फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी लगाने का मामला,OPJS यूनिवर्सिटी के बाद अन्य कई यूनिवर्सिटी अब SOG की रडार पर
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फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी लगाने का मामला,OPJS यूनिवर्सिटी के बाद अन्य कई यूनिवर्सिटी अब SOG की रडार पर

Rajasthan news: फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी लगाने के मामला में OPJS यूनिवर्सिटी के बाद अन्य कई यूनिवर्सिटी अब SOG की रडार पर हैं. मामले की जांच की जा रही है.

फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी लगाने का मामला,OPJS यूनिवर्सिटी के बाद अन्य कई यूनिवर्सिटी अब SOG की रडार पर

case of job with fake degree in Rajasthan: फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी लगाने के मामले का खुलासा करने और फर्जी डिग्री बांटने वाली OPJS यूनिवर्सिटी के संचालक जोगेंद्र सिंह को गिरफ्तार करने के बाद अब SOG के रडार पर कई अन्य यूनिवर्सिटी भी हैं. SOG द्वारा की जा रही जांच में कई नए तथ्य सामने आए हैं जिनको वेरीफाई कर डेवलप किया जा रहा है.

इसके साथ ही गिरफ्त में आए आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है और पूछताछ के दौरान कुछ अन्य लोगों के भी नाम सामने आए हैं जिनकी भूमिका को लेकर जांच की जा रही है.

फर्जी डिग्री और खेल प्रमाण पत्र के आधार पर राजस्थान सहित कई राज्यों में बड़ी तादाद में लोगों ने सरकारी नौकरियां प्राप्त की. जब SOG ने इसकी जांच की तब चूरू जिले में स्थित OPJS यूनिवर्सिटी का नाम सामने आया.इसके बाद SOG की ओर से अप्रैल माह में एक डिकॉय ऑपरेशन करते हुए पूरे मामले का खुलासा किया गया.

साथ ही कार्रवाई करते हुए सुभाष पूनिया, परमजीत, प्रदीप कुमार शर्मा और राकेश शर्मा को गिरफ्तार कर इस पूरे गोरखधंधे को उजागर किया गया. वहीं जब इस पूरे प्रकरण में जांच आगे बढ़ाई गई तो अलवर स्थित सनराइज और गुजरात स्थित एमके यूनिवर्सिटी का नाम भी सामने आया. इन दोनों यूनिवर्सिटी के द्वारा भी फर्जी डिग्रियां बड़ी तादाद में लोगों को मोटी कीमत पर देने की बात उजागर हुई.

प्रकरण में गिरफ्तार किए गए OPJS यूनिवर्सिटी के संचालक जोगेंद्र सिंह से लगातार पूछताछ की जा रही है जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. जोगेंद्र से जब पूछताछ की गई तो यह बात सामने आई कि जब SOG द्वारा अप्रैल माह में इस पूरे नेक्सस का पर्दाफाश किया गया तो जोगेंद्र गिरफ्तारी से बचने के लिए थाईलैंड भाग गया.

जोगेंद्र को गिरफ्तार करने के लिए SOG उसे भगोड़ा घोषित कर रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही थी लेकिन तभी उसके हरियाणा आने की सूचना एसओजी को मिली. उसके बाद से ही लगातार SOG जोगेंद्र को दबोचने का प्रयास कर रही थी. तब तक की पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि जोगेंद्र 9 साल में 26 करोड़ रुपए बटोर कर 1300 से अधिक फर्जी डिग्रियां बांट चुका है और बारां में भी यूनिवर्सिटी खोलने की तैयारी कर रहा था.

SOG की जांच में यह बात भी सामने आई है कि रोहतक निवासी जोगेंद्र ने संगठित गिरोह बनाकर न केवल OPJS यूनिवर्सिटी बल्कि कई यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री, फर्जी खेल प्रमाण पत्र, मेडल, पुरानी तारीखों में एडमिशन दिलवाने का काम कर अनेक लोगों को अलग-अलग विभागों में सरकारी नौकरियां लगवाई. जिन लोगों ने फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त की अब उनको आईडेंटिफाई कर उनके दस्तावेजों की जांच करना SOG के सामने एक बड़ा टास्क है.

शातिर जोगेंद्र सिंह 2013 तक मेरठ की एक यूनिवर्सिटी में काम करता था और वहां पर भी उसपर फर्जी डिग्री बचने के आरोप लगे. जिसके चलते उसे दिल्ली, मेरठ और भिवानी पुलिस द्वारा गिरफ्तार भी किया गया. इसके बाद जोगेंद्र ने चूरू में वर्ष 2013 में ही ओपीजेएस यूनिवर्सिटी खोल ली. यूनिवर्सिटी खोलने के बाद उसने पूरा गिरोह तैयार किया और फर्जी डिग्री व खेल प्रमाण पत्र बनाकर बेचने लगा. 2 से 3 लाख रुपए में सौदा तय होने के बाद जोगेंद्र दलालों को प्रति डिग्री 50 हजार रुपए तक कमिशन देता था.फिलहाल जोगेंद्र से लगातार पूछताछ जारी है जिसमें कई बड़े और चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है.

जयपुर से विनय पंत की रिपोर्ट

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