आमेर तहसीलदार अनुराग यादव फिर विवादों में, पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग एनीव्हेयर सिस्टम पर खड़े किए सवाल
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आमेर तहसीलदार अनुराग यादव फिर विवादों में, पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग एनीव्हेयर सिस्टम पर खड़े किए सवाल

विवादों में रहने वाले आमेर तहसीदार अनुराग यादव ने एक आदेश निकालकर फिर विवाद खड़ा कर दिया है. यादव ने पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग एनीव्हेयर सिस्टम पर एक आदेश निकालकर सवाल उठा दिए हैं. दरअसल पंजीयन व मुद्रांक विभाग ने शहर के आसपास की तहसीलों की जमीनों के क्रय-विक्रय के एनीव्हेयर रजिस्ट्री की सुविधा दे रखी है.

फाइल फोटो

Amer: विवादों में रहने वाले आमेर तहसीदार अनुराग यादव ने एक आदेश निकालकर फिर विवाद खड़ा कर दिया है. यादव ने पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग एनीव्हेयर सिस्टम पर एक आदेश निकालकर सवाल उठा दिए हैं. दरअसल पंजीयन व मुद्रांक विभाग ने शहर के आसपास की तहसीलों की जमीनों के क्रय-विक्रय के एनीव्हेयर रजिस्ट्री की सुविधा दे रखी है. एनआईसी के सर्वर के जरिए जयपुर जिले की अधिकांश तहसीलों के खातेदार कही से भी अपनी जमीन खरीद या बेच सकते हैं, लेकिन आमेर तहसीलदार अनुराग यादव ने एक आदेश जारी कर अपने अधीन उपतहसीलदार रामपुरा डाबडी, मुंडोता जालसू, भू अभिलेख निरीक्षक औरव पटवारियों को आमेर सबरजिस्ट्रार कार्यालय के अलावा हुई रजिस्ट्री को उनके आदेश के बाद ही नामातंरकरण खोलने को कहा है. अन्यथा विभागीय कार्यवाही की चेतावनी दी है.

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आमेर तहसीलदार अनुराग यादव के इस आदेश के बाद पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग का एनीव्लेयर का रजिस्ट्री सिस्टम-एनआईसी का सॉफ्टवेयर सवालों के घेरे में आ गया है. सब-रजिस्ट्रार क्षेत्र आमेर के अलावा अन्यत्र सबरजिस्ट्रार से विक्रय पत्र व अन्य दस्तावेजात पंजीकृत किये जा रहे हैं. अन्यत्र सबरजिस्ट्रारों द्वारा पंजीयन दस्तावेजात में स्टांप ड्यूटी की चोरी के संबंध में शिकायतें मिली है. अन्यत्र पंजीकृत दस्तावेजातों में कृषि भूमि में निर्माण और मौके की स्थिति के तथ्यों को नहीं दर्शाते हुए स्टांप ड्यूटी की चोरी की जा रही है. ऐसे में दूसरे सबरजिस्ट्रार के हुई रजिस्ट्री के दस्तावेजात में तहसीलदार आमेर के आदेश के पश्चात ही नामातंकरण की कार्यवाही की जाएगी.

प्रदेश में उपतहसील बनने के बाद नामातंरकरण खोलने का पावर भी तहसीलदार से उप तहसीलदार में बंट गया है. वहीं, जमीनों के नामातंरकरण खोलने की प्रक्रिया में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती है. गौरतलब है कि तहसीलदार अनुराग यादव गुढ़ागौड़जी में रहने के दौरान विवादित रहे हैं. फरवरी 2021 में एसीबी ने गुढ़ागौडजी उपतहसील में वरिष्ठ लिपिक को 9 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. लिपिक ने पूछताछ में नायब तहसीलदार का भी रिश्वत मांगने में नाम सामने आया था. एसीबी ने मोबाइल के स्पीकर पर वरिष्ठ लिपिक की नायब तहसीलदार यादव से बात करवाई. हालांकि नायब तहसीलदार कई दिनों तक कार्यालय नहीं आए. बाद में यादव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उनको झुंझुनूं कलेक्ट्रेट लगाया रखा था. रेवेन्यू बोर्ड के स्थगन आदेश के बावजूद मौके पर गए नायब तहसीलदार यादव का वकील से विवाद हो गया था. अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर उदयपुरवाटी उपतहसील में पटवारियों के तबादले करने पर पटवारियों ने भी कार्य बहिष्कार किया था. 

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