मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ पर दिया बड़ा फैसला
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1197429

मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ पर दिया बड़ा फैसला

राजस्थान ( Rajasthan ) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok gehlot ) ने 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड ( General Provident Fund ) अभिदान की मासिक कटौती प्रारंभ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 

मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ पर दिया बड़ा फैसला

Jaipur : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) अभिदान की मासिक कटौती प्रारंभ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 1 अप्रैल 2022 से जीपीएफ के अभिदान की मासिक कटौती प्रारंभ की जाएगी. माह अप्रैल 2022 की कटौती भी माह मई 2022 के वेतन बिलों से ही की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने बजट में 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए पूर्व पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की घोषणा की थी. इसी क्रम में अब 1 जनवरी, 2004 और उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए राजस्थान गवर्नमेंट सर्वेंट्स जनरल प्रोविडेंट फंड रूल्स, 2021 के प्रावधान लागू करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री की और से स्वीकृति दी गई है.

नवसृजित न्यायालयों को मिलेंगे 39 नवीन पद

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दो महत्वपूर्ण फ़ैसले किए है. इनमें पहला फैसला 13 नवसृजित न्यायालयों में 39 नवीन पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. जबकि दूसरे फैसले में नव सृजित और क्रमोन्नत तहसीलों और उप तहसीलों को उप जिला घोषित करने और इनमें पदस्थापित तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को पंजीयन के अधिकार देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. 

आपको बता दें कि इस साल 4 अप्रैल को प्रदेश में 13 नए न्यायालय खोलने की अधिसूचना जारी की गई थी. नवीन पदों के सृजन से न्यायालयों में दायित्वों की सूचारू रूप से निर्वहन करने में मदद मिलेगी. नवीन पदों को सृजित किए जाने पर लगभग 3.67 करोड़ रूपए का वार्षिक व्यय संभावित है. जबकि तहसीलों और उप तहसीलों को उप जिला घोषित करने के प्रस्ताव से स्थानीय स्तर पर प्रशासनीक कार्यों को पूरा किया जा सकेगा तथा आमजन को पंजीकरण से संबंधित काम के लिए दूरस्थ स्थानों पर नहीं जाना पड़ेगा. 

इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वयंसेवी संस्थाओं को सहायता अनुदान प्रदान करने के लिए बदलाव के आदेश जारी किए हैं. वर्तमान में स्वैच्छिक संस्थानों के लिए सहायता अनुदान नियम 1972 प्रभावी है. इनमें समय-समय पर हुए संशोधनों के बावजूद मूल अनुदान नियम अपरिवर्तित रहे. इस कारण इनका सरलीकरण किया जाना प्रस्तावित था.

ये भी पढें- ब्यावर को जिला बनाने CM से मिले MLA शंकर सिंह, सीएम अशोक गहलोत ने दिया ऐसा जवाब कि...

Trending news