सतीश पूनिया ने कहा कि जब दो जिम्मेदार व्यक्ति लड़ते हैं तो वह दुखदायी है और अगर ऐसा किसी सरकार के मंत्रियों में हो तो मामला और भी गंभीर हो जाता है.
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Jaipur: अशोक गहलोत सरकार की मंत्रिपरिषद की बैठक में यूडीएच मंत्री शाति धारीवाल और शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बीच हुई तनातनी पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने चुटकी लेते हुए कहा कि भले ही यह उनके घर का मामला है, लेकिन जब घर के बर्तन जोर से आपस में बजते हैं तो पड़ोसी भी अछूता नहीं रहता.
पूनिया ने कहा कि जब दो जिम्मेदार व्यक्ति लड़ते हैं तो वह दुखदायी है और अगर ऐसा किसी सरकार के मंत्रियों में हो तो मामला और भी गंभीर हो जाता है. पूनिया ने कहा कि यह जुगाड़ की सरकार है और जुगाड़ पर तो हाईकोर्ट ने भी पाबंदी लगा रखी है.
उन्होंने कहा कि जुगाड़ में कभी लाइट जलती है कभी नहीं जलती. पूनिया ने कहा कि इस सरकार की बुनियाद ही गड़बड़ पर थी. पहले भी 42 दिन तक ये बाड़े में बंद रहे, जिसका रिफलेक्शन आज भी है और आगे भी रहेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना का इतना बड़ा पेनिक था, लेकिन सरकार ने गैर जिम्मेदाराना और अराजकता के साथ काम किया, जिससे राजस्थान की जनता को तकलीफ हुई.
पूनिया ने कहा कि अब दो मंत्रियों की लड़ाई की कीमत भी जनता को चुकानी पड़ेगी. बीजेपी नेता ने कहा कि इस अंतर्कलह के कारण ही कांग्रेस का विग्रह हुआ और धीरे-धीरे पार्टी पूरे देश से खत्म हो रही है. पूनिया ने कांग्रेस पर देश को बदनाम करने के आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपदा में अवसर पैदा किया और वैक्सीनेशन पर राजनीति की. उन्होंने कांग्रेस पर प्रधानमंत्री और देश को बदनाम करने के आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अशोक गहलोत ने वैक्सीनेशन के मामले में लगातार केन्द्र के खिलाफ गलत बयानबाजी की.
पूनिया ने कहा कि जब राजा कमजोर होता है, तो गवर्नेंस बिगड़ती है और राजस्थान में भी यही हो रहा है. पूनिया ने कहा कि कोरोना के बावजूद अपराध कम होने के बजाय बढ़ रहे हैं. बॉर्डर पर शराब की तस्करी हो रही है. नशे का कारोबार बड़ी चुनौती बनने वाली है, इसलिए सरकार को सिरोही की घटना पर मजबूती से फैसला लेकर कार्रवाई करनी चाहिए.