ऐसे में पहली बारिश के दौरान ही नालों का कचरा सड़कों पर आ गया और सड़कों पर बारिश का पानी भी जमा हो गया, जिसके चलते लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सवाल यह है कि शहर की सफाई व्यवस्था पर भारी भरकम रकम प्रतिमाह खर्च की जा रही है फिर उसके बावजूद भी शहर गंदा क्यों है? आखिर सफाई व्यवस्था में कोई बंदरबांट का खेल तो नहीं हो रहा जिसके चलते शहर की जनता बेहद परेशान है.
वार्ड नंबर 15 के पार्षद शाहनवाज खान का कहना है कि शहर की साफ-सफाई को लेकर कई बार नगर परिषद में शिकायत की लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया, ऐसे में सफाई को लेकर लोग उनके पास पहुंचते हैं और सफाई कर्मी सफाई नहीं करते हैं तो खुद को फिर वार्ड की नालियों की सफाई करनी पड़ी. वीडियो में खुद शाहनवाज खान नालियों की सफाई करते हुए दिखाई दे रहे है.
वहीं शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर कुछ दिन पहले पार्षदों ने भी नगर परिषद के सामने धरना देकर विरोध जताया था और उस दौरान जिम्मेदारों ने सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने का भरोसा दिया था लेकिन हालात जस के तस बने हुए है. वहीं अस्थाई सफाईकर्मियों की मानें तो उनका कहना है कि ठेकेदार उनका भुगतान भी समय पर नहीं करता है.
Reporter: Laxmi Sharma
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