प्रशासन शहरों के संग अभियान फिर से शुरू, सरकार का यह आदेश निगम के लिए बना 'गलफांस'
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प्रशासन शहरों के संग अभियान फिर से शुरू, सरकार का यह आदेश निगम के लिए बना 'गलफांस'

प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत फिर शिविर लगाए जाएंगे, लेकिन सरकार का एक आदेश दोनों नगर निगमों के लिए गलफांस बन गया है. 

प्रशासन शहरों के संग अभियान

Jaipur: प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत फिर शिविर लगाए जाएंगे, लेकिन सरकार का एक आदेश दोनों नगर निगमों के लिए गलफांस बन गया है. स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश दिया है कि जिस कॉलोनी का नियमन शिविर है, उस शिविर से दो दिन पहले निकाय कर्मचारी उस कॉलोनी में जाकर लोगों को शिविर की जानकारी देंगे. 

साथ ही आवश्यक दस्तावेजों के बारे में भी बताएंगे. जयपुर ग्रेटर नगर निगम और हैरिटेज नगर निगम कार्मिकों की कमी से जूझ रहे हैं, ऐसे में अगर कर्मचारी सर्वे में चले गए तो नियमन शिविर में कौन बैठेगा. एक समस्या यह भी है कि अगर अन्य कर्मचारियों को इस काम में लगाया जाता है तो जोन दफ्तर का काम प्रभावित होगा. ऐसे में सर्वे का काम करने के दौरान वार्ड में लगने वाले शिविरों का काम भी प्रभावित होना तय माना जा रहा है. 

सरकार के इस आदेश को लेकर निगम गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है. दोनों नगर निगमों में 250 वार्ड है, ऐसे में हर दिन दोनों नगर निगमों में 8 से 12 वार्डों में शिविर लगाए जाएंगे. हर जोन का कर्मचारी इन शिविरों में लगेगा, ऐसे में जिन वार्डों में दो दिन बार शिविर लगेंगे, वहां घर-घर सर्वे करना निगम प्रशासन के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. 

इस आदेश के पीछे सरकार की मंशा है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नियमन शिविर की जानकारी मिलनी चाहिए जिससे वे शिविर में भाग ले सकें. यही नहीं अगर कर्मचारी जाकर सरकार की ओर से दी जा रही छूट की जानकारी देगा तो गरीब व्यक्ति भी पट्टा पाने के लिए शिविर में आएगा.

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