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डूंगरपुर: प्रदेश में 12 वी साइंस, कॉमर्स व आर्ट्स का रिजल्ट जारी होने के बाद अब कॉलेज शिक्षा में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियो की दौड़ शुरू हो गई है . तीनो ही संकाय में इस बार 18 हजार 920 छात्र छात्राएं पास हुए है. इसमें 8 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं फर्स्ट डिवीजन से पास हुए हैं, लेकिन डूंगरपुर जिले के 9 सरकारी कॉलेजो में 4916 सीट प्रथम वर्ष में है. ऐसे में हजारों विद्यार्थियों का सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेने का सपना टूट सकता है. विभिन्न छात्र संगठनों ने सरकार से प्रथम वर्ष की सीट ज्यादा से ज्यादा बढाने की मांग की है .
प्रदेश में 12 वी साइंस, कॉमर्स व आर्ट्स का रिजल्ट जारी होने के बाद अब कॉलेज शिक्षा में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियो की दौड़ शुरू हो गई है . डूंगरपुर जिले में तीनो ही संकाय में इस बार 18 हजार 920 छात्र छात्राएं पास हुए है. इसमें 8 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं फर्स्ट डिवीजन से पास हुए है. वहीं, कॉलेज शिक्षा निदेशालय की तरफ से प्रवेश को लेकर शिड्यूल जारी कर दिया है, लेकिन डूंगरपुर जिले में इन विद्यार्थियों को सरकारी कालेजो में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि डूंगरपुर जिले के तीन नए सरकारी कॉलेज समेत 9 सरकारी कॉलेजों को प्रथम वर्ष में 4916 सीट आवंटित है. यदि विद्यार्थियों की मांग व नियम अनुसार 15 फीसदी सीटो की बढ़ोतरी होती है तो 5617 सीट हो सकती है.
वहीं, इसके बाद भी 13 हजार से अधिक विद्यार्थियों को सरकारी कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाएगा. वही सरकारी कॉलेज में सीट भरने के बाद शेष छात्र-छात्राओ को निजी कालेज में एडमिशन लेना पड़ेगा. सरकारी कॉलेज में प्रवेश के लिए कट ऑफ़ हाई रहने की संभावना है. 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वालो के लिए सरकारी कॉलेज में एडमिशन की उम्मीद है, लेकिन 60-65 प्रतिशत अंक प्राप्त कर फर्स्ट डिवीजन होने के बाद दाखिला मिलने की संभावना व उम्मीद कम दिख रही है.
सामान्य, एसटी, एससी, ईडब्ल्यूएस व ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण
डूंगरपुर जिले के सबसे बड़े भोगीलाल पंडया राजकीय कॉलेज की बात करें तो यहां पर फर्स्ट ईयर के लिए 2840 सीट है. इसमें आर्ट्स की 2100, कॉमर्स की 300, साइंस बायो की 264, साइंस मैथ्स की 176 सीट आवंटित है. यहां पर एडमिशन के लिए अधिक चुनोती देखने को मिल सकती है. इस बार तीनो ही संकाय में परीक्षा परिणाम अच्छा रहने से कट ऑफ़ हाई जाने की पूरी संभावना है. सभी संकाय में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले कई विद्यार्थी है. इस वजह से सरकारी कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए काफी चुनौतियां विद्यार्थियो के सामने होगी. क्योकि सरकारी कालेज में सामान्य, एसटी, एससी, ईडब्ल्यूएस व औबीसी वर्ग के लिए सीट आरक्षित है. आवेदन के बाद मेरिट बनती है. इस बार तीनो ही संकाय में प्रथम श्रेणी से पास होने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक है.
विभिन्न कॉलेजों में प्रथम वर्ष में सीटों की स्थिति
-एसबीपी राजकीय कॉलेज डूंगरपुर 2840
-वीरकाली बाई कन्या कॉलेज डूंगरपुर 748
-राजकीय कॉलेज बिछीवाड़ा 200
-राजकीय कॉलेज चीखली 200
-राजकीय कॉलेज सीमलवाड़ा 200
-भीखा भाई राजकीय कॉलेज 488
-राजकीय कॉलेज झोथरी 80
-राजकीय कॉलेज पालदेवल 80
-राजकीय कॉलेज रामसागड़ा 80
कुल 4916 सीट
15 फीसदी से ज्यादा सीट बढाने की मांग
इधर कालेजो में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए विभिन्न छात्र संगठनों ने राज्य सरकार से आदिवासी जिलो के गरीब विद्यार्थियो के लिए सीट 15 फीसदी से ज्यादा बढाने की मांग की है . ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थीयों को सरकारी कॉलेज में प्रवेश मिल सके . विभिन्न छात्र संगठनों के नेताओं का कहना है की आदिवासी बहुल जिला होने के चलते यहाँ पर लोगो की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिसके चलते वे निजी कॉलेज में भी एडमिशन नहीं ले पाएंगे .
बहरहाल, 12 वी साइंस, कॉमर्स व आर्ट्स का रिजल्ट जारी होने के बाद अब कॉलेज शिक्षा में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों की दौड़ शुरू हो गई है. हर किसी विद्यार्थी की सरकारी कॉलेज में प्रवेश लेने की लालसा है, लेकिन सरकारी कालेजो में सीटो की कमी ऐसे विद्यार्थियों की उम्मीदों पर पानी फेर सकती है . खेर अब देखने वाली बात होगी की सरकार की ओर से कितने फीसदी पद बढाकर ऐसे विद्यार्थियो को राहत दी जाती है .
Reporter- Akhilesh Sharma