सागवाड़ा: बेशकीमती भूमि को नामान्तरण का मामला, निलंबित अधिकारियों से CEO ने की पूछताछ
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1356871

सागवाड़ा: बेशकीमती भूमि को नामान्तरण का मामला, निलंबित अधिकारियों से CEO ने की पूछताछ

डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा में कडाणा विभाग की 30 करोड़ से अधिक की सरकारी भूमि का पिछले दिनों नामान्तरण खोलकर उसकी रजिस्ट्री करते हुए बेच देने के मामले की जांच शुरू हो गई है. 

अधिकारियों से CEO ने की पूछताछ

Sagwara: डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा में कडाणा विभाग की बेशक़ीमती भूमि के नामांतरण खोले जाने के बाद रजिस्ट्री कर देने के प्रकरण के मामले में जांच अब धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है. कलेक्टर की ओर से नियुक्त जांच अधिकारी जिला परिषद सीईओ दीपेन्द्र सिंह राठोड ने सागवाड़ा पहुंचकर अपनी जांच शुरू की. वहीं मामले में निलंबित चल रहे तहसीलदार, गिरदावर और पटवारी से पूछताछ करते हुए भूमि रिकॉर्ड की जानकारी ली.

यह भी पढे़ं- सागवाड़ा: फर्जी तरीके से जमीन की खरीद-फरोख्त का मामला, कलेक्टर ने दिए ये निर्देश

डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा में कडाणा विभाग की 30 करोड़ से अधिक की सरकारी भूमि का पिछले दिनों नामान्तरण खोलकर उसकी रजिस्ट्री करते हुए बेच देने के मामले की जांच शुरू हो गई है. डूंगरपुर जिला कलेक्टर डॉ. इन्द्रजीत यादव ने पूरे मामले की विभागीय जांच के लिए डूंगरपुर जिला परिषद सीईओ दीपेन्द्र सिंह राठोड को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. इधर, जांच अधिकारी दीपेन्द्र सिंह राठोड मामले की जांच के लिए सागवाड़ा पहुंचे. जहां पर उन्होंने मामले में 22 अगस्त को निलंबित किए सागवाड़ा तहसीलदार मयूर शर्मा, गिरदावर मुकेश भोई और गोवाड़ी पटवारी राकेश मीणा और इससे जुड़े अन्य कर्मचारियों से पूछताछ के साथ ही रिकॉर्ड संबंधी जानकारी ली. 

इस मौके पर जांच के लिए आये जिला परिषद सीईओ दीपेन्द्र सिंह राठोड ने बताया की  पूरे मामले को लेकर कडाणा विभाग के अधिकारियों के पक्ष को भी जाना है और बयान लिए गए हैं. वहीं उन्होंने बताया की इस मामले में कडाणा विभाग से भी रिकॉर्ड लिया गया है. इस मामले में जो भी तथ्य उनके सामने आए हैं, इसकी एक रिपोर्ट बनाकर जल्दी ही कलेक्टर को प्रस्तुत की जाएगी.

इधर इस पूरे प्रकरण ज़मीन ख़रीदने वाले, बेचने वाले और गवाह पुलिस की पकड़ से दूर हैं, जिससे इस पूरे मामले का खुलासा नहीं हो पा रहा है कलेक्टर की ओर से की जा रही जांच में सिर्फ़ तहसीलदार गिरदावर और पटवारी की भूमिका की जांच हो पाएगी. पुलिस की ओर से की जा रही जांच आगे नहीं बढ़ने से मुख्य साजिशकर्ता अभी भी पकड़ से दूर हैं. गौरतलब है की राजस्व विभाग की ओर से निकले एक फर्जी आदेश के चलते 8 अगस्त को सागवाड़ा तहसीलदार, गोवाडी गिरदावर और पटवारी ने कडाना विभाग की 30 करोड़ से अधिक की करीब 3 बीघा भूमि का नामान्तरण मूल खातेदार के नाम खोल दिया था और अगले ही दिन 9 अगस्त को छुट्टी के दिन उसकी रजिस्ट्री कर दी थी.

Reporter: Akhilesh Sharma

जयपुर की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें. 

अन्य खबरें

कोई अपना ही तो नहीं दे रहा आपको धोखा, इन 10 संकेतों से जानें कौन है वो..

Men's Period: पुरुष भी गुजरते हैं हर महीने पीरियड्स के दर्द से, जानकार हो जाएंगे हैरान, आखिर कैसे ?

Trending news