डूंगरपुर में पुलिस विभाग व यूनिसेफ की ओर से बाल संरक्षण विषयक कार्यशाला का आयोजन. इस दौरान अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीष भीलवाड़ा महेन्द्र कुमार दवे ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 अर्न्तगत हितधारकों की भूमिका के बारे में जानकारी प्रदान की.
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Dungarpur: डूंगरपुर में पुलिस विभाग व यूनिसेफ की ओर से बाल संरक्षण विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में विभिन्न कानूनों के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान पुलिस लाइन में कम्युनिटी पुलिसिंग टू बिल्ड अवेयरनेस एण्ड ट्रस्ट कार्यक्रम के अन्तर्गत बाल संरक्षण विषयक कार्यशाला में भीलवाड़ा के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र कुमार दवे, एसपी राशि डोगरा ने बाल संरक्षण को लेकर बने विभिन्न कानूनों की जानकारी दी.
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कार्यशाला में डूंगरपुर पुलिस उपाधीक्षक राकेश शर्मा ने बाल संरक्षण संबंधित कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों के बारे में बताया. वहीं कार्यशाला में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीष भीलवाड़ा महेन्द्र कुमार दवे ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 अर्न्तगत हितधारकों की भूमिका के बारे में जानकारी प्रदान की. उन्होंने बच्चों के साथ होने वाले लैंगिक अपराधों से संबंधित अनुसंधान प्रक्रियाओं, रिपोर्टिंग तथा विशेष विधिक प्रावधानों के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि वर्तमान व्यवस्थाओं तथा तकनीकी के कारण बच्चों के साथ संरक्षक के वास्ताविक रूप में समय व्यतित करना आवश्यक है, जिससे उनकी आवश्यकताओं को पहचाना जा सके.
कार्यशाला के दौरान अधिकारियों ने बालकों से संबंधित मामलों में अनुसंधान के दौरान आने वाली समस्याओं पर सवाल किये गए, जिनका न्यायाधीश दवे ने जवाब दिया. वहीं कार्याशाला में पुलिस अधीक्षक राशि डोगरा ने पुलिस अधिकारियों को थाना स्तर पर बालकों से संबंधित अपराधों की रोकथाम तथा बाल मैत्री प्रक्रियाओं के संचालन के बारे में दिशा निर्देश दिये. कार्यशाला में जिले के पुलिस थानों के थानाधिकारी, बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों सहित, प्रभारी, मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ चाईल्ड हेल्प लाईन आदि के प्रतिनिधि मौजूद रहें.
Reporter - Akhilesh Sharma
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