राजस्थान में यहां से TB बीमारी को लेकर सुखद खबर, जांच की संख्या बढ़ाने के बाद भी साल दर साल टीबी के मरीजों में हो रही कमी
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2304106

राजस्थान में यहां से TB बीमारी को लेकर सुखद खबर, जांच की संख्या बढ़ाने के बाद भी साल दर साल टीबी के मरीजों में हो रही कमी

Rajasthan News: एचआइवी (एड्स) के बाद दूसरी सबसे ज्यादा खराब बीमारी टीबी को माना जाता है क्योंकि अगर इसका समय से सही इलाज न हुआ तो यह जानलेवा भी हो जाती है. 

राजस्थान में यहां से TB बीमारी को लेकर सुखद खबर, जांच की संख्या बढ़ाने के बाद भी साल दर साल टीबी के मरीजों में हो रही कमी

Dungarpur News: डूंगरपुर जिले में टीबी बीमारी को लेकर सुखद खबर है. डूंगरपुर जिले में साल दर साल टीबी के मरीजो की संख्या में कमी हो रही है. विभाग की ओर से की गई जांच में वर्ष 2021 में 25 फीसदी, वर्ष 2022 में 21 फीसदी, वर्ष 2023 में 17 फीसदी और वर्ष 2024 मई तक 6 फीसदी मरीज टीबी से ग्रसित पाए गए है.

एचआइवी (एड्स) के बाद दूसरी सबसे ज्यादा खराब बीमारी टीबी को माना जाता है क्योंकि अगर इसका समय से सही इलाज न हुआ तो यह जानलेवा भी हो जाती है. जानलेवा इस बीमारी को भारत से खत्म करने के लिए सरकार द्वारा चलाये जा रहे प्रयासों के सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं. डूंगरपुर क्षय रोग निवारण केंद्र की प्रभारी डॉ करिश्मा पंचाल ने बताया की वित्तीय वर्ष 2019-20 में 4208 मरीज थे. वित्तीय वर्ष 2020-21 में यह संख्या घटकर 2869 पर आ गई.

उन्होंने कहा कि वहीं इसके बाद प्रति वर्ष इन आंकड़ों में कमी आती जा रही है. वर्ष 2021-22 में विभाग की ओर से 7 हजार 377 लोगों की टीबी की जांच की गई जिसमें 1869 मरीज टीबी के पाए गए. इसी तरह वर्ष 2022 में 14 हजार 869 जांच की गई जिसमें 21 फीसदी मरीज टीबी के आये तो वही वर्ष 2023 में 20 हजार 567 जांच की गई जिसमे से 17 फीसदी मरीज टीबी के निकले. इधर डॉ करिश्मा ने बताया की वर्ष 2024 में अभी तक 24 हजार 798 जांच की गई जिसमें 6 फीसदी टीबी के मरीज सामने आये है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा चलाए जा कार्यक्रमों का ही परिणाम है की इस रोग के मरीजों की संख्या लगातार घट रही है.

टीबी मरीज को मुफ्त इलाज के साथ मिलती आर्थिक मदद

डॉ करिश्मा पंचाल ने बताया की सरकार टीबी मरीज की जांच लेकर पूरा इलाज मुफ्त करती है. वहीं मरीज को पौष्टिक खाना के लिए इलाज चलने तक प्रतिमाह 500 रुपये आर्थिक सहायता भी देती है तथा चिकित्सालय में भर्ती होने पर अलग से आने जाने का खर्च का खर्च भी देती है.

Trending news