Ashok Ghelot Congress: अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस अध्यक्ष ( Congress President ) पद के लिए चल रहा है. ने राजस्थान ( Rajasthan ) के मुख्यमंत्री रहते हुए कई लोकल्याणकारी योजनाएं लागू की.
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Ashok Ghelot Congress: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ( Congress President ) के लिए चर्चा में है. अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चलने के पीछे कुछ महत्वपूर्ण वजहें है. अशोक गहलोत उन नेताओं में से है जिन्हौने पार्टी संगठन में अलग अलग भूमिका के चलते देश के तमाम राज्यों में संगठन की नब्ज को पहचानते है. इसके अलावा एक खास बात ये भी है कि राजस्थान ( Rajasthan ) में तीन बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते हुए अशोक गहलोत ने लोक कल्याणकारी योजनाओं के जरिए राजधानी जयपुर से लेकर सुदूर बाड़मेर जैसलमेर ( Barmer Jaisalmer ) के गांवों तक गरीब तबके के जीवन स्तर को उठाने का काम किया है. आज अशोक गहलोत द्वारा लागू की गई कुछ ऐसी योजनाओं की बात करेंगे. जिसने राजस्थान के सामाजिक और आर्थिक जीवन स्तर को उठाने का काम किया.
अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान में ब्याज मुक्त फसली ऋण की योजना शुरु की थी. इस योजना के तहत जब किसान किसी सहकारी बैंक से फसली ऋण लेता है. तो उसके लोन को सही समय पर जमा किया जाए. तो ब्याज की राशि सरकार वहन करती है. इसके लिए हर साल राज्य सरकार ब्याद अनुदान के तौर पर बड़ा बजट तय करती है. इस योजना के लागू होने के पहले साल में ही राजस्थान के 26 लाख 54 किसानों ने 11205.53 करोड़ रुपये का ऋण लिया.
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मनरेगा यानि महात्मा गांधी नरेगा योजना में केंद्र सरकार की ओर से देश में प्रत्येक परिवार को हर साल 100 दिन के रोजगार का वादा किया गया है. इस योजना को राजस्थान में अशोक गहलोत ने और विस्तार दिया. अशोक गहलोत सरकार ने 100 दिन की रोजगार अवधि को बढ़ाकर 150 दिन कर दिया. बढ़े हुए 50 दिनों का खर्चा राज्य सरकार वहन करती है.
राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है. जहां सरकारी अस्पतालों में जांच और दवाई दोनों मुफ्त मिलती है. अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री के रुप में अपने दूसरे कार्यकाल में गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर 2011 को राजस्थान के सभी सरकारी अस्पतालों में जांच और दवाईयां पूरी तरह से मुफ्त कर दी. इसे मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना नाम दिया गया. इस योजना में 07 अप्रैल, 2013 से चिकित्सा महाविद्यालयों से संबद्ध चिकित्सालयों, जिला चिकित्सालयों एवं सैटेलाइट चिकित्सालयों में ईसीजी, एक्स-रे, सोनोग्राफी एवं अन्य आवश्यक जांचें निःशुल्क शुरु करवाई गई. 1 जुलाई 2013 से प्रदेश के सभी पीएचसी पर भी सिटी डिस्पेन्सरियों में भी जरुरी जांच को मुफ्त किया गया. 2 अक्टूबर 2013 से डायलसिस और लिपिड प्रोफाइस समेत 20 दूसरी जांचे भी फ्री की गई.
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इंसानों को मुफ्त में जांच और दवा योजना का लाभ देने के बाद अशोक गहलोत ने अपने दूसरे कार्यकाल में पशुओं के इलाज के लिए पशुधन निःशुल्क दवा योजना शुरु की. इस योजना को 15 अगस्त 2012 से शुरु किया गया. पशु चिकित्सालयों पर सभी जरुरी दवाएं भी मुफ्त में उपलब्ध कराई गई.
अशोक गहलोत सरकार के दूसरे कार्यकाल में ग्रामीण बीपीएल आवास योजना शुरु की गई. इसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे गरीब परिवारों को योनजा का लाभ दिया गया. 3 जून 2011 को ये योजना शुरु की गई. जिसमें 10 लाख ग्रामीण गरीब परिवारों को घर दिए गए. इसके लिए राजस्थान सरकार ने हुडको से 3400 करोड़ रुपए का कर्ज भी लिया.
मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना के जैसे ही शहरी इलाकों के गरीब परिवारों को घर देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ये योजना शुरु की. जिसमें हर साल 1 लाख BPL परिवारों को घर देने का लक्ष्य रखा गया . ये योजना पूरे देश में एक अनोखी पहल थी. प्रशासन शहरों के संग अभियान के जरिए ऐसे गरीब परिवारों को पट्टे भी जारी किए गए. इसके अलावा राज्य सकार ने कच्ची बस्तियों को अधिकार पत्र देने के साथ साथ खेती योग्य जमीन पर बनी कॉलोनियों का नियमन भी किया.
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अशोक गहलोत सरकार ने 9 सितंबर 2022 को मनरेगा की तर्ज पर शहरी इलाकों में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरु की. इस योजना के तहत शहरी इलाकों में रहने वाले गरीब परिवारों को भी हर साल 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है. इसके लिए राज्य सरकार ने हर साल 800 करोड़ के बजट का प्रावधान भी किया है. संबंधित व्यक्ति जन आधार कार्ड या उसके लिए पंजीयन कर रसीद का होना जरुरी है. व्यक्ति खुद भी रजिस्ट्रेशन कर सकता है. या ईमित्र से आवेदन करा सकता है. ये देश में सबसे बड़ी शहरी रोजगार गारंटी योजना है.
इस योजना को राजस्थान में राजीव गांधी की जयंती पर 20 अगस्त 2020 को शुरु किया गया था. महंगाई के हालातों के बीच राजस्थान सरकार ने प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में इंदिरा रसोई योजना शुरु की है. इस योजना के तहत गरीब लोगों को 8 रुपए में भरपेट भोजन दिया जाता है. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 17 रुपए प्रतिथाली का अनुदान दिया जाता है. इसके जरिए राज्य सरकार ने हर दिन करीब 1.34 लाख लोगों को भोजन देने का लक्ष्य रखा है. इसमें 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी और 250 ग्राम चपाती दी जाती है.
इस योजना को राजस्थान में 2 अक्टूबर 2013 को शुरु किया गया था. राजस्थान देश में पहला राज्य था जहां ये योजना लागू की गई. इसके जरिए राज्य के करीब 52 लाख एपीएल परिवारों को भी 35 किलो गैहूं दिया जाने लगा. 2 रुपए प्रतिकिलो की दर से गैहूं दिए गए.
अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने राजस्थान ( Rajasthan ) का मुख्यमंत्री रहते हुए इसके अलावा भी कई योजनाएं लागू की थी. ऐसे में अगर वो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ( Congress President ) बनते है. तो जाहिर तौर पर वो इन योजनाओं का देश भर में प्रचार कर राजस्थान को एक मॉल राज्य के रुप में पेश करने की कोशिश करेंगे.