मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा समेत कुछ विधायकों के क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन हुआ है. वहीं, कई मंत्रियों-विधायकों के क्षेत्रों में प्रदर्शन बेहद लचर नजर आया।
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जयपुर: डिजिटल सदस्यता अभियान में कांग्रेस ने अभी तक 20 लाख सदस्य बना पाए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के विधानसभा क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन दिखा, वहीं, कई मंत्रियों-विधायकों के क्षेत्रों में प्रदर्शन बेहद खराब रहा. दरअसल 15 दिन की अवधि बढाने के बावजूद कांग्रेस डिजिटल सदस्यता अभियान में तय लक्ष्य से कोसों दूर है. अभियान के तहत 50 लाख सदस्य बनाने का टारगेट रखा गया था, लेकिन समय सीमा में बढोतरी के बावजूद कांग्रेस करीब 20 लाख सदस्य ही बना पाई है.
अभियान के तहत कई विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी का प्रदर्शन बेहद लचर रहा है. खास तौर से बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों और सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों के क्षेत्रों में पार्टी सदस्यता अभियान में ज्यादा पिछड़ी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा समेत कुछ विधायकों के क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन भी हुआ है. डिजिटल सदस्यता अभियान के स्टेट कॉर्डिनेटर सीताराम अग्रवाल के मुताबिक राजस्थान में अभियान की देरी से शुरुआत हुई जिसका असर अभियान पर पड़ा.
बीजेपी की तरह फर्जी सदस्य नहीं बने
बाद के दिनों में अभियान ने गति पकड़ी और अब तक करीब 18 लाख सदस्य बन चुके हैं. साथ ही करीब 2 लाख प्रोविजनल मेम्बर भी हैं. इस तरह सदस्यता का आंकड़ा 20 लाख पार कर चुका है. कांग्रेस इस आंकड़े को भी अपनी सफलता के तौर पर देख रही है और कह रही है कि इसमें भाजपा के मिस कॉल अभियान की तरह फर्जी मेम्बर नहीं बने हैं, बल्कि इसमें ओटीपी वेरीफिकेशन के जरिए वाजिब लोगों को ही सदस्यता दी गई है.
चित्तौड़गढ़ में सबसे बेहतर प्रदर्शन
शुरुआत में पार्टी नेताओं की इस अभियान के प्रति ज्यादा दिलचस्पी देखने को नहीं मिली. अभियान के आखिरी दिनों में नेताओं ने ऐड़ी-चोटी का जोर जरुर लगाया. कांग्रेस ने मैनुअल रुप से भी 15 लाख सदस्य बनाए हैं. डिजिटल सदस्यता अभियान में चित्तौड़गढ विधानसभा क्षेत्र अव्वल, बस्सी दूसरे नम्बर पर और सिकराय तीसरे नम्बर पर रहा. मंत्री-विधायक और पार्टी नेता अगर शुरुआत से उपेक्षा नहीं बरतते तो सदस्यता का आंकड़ा काफी बेहतर हो सकता था.
तीन मंत्री के क्षेत्र में 1000 से कम सदस्य बने
14 अप्रैल तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, जिन क्षेत्रों में निर्दलीय विधायक हैं उन क्षेत्रों में अभियान की प्रगति लचर रही है. 13 में से 10 निर्दलीय विधायकों के क्षेत्र में सदस्यता का आंकड़ा 1000 से कम रहा. हालांकि, बस्सी में करीब 41 हजार और दूदू में करीब 17 हजार सदस्य बने. वहीं, बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के क्षेत्र में भी फिसड्डी प्रदर्शन साबित हुआ. कांग्रेस में शामिल हुए 6 में से 5 विधायकों के क्षेत्र में 1500 से कम सदस्य बने. केवल दीपचन्द खेरिया के क्षेत्र में करीब 10 हजार सदस्य बन पाए हैं. वहीं, 3 मंत्री और 10 विधायकों के क्षेत्र भी ऐसे हैं, जिनमें 1000 से कम सदस्य बन पाए. इनमें मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, राजेन्द्र गुढा और डॉ. सुभाष गर्ग के क्षेत्र शामिल हैं.
इन मंत्रियों के क्षेत्र में औसत रहा प्रदर्शन
वहीं सीएम गहलोत और पीसीसी चीफ डोटासरा के क्षेत्र में सदस्यता का आंकड़ा अच्छा रहा, मंत्री टीकाराम जूली, ममता भूपेश, अशोक चांदना, सुखराम विश्नोई के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन, मंत्री मुरारीलाल मीणा, परसादीलाल मीणा और लालचंद कटारिया के क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन रहा. दिव्या, मदेरणा, सुरेश मोदी, अमित चाचाण, हरीश चौधरी, रघु शर्मा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन. किशनाराम विश्नोई, गणेश घोघरा, गोपाल मीणा के क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन. इस सभी के क्षेत्रों में सदस्यता का आंकड़ा 20 हजार से लेकर 48 हजार तक रहा.