जिस्म जला देने वाली आग के बीच काम कर रहे बच्चे, दिन में 18 घंटे बना रहे चूड़ियां
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जिस्म जला देने वाली आग के बीच काम कर रहे बच्चे, दिन में 18 घंटे बना रहे चूड़ियां

जयपुर उत्तर शहर के दो थाना क्षेत्रों भट्टा बस्ती और विद्याधर नगर में बाल श्रम के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए कुल 17 नाबालिग बालकों को चूड़ी कारखाने से मुक्त कराया.

आग के बीच बच्चे 18 घंटे बना रहे चूड़ियां.

Jaipur: राजधानी जयपुर (Jaipur Police) में बालश्रम के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जयपुर के भट्टा बस्ती और विधाधर नगर थाना इलाके से 17 बालश्रमिकों को मुक्त करवाया गया है. श्रम विभाग, मानव तस्करी विरोधी यूनिट एवं पुलिस थाना भट्टा बस्ती और राजस्थान बचपन बचाओ आंदोलन के सहयोग से जयपुर उत्तर शहर के दो थाना क्षेत्रों भट्टा बस्ती और विद्याधर नगर में बाल श्रम के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए कुल 17 नाबालिग बालकों को चूड़ी कारखाने से मुक्त कराया. कुल 3 अभियुक्तों को मौके से गिरफ्तार किया गया.

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कार्रवाई के दौरान, भट्टा बस्ती थाना क्षेत्र के एक कारखाने से 2 नाबालिग बच्चे और 1 आरोपी को मौके से गिरफ्तार किया एवं दूसरे कारखाने से 13 नाबालिग बच्चे और 2 आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया. दोनों प्रकरणों में, कुल तीन अभियुक्तों को पकड़ कर पुलिस थाना भट्टा बस्ती लाया गया. भट्टा बस्ती पुलिस थाना में बंधुआ मजदूरी कानून की धारा 16, 17, 18, भारतीय दण्ड संहिता के धारा 370(5), 374, 344 जे जे एक्ट की धारा 75, 79 एवं बाल श्रम कानून की धारा 3, 14 के तहत 2 प्राथमिकी दर्ज करते हुए आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है. आपको बता दें कि मुक्त हुए बच्चों में सबसे छोटा बच्चा करीब 10 वर्ष उम्र का है. इन बच्चों से चूड़ी के कारखाने में करीब 14 से 18 घंटे तक काम करवाया जाता है.

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दूसरी ओर, विद्याधर थाना क्षेत्र से गर्म लाख के कारखाने से 2 बच्चों को मुक्त करवाया गया. गर्म लाख के कारखाने में काम करते समय कई बार मासुमों के हाथ भी जल जाते हैं. इन बच्चों को डरा धमकाकर कारखाने में ही रखा जाता है और बाहर नहीं जाने दिया जाता. अधिकतर बच्चे बिहार और झारखंड में रहने वाले गरीब परिवारों से लाये जाते हैं. फिलहाल पुलिस इन्हें मुक्त करवाकर एनजीओ की मदद से वापस अपने घर भेजने की व्यवस्था कर रही है. वहीं तीनों आरोपियों से पूछताछ जारी है.

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