रोडवेज मुख्यालय पर केंद्रीय श्रमिक संगठन ने प्रदर्शन कर जताया विरोध, 24 नवंबर को चक्काजाम की चेतावनी
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रोडवेज मुख्यालय पर केंद्रीय श्रमिक संगठन ने प्रदर्शन कर जताया विरोध, 24 नवंबर को चक्काजाम की चेतावनी

केंद्रीय श्रमिक संगठन संयोजक मुकेश माथुर ने बताया कि राजस्थान रोडवेज के श्रमिकों की समय पर वेतन, भत्ते जैसी मूलभूत विभिन्न मांगों के लिए रोडवेज श्रमिक संगठन कई वर्षो से संघर्ष कर रहे है.  रोडवेज कर्मियों पर रेस्मा लगाने का केंद्रीय श्रमिक संगठन ने कड़ा विरोध जताया. 

केंद्रीय श्रमिक संगठन ने कड़ा विरोध जताया.

Jaipur News: रोडवेज कर्मियों पर रेस्मा लगाने का केंद्रीय श्रमिक संगठन ने कड़ा विरोध जताया. राजस्थान प्रदेश के केंद्रीय श्रमिक संगठन, इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, राजस्थान सीटू, एक्टू ने राजस्थान रोडवेज के श्रमिकों के विरूद्ध राजस्थान सरकार द्वारा रेस्मा लगाए जाने का विरोध जताया है. राजस्थान सरकार के इस निर्णय को अलोकतांत्रिक बताया. श्रमिकों के संघर्ष को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है.

रोडवेज कर्मियों पर रेस्मा लगाने का विरोध

केंद्रीय श्रमिक संगठन संयोजक मुकेश माथुर ने बताया कि राजस्थान रोडवेज के श्रमिकों की समय पर वेतन, भत्ते जैसी मूलभूत विभिन्न मांगों के लिए रोडवेज श्रमिक संगठन कई वर्षो से संघर्ष कर रहे है. इस श्रमिक संगठनों ने सरकार के आश्वासन के बाद भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर 3 महीने पूर्व ही आंदोलन के बारे में मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, सहित रोडवेज प्रशासन को अवगत कराया गया. लेकिन सरकार की ओर से उनकी जायज मांगों के दुरस्तीकरण में कोई कार्रवाई नहीं की गई.

श्रमिक संगठन ने समर्थन में 24 नवंबर को हड़ताल की चेतावनी दी
केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से 17 जुलाई एवं 21 सितम्बर को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की गई थी. एक वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्रीय श्रमिक संगठनों की बैठक में आश्वासन दिया था कि जल्द ही कार्रवाई कर राहत देने का काम किया जाएगा. लेकिन रोडवेज श्रमिक संगठनों ने मजबूर होकर आंदोलन करने का निर्णय किया. जहां सरकार को रोडवेज श्रमिकों के प्रति सकारात्मक कार्रवाई करने की बजाए रेस्मा लगाने का निर्णय लेकर अलोकतांत्रित कानून का उपयोग कर श्रमिकों के अधिकारों को कुचलने का काम किया.

श्रमिक विरोध कदम बताते हुए वापस लेने की मांग की
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी सयुंक्त महासंघ के महामंत्री तेज सिंह राठौड ने बताया कि राजस्थान रोडवेज के श्रमिक समय पर वेतन भत्ते जैसी मूलभूत मांगों के लिये कई वर्षों से संघर्ष कर रहे है. प्रशासन द्वारा इन श्रमिक संगठनों के साथ कई बार इनकी जायज मांगों पर लिखित एवं मौखिक सहमतियां भी दी है. जिसके कारण कर्मचारी संगठनों ने भरोसा व्यक्त करते हुये अपने आन्दोलन वापस भी लिये है.

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महासंघ इस अलोकतांत्रिक कदम के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों के आन्दोलन के प्रत्येक चरण में साथ खड़ा रहकर उनके आन्दोलन को पूर्ण समर्थन देते हुए आन्दोलन में पूर्ण भागीदारी निभाएंगे. सरकार रोडवेज को खत्म करने के प्रयास कर रही है जो कि प्रदेश की जनता के साथ भी धोखा देने का काम किया जाएगा. निजी बस संचालकों की मनमानी बढेगी और आमजन से लूटने का काम किया जाएगा. उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल कर्मचारी यूनियन ने रोडवेज कर्मचारियों पर रेस्मा लगाने पर समर्थन में आ गई है.

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