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Jaipur: राजस्थान विधानसभा में तैयार किए गए डिजिटल संग्रहालय का लोकार्पण शनिवार शाम सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने किया. लोकार्पण के बाद चीफ जस्टिस ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के साथ डिजिटल संग्रहालय का अवलोकन भी किया. इसके बाद विधानसभा में संसदीय लोकतंत्र के 75 वें वर्ष विषय पर आयोजित सेमिनार को भी संबोधित किया. सेमिनार में देश के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने संबोधित भी किया.
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इस अवसर पर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि, इसी विधानसभा में देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, प्रणब मुखर्जी, गुलाम नबी आजाद, नितिन गडकरी और पी चिदंबरम जैसे वक्ताओं को बुलाया गया था. आज पहला मौका है जब देश के चीफ जस्टिस इस सदन में आए हैं. हम दुनिया के प्रगतिशील मुल्कों में से एक हैं, 71 साल के इतिहास को देखें तो पता चलता है कि न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका ने लक्ष्मण रेखा लांघने की कोशिश की है.
आगे सीपी जोशी ने कहा कि, खेद है कि उत्तर प्रदेश में पूरे साल में 18 से 20 विधानसभा की बैठकें होती हैं. जनता ने 400 विधायक चुनकर भेजे लेकिन विधानसभा कम चलती है, यह किस तरह की संसदीय प्रणाली है. इससे कार्यपालिका की अकाउंटेबिलिटी कमजोर होती है. सीपी जोशी ने कहा कि, हमें और ज्यादा काम करने की आवश्यकता है. हम अगर तीनों में बैलेंस बनाने का काम नहीं करेंगे तो देश कमजोर होगा, चुनौतियां बहुत गंभीर है.कार्यपालिका की डिक्टेटरशिप की वजह से अकाउंटेबिलिटी कमजोर होती है.
जनता का लोकतंत्र के प्रति सम्मान
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि, विधानसभा में कई स्पीकर आ गए लेकिन जो काम सीपी जोशी ने किया है, वह काम आज तक किसी ने नहीं किया है. उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है इसी सेशन में डिजिटल संग्रहालय का शिलान्यास हुआ. इसी सत्र में लोकार्पण भी हुआ. गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि, आज देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है 75 वर्ष की यात्रा में यह स्थापित हुआ है कि हिंदुस्तानियों के मन में लोकतंत्र के प्रति सम्मान है.तीनों संस्थाओं को भविष्य के बारे में चिंतन मनन करना चाहिए अभी और सुधार की आवश्यकता है.
लक्ष्मण रेखा पार होती है तो बहस शुरू हो जाती है
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, हम जब अपने विचार व्यक्त करते हैं तो ना चाहते हुए भी राजनीति की ध्वनि निकलती है. सब जानते हैं कि देश के हालात क्या हैं, लोकतंत्र किस दिशा में जा रहा है. हमारी ड्यूटी है कि हम आने वाली पीढ़ी को एक अखंड मुल्क सौंपकर जाएं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थी, तो उन्होंने अपनी सत्ता मोरारजी देसाई को सौंप दी थी. यही लोकतंत्र की खूबसूरती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में सबकी अलग-अलग भूमिकाएं जो हम निभाते आए हैं. लक्ष्मण रेखा पार होती है तो बहस शुरू हो जाती है,लोकतंत्र की कमियां खामियां दूर करना भी हमारा ही काम है. सीएम गहलोत ने कहा कि अगर कोई बिल संसद या विधानसभा में आता है तो उस पर बहस होनी चाहिए, अगर बिना बहस के बिल पारित किया जाएंगे तो फिर उसमें अच्छी बातें निकल कर सामने नहीं आएगी. सीएम गहलोत ने कहा कि देश में उत्तर प्रदेश नहीं बहुत सारी विधानसभा ऐसी है जहां पर बहुत कम सत्र होते हैं.
कार्यपालिका की भूमिका केवल पॉलिसी बनाने तक सीमित नहीं
संसदीय लोकतंत्र के 75 वर्ष विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनबी रमन्ना ने कहा कि मैं भी विधायिका का हिस्सा बनना चाहता था लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था आज यहां आकर मेरा सपना पूरा हो गया है. हम आज भी सीखने की अवस्था में हैं. कार्यपालिका की भूमिका केवल पॉलिसी बनाने तक सीमित नहीं है बल्कि आम लोगों को उसका लाभ मिले यह सुनिश्चित करना भी है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि विधायिका की परफॉर्मेंस में कमी आ रही है समाज में शांति, लॉयन ऑर्डर बना रहे यह केवल सरकार का काम नहीं है बल्कि राजनेताओं की भी ड्यूटी बनती है. विपक्ष को केवल शोर नहीं मचाना चाहिए यह इसके सम्मान को कम करता है. चीफ जस्टिस ने कहा कि कानून बनाना एक जटिल प्रक्रिया है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं का लोकतंत्र में महत्वपूर्ण रोल है.
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