Delhi Mumbai Expressway: भारत सरकार द्वारा भारतमाला परियोजना के तहत देशभर में करीब 35000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग प्रस्तावित है. ऐसे में प्रथम चरण में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का कार्य प्रगति पर है. दिल्ली से राजस्थान के दौसा तक संभवतया जुलाई माह में हाईवे शुरू भी किया जा सकता है.
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Delhi Mumbai Expressway: भारत सरकार द्वारा भारतमाला परियोजना के तहत देशभर में करीब 35000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग प्रस्तावित है. ऐसे में प्रथम चरण में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का कार्य प्रगति पर है. दिल्ली से राजस्थान के दौसा तक संभवतया जुलाई माह में हाईवे शुरू भी किया जा सकता है. जिसकी तैयारियां अंतिम दौर में है. लोकसभा चुनाव से पहले यानी जनवरी 2023 में एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य पूर्ण होकर पूर्णतया शुरू होगा. करीब एक लाख करोड़ रुपए की लागत से बन रहा हाइवे देश का अब तक का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे है. 1350 किलोमीटर लंबा 8 लेन का एक्सप्रेस वे देश की प्रगति का हाईवे माना जा रहा है.
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एक्सप्रेस वे की है अनेक खूबियां
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे की अनेक खूबियां हैं. एक्सप्रेस वे बनने से देश के दो सबसे बड़े शहरों की एक दूसरे से दूरी कम होगी यानी 1350 किलोमीटर का लंबा सफर महज 12 घंटे में एक्सप्रेस वे से तय किया जा सकेगा. समय की बचत के साथ-साथ इर्धन भी कम खर्च होगा. जिसका लाभ एक्सप्रेस वे पर यात्रा करने वाले लोगों को मिलेगा. सबसे बड़ी खास बात यह है कि एक्सप्रेस-वे को जमीन से करीब 15 से 20 फीट ऊंचा रखा गया है. साथ ही उसे दोनों तरफ से बाइंडिंग किया गया है. जिससे कहीं से बीच में कोई प्रवेश नहीं कर सके इससे सड़क हादसों का भी खतरा नहीं होगा.
देश के पांच राज्यों और राजस्थान के सात जिलों से गुजर रहा है हाइवे
दिल्ली से मुंबई तक बन रहे एक्सप्रेस वे से वैसे तो देश के हर उस यात्री को राहत मिलेगी जो एक्सप्रेस वे पर होकर गुजरेंगे. इससे भी कहीं अधिक देश के पांच उन राज्य के लोगों को विशेष लाभ होगा जहां होकर यह हाईवे गुजर रहा है. दिल्ली से सीधा हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में होकर एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है. वहीं, राजस्थान के 7 जिलों अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा होता हुआ हाईवे मुंबई तक जा रहा है.
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दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से दिल्ली से जयपुर की दूरी महज 2 घंटे में तय की जा सकेगी. इसे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है. जहां पेड़ पौधे और फुलवारी एक्सप्रेस वे पर दिखाई देंगी. साथ ही वाइल्डलाइफ का ध्यान रखते हुए वाहनों के हॉर्न में भी बदलाव किया जाएगा, जिससे वाइल्ड लाइफ में विचरण करने वाले पशु पक्षियों को भी परेशानी नहीं हो.
एक्सप्रेस वे के दोनों ओर इंडस्ट्रीज विकसित हो इसको लेकर भी केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को पत्र लिखे हैं. हालांकि केंद्र सरकार द्वारा भी कुछ जगह चिन्हित कर रोजगार के साधन मुहैया करवाए जाएंगे, जिससे बड़ी तादाद में बेरोजगारों को भी रोजगार मिलेगा. वहीं, भविष्य में एक्सप्रेस वे में चार लेन और बढ़ाई जा सके इसके लिए भी जगह रखी गई है. साथ ही हाईवे को इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की मुहिम पर भी सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा काम किया जा रहा है, जिससे पेट्रोल डीजल से भी छुटकारा मिल सके. वहीं, पेट्रोल डीजल की जगह इथेनॉल के प्रयोग पर भी काम हो रहा है.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की अति महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसे देश की प्रगति का धोतक बताया गया है और अब वह दिन दूर नहीं जब देश के अब तक के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे पर सरपट वाहन दौड़ते दिखाई देंगे. एक्सप्रेस वे की आधारशिला 9 मार्च 2019 को रखी गई थी और जल्द ही भारत सरकार द्वारा इसे देश के लोगों को समर्पित किया जाएगा.
Report: Laxmi Avatar Sharma
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