राज्य सरकार की ओर से चिकित्सा क्षेत्र में कई सुविधाएं उपलब्ध कराने के बाद भी डूंगरपुर जिले के गुजरात से सटे क्षेत्रो में रहने वाले करीब 80 फीसदी लोग इलाज के लिए हिम्मतनगर, मोडासा, अहमदाबाद जाते हैं.
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Dungarpur: राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में कई सुविधाए उपलब्ध करवाने के बाद डूंगरपुर जिले से इलाज के लिए लोगों का गुजरात पलायन हो रहा है. इस पलायन को रोकने के लिए अब डूंगरपुर स्वास्थ्य विभाग ने एक माइक्रो प्लान बनाया है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुजरात से सटे डूंगरपुर जिले के गांवों में राजकीय चिकित्सा संस्थानों की सुविधाओं और व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाएगा. वहीं, मेडिकल स्टाफ को भी पाबंद किया जाएगा. प्लान पर स्वास्थ्य विभाग ने काम भी शुरू कर दिया है और खुद कलेक्टर इसकी मोनिटरिंग कर रहे हैं.
जिले में राज्य सरकार की ओर से चिकित्सा क्षेत्र में कई सुविधाएं उपलब्ध कराने के बाद भी डूंगरपुर जिले के गुजरात से सटे क्षेत्रो में रहने वाले करीब 80 फीसदी लोग इलाज के लिए हिम्मतनगर, मोडासा, अहमदाबाद जाते हैं क्योकि इनके गांवों से वहां के अस्पतालों की दूरी कम है. उनके गांव के नजदीकी चिकित्सा संस्थानों में पर्याप्त सुविधाए भी नहीं है. वहीं, सागवाड़ा उप जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का जिला अस्पताल की दूरी ज्यादा है.
इधर, चिकित्सा के लिए गुजरात पलायन को रोकने के लिए अब डूंगरपुर जिले के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एक माइक्रो प्लान बनाया है. डूंगरपुर जिले के सीएमएचओ डॉ कांतिलाल पलात ने बताया कि माइक्रो प्लान के तहत डूंगरपुर सीमा के गुजरात बोर्डर से सटे गांवों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्टाफ और चिकित्सकीय सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा. वहीं, इसके साथ ही गांव-गांव जाकर लोगों को मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना, दवा योजना, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से जागरूक किया जाएगा.
24 घंटे खुलेंगे अस्पताल
डूंगरपुर जिले के सीएमएचओ डॉ कांतिलाल पलात ने बताया कि यहां के लोगों में ये भ्रम पैदा कर दिया गया है कि गुजरात में अच्छा इलाज होता है, जबकि डूंगरपुर में नहीं. अच्छा इलाज कराना है तो गुजरात जाना होगा इसलिए उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक करने के साथ राजकीय अस्पतालों में सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा और कोशिश रहेगी गुजरात से सटे गांवों के अस्पतालों को 24 घंटे खोला जाए. वहीं, वहा पर पर्याप्त एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की जाएगी.
आशा व एएनएम को करेंगे पाबंद
डूंगरपुर जिले के सीएमएचओ डॉ कांतिलाल पलात ने बताया कि इस माइक्रो प्लान में आशा सहयोगिनी व एएनएम को भी एक्टिव किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर दर्ज होने वाली गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी हमारे ही चिकित्सा संस्थानों पर हो इसके लिए आशा सहयोगिनी और एएनएम को पाबंद करेंगे. वे इनकी सतत निगरानी करें और डूंगरपुर जिले के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में डिलवरी करवाने के लिए महिलाओं को प्रेरित करें.
बहराल डूंगरपुर जिले के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इलाज के लिए गुजरात पलायन पर रोक लगाने के लिए प्लान तो बना लिया है. वहीं, कुछ जगह पर इस प्लान पर काम भी शुरू हो गया है, लेकिन इस प्लान से गुजरात पलायन पर कितनी रोक लग पाती है ये तो आने वाला समय ही बताएगा.
Reporter- Akhilesh Sharma
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