गुर्जर आरक्षण आंदोलनः पीपलखेड़ा में श्रदांजली सभा का आयोजन, सात लोगो की हुई थी मौत
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गुर्जर आरक्षण आंदोलनः पीपलखेड़ा में श्रदांजली सभा का आयोजन, सात लोगो की हुई थी मौत

दौसा जिले में 2007 में हुए गुर्जर आरक्षण आंदोलन की 14वीं बरसी पर रविवार को जिले के पीपलखेडा व पाटोली स्थित स्मारकों पर श्रद्धाजंलि सभाओं का आयोजन किया गया. 

गुर्जर आरक्षण आंदोलन

Dausa: दौसा जिले में 2007 में हुए गुर्जर आरक्षण आंदोलन की 14वीं बरसी पर रविवार को जिले के पीपलखेडा व पाटोली स्थित स्मारकों पर श्रद्धाजंलि सभाओं का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी तादात में सर्वसमाज के लोगों ने पहुंचकर आंदोलन के मृतकों को पुष्पाजंलि अर्पित की. 

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पीपलखेड़ा स्थित शहीद स्मारक व करणपुर मोड़ स्थित गुर्जर आंदोलन स्थल पर अलग—अलग पुष्पाजंलि कार्यक्रम रखे गए थे, जहां गुर्जर आरक्षण संघर्ष स​मिति के अध्यक्ष विजय बैंसला समेत कई लोग पहुंचे.

इस दौरान विजय बैंसला ने कहा कि ,आरक्षण के लिये गुर्जर समाज ने लम्बा संघर्ष किया है, लेकिन जब तक युवा पीढ़ी व समाज के पिछड़े तबके को इसका लाभ नहीं मिलेगा, तब तक सही मायने में आरक्षण की व्यापक क्रियान्विति नहीं हो सकती. मैं समाज के लोगों से अपील करता हूं कि अपने क्षेत्र में रहने वाले समाज के जरूरतमंद लोगों को आरक्षण का लाभ लेने के लिए प्रेरित करें.

इस दौरान गुर्जर नेता भूरा भगत, महुवा विधायक ओमप्रकाश हुड़ला, पूर्व जिला प्रमुख अजीतसिंह महुवा, महेन्द्रसिंह खेडला, सुरेन्द्र गुर्जर, सुमेर पाटोली, खेमराज पाटोली, पूर्व सरपंच विजयसिंह समेत बडी तादात में समाज के लोग पहुंचे.

आपको बता दें​ कि, 29 मई 2007 को आरक्षण की मांग के लिए, पाटोली-पीपलखेड़ा में गुर्जर आरक्षण आंदोलन के अगुवा रहे स्वर्गीय कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में हजारों की तादाद में समाज के लोग शामिल हुए. इस  दौरान nh11 को पूरी तरह आंदोलनकारियों ने जाम कर दिया था. जिससे हाईवे पर आवागमन बंद हो गया था. ऐसे में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने जाम को खुलवाने के लिए कई प्रयास किए थे, लेकिन मामला बिगड़ गया था और पुलिस व आंदोलनकारी आमने-सामने हो गए थे. 

 उस दौरान पुलिस को मजबूरन फायरिंग करनी पड़ी, जिसके चलते गुर्जर समाज के 7 लोग पुलिस की गोलियों का शिकार हो गए थे. आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए प्रतिवर्ष यहां गुर्जर समाज के लोग एकत्रित होते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. 

 समाज के लोगों का कहना है कि, समाज के जिन वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति देकर समाज के उत्थान का काम किया वह समाज उन्हें कभी नहीं भुला सकता .

Reporter: Laxmi Avatar Sharma

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