Dholpur News: धौलपुर में नर्सरी में रखें पौधे बारिश की भेंट चढ़ गए हैं. करीब 3 लाख पौधे पानी में डूबकर बर्बाद हो गए हैं,जवाहर नवोदय विद्यालय सहित अन्य विभागों में इस बार सुस्ती के कारण कोई हलचल नहीं दिखी.आखिर कहां हो गई चूक, क्या इन पौधों को पानी में डूबने से नहीं बचाया जा सकता था.
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Dholpur News: धौलपुर जिले की धरा को हराभरा करने के लिए इस बार लाखों पौधो से शहर को हरा करने का लक्ष्य था,लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से सरकारी नर्सरी में कई दिनों तक पौध रखे रहे, जो काफी दिनों से सूख भी रहे थे. उसके बाद शहर में लगातार हुई बारिश के जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने से जलभराव की स्थिति पैदा हो गई.
और पानी जा घुसा नर्सरी में जिससे उसमें रखे 2 लाख 95 हजार पौधे व बीज डालकर और तैयार किये जा पौधे नष्ट हो गए नर्सरी में पानी में डूबकर नष्ट हो गए. केन्द्रीय वन पौधशाला के प्राभारी ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी.
हर साल मानसून आने से पहले जिले को हरा भरा करने का संकल्प प्रशासनिक अधिकारी लेते हैं. जिसके लिए सभी सरकारी विभागों में पौधारोपण करने के निर्देश जारी किए जाते हैं. लेकिन उसके बाद भी कई विभागों में नर्सरी से पौधा लगने के लिए पहुंच जाते हैं, तो उन विभागों में परिसर में रखकर सूखकर दम तोड़ जाते हैं. जिले के एक दर्जन से अधिक ऐसे विभाग हैं, जहां पर पौधरोपण हुआ ही नहीं. राजकीय मेडिकल कॉलेज में इस बार नर्सरी से पौधा नहीं पहुंचे.
वहीं, जवाहर नवोदय विद्यालय सहित अन्य विभागों में इस बार सुस्ती के कारण कोई हलचल नहीं दिखी.लेकिन दो दिन से हो रही बारिश के कारण 2 लाख 95 हजार पौध केन्द्रीय नर्सरी में दम तोड़ गई. जो पूरी तरह बारिश में डूबकर नष्ट हो गए. वहीं, इस नर्सरी में केवल 1 लाख 28 हजार पौधे जिले के अन्य विभागों में वितरण किए गए. जहां पर भी पौधे दीवार किनारे रखे दम तोड़ गए थे.
जिले में हर कार्यक्रम में शहर को हरा भरा करने के लिए संकल्प के साथ-साथ शपथ दिलाई जाती है.लेकिन पौधा लगवाने में विभाग के अधिकारी रूचि न दिखाने के कारण वह नर्सरी में ही बर्बाद हो रहे है.नर्सरी के प्रभारी रामनिवास ने बताया कि कई विभाग में पौधे पहुंच गए थे.लेकिन कई बार के अधिकारी पौधा लेने ही नहीं आए थे.जिससे वह नर्सरी में ही पौध रखी रही.बारिश में वह बर्बाद हो गए.
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