मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद अब इंतजार प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों का है.
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Jaipur : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद अब इंतजार प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों का है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि अभी एक दौर की बातचीत आला कमान के साथ CM की होनी शेष है. उम्मीद की जा रही है कार्यकर्ताओं को दिवाली के अवसर पर राजनीतिक नियुक्तियां (Rajasthan Congress Cabinet expansion) मिले और दीपावली के बाद तयशुदा फॉर्मूले के तहत मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल किया जाए.
राजस्थान में लंबे समय से अटके मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों पर अब कांग्रेस हाईकमान ने फोकस करना शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दिल्ली यात्रा में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ बदलावों के ब्लू प्रिंट पर पहले दौर की चर्चा हो चुकी है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक गहलोत का जल्द एक और दिल्ली दौरा होगा. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात होनी है. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजस्थान के बदलावों को हरी झंडी मिल जाएगी.
मंत्रिमंडल फेरबदल के साथ ही बड़ी राजनीतिक नियुक्तियां भी की जाएंगी. बोर्ड, आयोग और सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर नियुक्तियां होगी. गहलोत सरकार की तीसरी वर्षगांठ से पहले इन सब कामों को पूरा करने की तैयारी है. राजस्थान में मुख्यमंत्री को मिलाकर 30 मंत्री बन सकते हैं. अभी 21 पद भरे हैं, मंत्रिमंडल में 9 जगह खाली है. तीन से चार मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी देने से 12 से 13 जगह खाली हो जाएगी. इनमें पहले फेज में 10 नए चेहरों को मौका मिलने की गुंजाइश रहेगी. रणनीतिक तौर पर दो से तीन पद खाली रखे जा सकते हैं.
मंत्रिमंडल फेरबदल में फार्मूले में मंत्रियों को संगठन की जिम्मेदारी दी सकती है. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को हाल ही गुजरात प्रभास की जिम्मेदारी मिल चुकी है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पिछले साल अगस्त से प्रदेशाध्यक्ष के पद पर हैं. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को भी जल्द पंजाब का प्रभारी बनाए जाने की चर्चाएं हैं. जिन मंत्रियों को संगठन में पद दिया जाएगा या दिया जा चुका है उन्हें हटाया जाना तय माना जा रहा है.
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मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों में सचिन पायलट कैंप को जगह देने के फार्मूले को भी अभी फाइनल किया जाना है. पायलट कैंप की मांग बराबरी की भागीदारी की है. इस मुद्दे पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के स्तर पर चर्चा हुई है. अगले मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीति नियुक्तियों में पायलट समर्थकों को भी जगह मिलना तय है. उसके शेयरिंग फार्मूला पर हाईकमान के स्तर पर आगे और चर्चा के आसार हैं. मुख्यमंत्री की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ बैठक में राजस्थान के मुद्दों पर चर्चा हो चुकी है. मंत्रिमंडल फेरब फार्मूला और पायलट कैंप की मांगों के बीच तालमेल भी चर्चा का एक मुद्दा था.
मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों में सचिन पायलट कैंप (Sachin Pilot Camp) को जगह देने के फार्मूले को भी अभी फाइनल किया जाना है. पायलट कैंप की मांग बराबरी की भागीदारी की है. इस मुद्दे पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के स्तर पर चर्चा हुई है. अगले मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीति नियुक्तियों में पायलट समर्थकों को भी जगह मिलना तय है. उसके शेयरिंग फार्मूला पर हाईकमान के स्तर पर आगे और चर्चा के आसार हैं. अब गहलोत के अगले दिल्ली दौरे पर सबकी निगाहे हैं.