आप के पूर्व पार्षद हसीब-उल-हसन को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आगामी चुनावों के लिए टिकट नहीं दिए जाने के बाद टेंशन में आकर रविवार को दिल्ली में एक ट्रांसमिशन टावर पर चढ़ गए.
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Jaipur | Delhi News: आम आदमी पार्टी (आप) के एक पूर्व पार्षद ने आगामी निकाय चुनावों में टिकट नहीं दिए जाने से टेंशन में आकर रविवार को दिल्ली में एक ट्रांसमिशन टावर पर चढ़ गए. आप के पूर्व पार्षद हसीब-उल-हसन को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आगामी चुनावों के लिए टिकट नहीं दिए जाने के बाद नाखुश थे और उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं पर धोखा देने का आरोप लगाया. हसीब ने कहा कि आखिरी समय में उनका टिकट काट दिया गया और उनकी जगह किसी और का नाम दिया गया. हालांकि, कुछ देर बाद उन्हें टावर से नीचे उतार लिया गया.
टिकट नहीं मिलने से टेंशन में आप नेता
पार्षद हसीब-उल-हसन ने यह दावा करते हुए कि पार्टी ने उनसे वादा किया था कि उन्हें आगामी चुनाव में टिकट मिलेगा, हसन ने शनिवार को अपने सभी निजी दस्तावेज पार्टी कार्यालय में जमा कर दिए थे. पार्षद को न केवल उन्हें टिकट दिया गया,बल्कि उन्होंने आरोप लगाया कि उनके दस्तावेज भी उन्हें वापस नहीं किए गए, इसलिए वह स्वतंत्र रूप से चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे.
सोशल मीडिया पर लाइव आकर पार्टी पर किया ताबड़तोड़ हमला
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पार्टी के नेता आतिशी, दुर्गेश पाठक और संजय सिंह ने टिकट पाने के लिए तीन करोड़ मांगे थे और उनके पास भुगतान करने के लिए पैसे नहीं थे. पार्षद हसीब-उल-हसन ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे आज अगर कुछ होता है, तो मेरी मौत के जिम्मेदार आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक और आतिशी जी होंगी, क्योंकि मेरे डॉक्यूमेंट्स, पास बुक तक इन लोगों ने जमा कर ली है. कल नामांकन का आखिरी दिन है. मेरे बार-बार मांगने पर भी पार्टी कागज वापस नहीं दे रही है. टिकट नहीं देना था तो ना दें, लेकिन कागजात तो वापस कर दें.
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पहले भी नाले में उतर चुके हैं हसीब-उल-हसन
इससे पहले मार्च, 2022 में हसीब-उल-हसन नाले में उतरकर उसकी सफाई करते दिखे थे उनका कहना था कि सफाई न होने के कारण नाला ओवर फ्लो हो रहा था. बार बार शिकायत करने पर भी नाले की सफाई नहीं हुई, इसके बाद उन्होंने खुद इसे साफ करने का फैसला लिया. सफाई के बाद लोगों ने उन्हें दूध से नहलाया था. ये बात अलग है कि उस समय नाले की सफाई नहीं होने से नाराज थे और आज टिकट नहीं मिलने से.