सरकारी स्कूलों में मुफ्त ड्रेस बनी मुद्दा, सीएम की फोटो लगी थैली हटा खुद की फोटो लगाई नेताजी ने, बीजेपी ने मांगा इस्तीफा
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सरकारी स्कूलों में मुफ्त ड्रेस बनी मुद्दा, सीएम की फोटो लगी थैली हटा खुद की फोटो लगाई नेताजी ने, बीजेपी ने मांगा इस्तीफा

सांगानेर में कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फोटो लगी थैली हटाकर खुद की फोटो लगी थैली में ड्रेस का वितरण किया. इतना ही नहीं खुद के साथ रिश्तेदारों के साथ स्कूली मंच पर इन थैलियों में ड्रेस का वितरण कराया. 

सरकारी स्कूलों में मुफ्त ड्रेस का मुद्दा गरमाया.

Removing CM Photo Jaipur News: राज्य की कांग्रेस सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में वितरित की जा रही है मुफ्त स्कूल ड्रेस अब विवाद का मुद्दा बन रही है. सांगानेर में कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फोटो लगी थैली हटाकर खुद की फोटो लगी थैली में ड्रेस का वितरण किया. इतना ही नहीं खुद के साथ रिश्तेदारों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ स्कूली मंच पर इन थैलियों में ड्रेस का वितरण कराया. बीजेपी विधायक ने शिक्षा के राजनीतिकरण आरोप लगाते हुए स्कूली प्रिंसिपलों और टीचरर्स से इस्तीफा देने की मांग की है.

मुफ्त स्कूल ड्रेस अब विवाद का मुद्दा बना

प्रदेश में सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को सरकार की ओर से नि:शुल्क ड्रेस वितरित की जा रही है. मुख्यमंत्री की फोटो लगी थैली में इन स्कूल ड्रेस का वितरण किया जा रहा है.इधर सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के कुछ स्कूलों में चुनाव लड़े कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज ने स्कूलों में सीएम की फोटो के बजाय खुद की फोटो लगी थैली में ड्रेस बंटवाना शुरू कर दिया.

थैली पर पुष्पेंद्र भारद्वाज की फोटो 

थैली पर पुष्पेंद्र भारद्वाज की फोटो के अलावा उनकी ओर से क्षेत्र में कराए गए कार्यों का भी उल्लेख किया गया है. इधर इसकी जानकारी मिली तो बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया. विधायक लाहौटी ने आरोप लगाया कि शिक्षा के मंदिरों में कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज द्वारा स्कूल के प्रमुखों, टीचर व स्टाफ को ट्रांसफर पोस्टिंग का भय दिखाकर डरा , धमका कर सांगानेर CBO कार्यालय में कार्यरत स्टाफ के साथ मिलकर सरकार द्वारा भेजी गई मुख्यमंत्री की फोटो वाली थैली को हटाकर अपनी फोटो लगी हुई थैली में स्कूल यूनिफॉर्म का कपड़ा डालकर वितरण करवाया है जो अत्यंत शर्मनाक , सस्ती लोकप्रियता के लिए और घिनौनी हरकत है.

लाहोटी का कहना है कि भारद्वाज स्वयं उनके भाई -बहन और कर्मचारी पीए कैलाश मीणा तथा अन्य कार्यकर्ता स्कूलों में जाकर मुख्य अतिथि बनकर मंच पर शाला प्रधान और अन्यों के साथ बैठकर सरकारी स्कूल ड्रेस का वितरण कर रहे है और भाषण दे रहे है. लाहोटी ने बताया कि यह किसी परिवार का कार्यक्रम नहीं था, ना किसी के खानदान या कुनबे का कार्यक्रम था, यदि सस्ती लोकप्रियता और प्रचार प्रसार का इतना शौक है तो स्वयं की सरकार बताने वाले भारद्वाज खुद के नाम से अपने भाई बहन परिवार के अन्य लोगों के नाम से तथा अपने पीए कैलाश मीणा और अन्य कर्मचारियों के नाम से सरकारी आदेश जारी क्यों नहीं करवाते है , सरकार आपकी खुद की है ऐसे आदेश जारी करवा दे.

लाहोटी ने लगाये आरोप 

लाहोटी ने आरोप लगाया कि यह पहला मामला नहीं है हाल ही में कांग्रेस प्रत्याशी भारद्वाज ने अक्टूबर में अपने जन्म दिन पर भी ट्रांसफर पोस्टिंग का भय दिखाकर अपने नाम और फोटो के साथ व्हाट्स ग्रुप बनवाकर जन्मदिन पर गाय माता की सेवा के नाम पर 5100 रुपए प्रति शिक्षक के हिसाब से 181 शिक्षकों से चंदा इकट्ठा किया. इसकी भी समस्त प्रूफ और डॉक्युमेंट्स के साथ मुख्य सचिव सहित सभी जगहों पर शिकायत दर्ज करवाई है.

दूसरी ओर लाहौटी ने ट्रांसफर पोस्टिंग के चक्कर में स्कूलों में इस प्रकार से राजनीति करने वाले शिक्षकों के खिलाफ मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सहित सभी जगहों पर समस्त प्रूफ के साथ शिकायत दर्ज करवाई है. यह सब कार्यक्रम के नियमों के तहत आयोजित हुए उसके बारे में भी जानकारी मांगी है, साथ ही चेतावनी देते हुए कहा है कि यह सरकार ज्यादा दिनों की नहीं है , इस प्रकार स्कूलों को राजनीतिक अड्डा बनाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. 

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पुष्पेंद्र भारद्वाज ने लाहौटी के आरोपों का दिया जवाब

दूसरी और पुष्पेंद्र भारद्वाज ने विधायक लाहौटी के आरोपों के जवाब में कहा कि पॉलीथिन जगह बच्चों को सुविधा पूर्वक ड्रेस ले जाने के लिए सांगानेर में करवाये गए जनहित कार्यो के प्रिंट हुए बायोडिग्रेबल बेग, जो पर्यावरण संरक्षण में उपयोगी रहे ऐसे बैगों का वितरण किया गया है. लाहोटी छोटे बच्चों और शिक्षकों को अपनी निम्न स्तरीय राजनीति का जरिया बनाना चाहते हैं. अगर कांग्रेस की नीतियों व राजस्थान सरकार का विरोध ही करना है तो ऐसा मुद्दा तो ढूंढिए जो जन सरोकार रखता हो, छोटे-छोटे बच्चों व शिक्षक वर्ग को अपनी घटिया राजनीति में इस्तेमाल मत कीजिए.

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