आंगनबाड़ी महिला कार्मिक जयपुर में रैली निकालकर सरकार को 4 साल पहले किए गए वादों को याद दिलाएंगी. छोटीलाल बुनकर ने कहा कि महिला कार्मिकों का मानदेय के नाम पर सरकार द्वारा आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है.
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Anganwadi Women will Protest |Jaipur News: राजस्थान की आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ताओं ने गहलोत सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में प्रदर्शन को लेकर कमर कस ली है. महिला कार्यकर्ताओं ने अब सड़क पर उतरने का मन बना लिया है. इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि मांगे पूरी नहीं हुईं तो अपने हक के लिए सड़कों पर उतरकर आवाज बुलंद कर गहलोत सरकार द्वारा साल 2018 में किए गए वादों को याद दिलाएगी जो उन्होंने किया था.
दरअसल, कांग्रेस सरकार ने राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के जन घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी महिला मानदेय कार्मिक, आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा सहयोगिनी सहित सभी संविदा कर्मियों से मानदेय एवं संविदा कार्मिकों को नियमित करने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने कांग्रेस के घोषणा पत्र में तार्किक रूप से आशा सहयोगिनियों का मानदेय बढ़ाने और संविदाकर्मियों को नियमित करने की बात कही थी, लेकिन सरकार बनने के 4 साल बाद भी मुख्यमंत्री आशा सहयोगिनियों की बात नहीं सुन रहे हैं. जबकि उन्हें आज से 4 साल पहले ही नियमित कर्मचारी बनाना चाहिए, जो अब तक लंबित है.
अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ की संस्थापक संरक्षक छोटीलाल बुनकर ने कहा कि महिला कार्मिकों का मानदेय के नाम पर सरकार द्वारा आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है. समय रहते सरकार को कम से कम इन कार्मिकों को 18 हजार मासिक मानदेय एवं सभी के लिए नियमितीकरण का सुलभ और सुगम रास्ता निकालना चाहिए.
बता दें कि कांग्रेस के घोषणापत्र-2018 में लिखा है कि संविदाकर्मियों, आंगनबाड़ी कर्मियों आदि कर्मचारियों की समस्याओं का उचित समाधान कर नियमित किया जाएगा. राजस्थान की गहलोत सरकार ने अपना विजन डॉक्यूमेंट जारी किया था.आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रदेश सरकार से मांग है सभी नॉन परमानेंट कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्चुअल रूल्स 2022 में शामिल कर नियमित किया जाए.
सरकार 1.60 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 40 हजार आशा सहयोगिनियों को केंद्र की योजना के अंतर्गत मानती है. जिसमें आधा मानदेय केंद्र और आधा राज्य सरकार भुगतान करती है. समय-समय पर राज्य सरकार इनका मानदेय भी बढ़ाती है.अलग-अलग राज्यों में इनके मानदेय में भी अंतर है. लम्बे समय से इन्हें नियमित करने की मांग उठ रही है. इसके अलावा साथिन को भी नियमित करने की मांग है.
जयपुर जिलाध्यक्ष लक्ष्मी यादव, जोधपुर जिलाध्यक्ष सोनल चितारा और मिथलेश ओझा, रीना पंडित, अंजली बोहरा, सबीना, अनिता देवडा, नीतू गुर्जर, प्रेम शेखावत ने सभा को संबोधित कर लाखों की संख्या में जयपुर में होने वाली रैली को सफल बनाने का निर्णय लिया है. इस रैली में जन घोषणा पत्र में किए गए वादे से अवगत करवाया जाएगा.