डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में CM Gehlot और राज्यपाल मिश्र ने आज शिरकत की.
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Jaipur: डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय (Dr. Bhimrao Ambedkar Law University) का पहला दीक्षांत समारोह आज बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शिरकत की तो कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलाधिपति राज्यपाल कलराज मिश्र ने की. लॉ यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह में एलएलएम प्रथम बैच के उत्तीर्ण 38 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गई तो वहीं डिस्टिंक्शन लाने वाले तीन विद्यार्थियों को मेरिट प्रमाण पत्र दिए गए.
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पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. देव स्वरूप ने बताया कि 'दो साल पहले इस यूनिवर्सिटी की शुरूआत हुई और बहुत की कम समय में सरकार की ओर से किए गए प्रयासों के बाद यूनिवर्सिटी के पहले बैच का दीक्षांत समारोह आयोजित करवाया गया. देश की ये पहली यूनिवर्सिटी है, जिसका ऑनलाइन इंक्पेक्शन किया गया और मान्यता दी गई. आज यहां से 38 विद्यार्थियों को उपाधियां दी जा रही हैं और जल्द ही इनकी संख्या 80 हजार से पार कर दी जाएगी. सरकार ने पदों को भरने की घोषणा की उसी कड़ी में आज इस भर्ती के आवेदन शुरू किए जा रहे हैं.'
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क्या बोले सीएम अशोक गहलोत
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 'ये सपना 10 साल पहले देखा था, जिसे पूरा भी किया गया लेकिन सरकार बदली और बीजेपी ने सत्ता में आने के साथ ही पत्रकारिता विवि और लॉ विवि को बंद करने का फैसला लिया, ये क्यों लिया ये पता नहीं लेकिन इस फैसले से मुझे दुख हुआ. आज तक भारत में कोई यूनिवर्सिटी शुरू हुई और वो बंद कर दी गई ऐसा मैंने नहीं देखा है. 2018 में फिर से सत्ता में आने के साथ ही हमने इन दोनों यूनिवर्सिटी को खोलने का फैसला लिया. दोनों ही यूनिवर्सिटी के नाम ऐसे नाम पर हैं, जिनका हर व्यक्ति सम्मान करता है.'
कुलपति डॉ. देवस्वरूप की तारीफ की सीएम ने
यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. देवस्वरूप की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 'देवस्वरूप राविवि के भी कुलपति रहे थे, वो कैसे बने मुझे नहीं पता, मैंने सिफारिश नहीं की थी लेकिन इनमें ये योग्यता थी, जिसके चलते इनको विधि विवि की जिम्मेदारी सौंपी और ये उस पर खरे उतरे. इनके द्वारा लिए गए फैसले सभी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. जो सपना मैंने देखा था शायद उसी लिए मैं तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं.'
राज्यपाल कलराज मिश्र के संविधान की शपथ को दिलाया याद
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र के संविधान की शपथ को याद दिलाते हुए कहा कि 'जब राज्यपाल साहब ने इसकी शुरूआत की तो गर्व हुआ. संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का पाठ और उसके आत्मसात सबको करना चाहिए. संविधान की प्रतिज्ञा कितने लोग लेते हैं लेकिन इनका पालन करने लोग करते हैं ये सोचने वाली बात है. मैं 36 कौमों को साथ लेकर चलता हूं और इन 36 कौमों का साथ मुझे मिलता है. राजनीति में जातपात नहीं होनी चाहिए,,मेरे समाज का राजस्थान में एक मात्र विधायक है और वो मैं हूं.'
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कही ये बातें
कार्यक्रम अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि 'संविधान की प्रस्तावना अपने आम में एक समूल है. लोगों को इसको पढ़ना भी और आत्मसात भी करना चाहिए. लॉ में ऐसी शिक्षा होती है, जो समाज की दशा और दिशा बदलने में काफी अहम होती है. विद्यार्थियों को जात और समुदाय की बंदिशों में नहीं रहना चाहिए. देश विधि शिक्षा दौरान तेजी से बदलाव आ रहा है. विधि शिक्षा प्राप्त व्यक्ति के पास अदालतों के अलावा कॉर्पोरेट सहित कई विकल्प है. डॉ. भीमराव अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी से भी काफी उम्मीद है कि विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करें.
विधि विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई होती है लेकिन देश की आजादी के आंदोलन के दौरान अधिवक्ताओँ के महत्वपूर्ण भाषण भी इन विद्यार्थियों को पढ़ने चाहिए. इन्हें पढ़ने में आनंद आएगा. महात्मा गांधी,मदन मोहन मालवीय, डॉ. राधा कृष्णन सहित कई हस्तियां बेहतर अधिवक्ता भी थे. पाठ्यक्रम में राष्ट्र चेतना से जुड़े मुद्दों को शामिल किया जाए. डॉ. अम्बेडकर न सिर्फ संविधान निर्माता थे. साथ ही वो बेहतर अधिवक्ता भी थे.'