गांधीवादी विचारक सुब्बाराव के निधन पर CM Ashok Gehlot ने दी श्रद्धांजलि, हुए भावुक
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गांधीवादी विचारक सुब्बाराव के निधन पर CM Ashok Gehlot ने दी श्रद्धांजलि, हुए भावुक

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मेरा इनसे रिश्ता करीब 60 साल से है. जब 10-12 साल की उम्र में यह जोधपुर आए थे. उस दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष थे. 

श्रद्धांजलि अर्पित करते कांग्रेस नेता.

Jaipur: गांधीवादी विचारक और पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित डॉ. एसएन सुब्बाराव का बुधवार सुबह निधन हो गया. सुब्बाराव के निधन पर सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot), कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) सहित अन्य ने विनोबा ज्ञान मंदिर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की. उसके साथ ही कांग्रेस, सेवादल, उनसे जुड़े समाजसेवी भी विनोबा ज्ञान मंदिर पहुंचे और अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

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इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मेरा इनसे रिश्ता करीब 60 साल से है. जब 10-12 साल की उम्र में यह जोधपुर आए थे. उस दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष थे. यह उनके दुभाषिए के रूप में आए थे. बचपन से हम जानते थे, हम इनसे जुड़े रहे. राजस्थान से उनका विशेष लगाव था. 20 साल पहले भी इन्होंने राजस्थान के जिलों में कैंप लगाए थे. बैंग्लोर में जब बीमार पड़ गए थे तब मैं इनसे मिलने गया था और मैंने कहा था कि मैं आपको लेने आया हूं. परंतु यह नहीं मालूम था किसी को सालभर पहले मैंने इनको कहा और अभी इनकी यहां आने की इच्छा हुई. 

सीएम गहलोत ने जताया शोक
इन्होंने मुझे कहा कि आपने मुझे बुलाया था तो मैं जयपुर ही आ रहा हूं. इन दिनों में मैंने 6-7 बार इनसे मुलाकात की. कल भी मैं इनसे मिला था, लेकिन वो मिलना नहीं था. वह वेंटिलेटर पर जा चुके थे. आखिर वह बच नहीं पाए. वह बहुत महान हस्ती थे. मैं इनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि युवाओं को उनके विचारों से प्रेरणा मिल सके इसके लिए उनसे जुड़े लोगों से चर्चा कर कोई प्रोग्राम बनाया जाएगा.

गोविंद सिंह डोटासरा ने भी दी श्रद्धांजलि 
इसके साथ ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने भी उनको श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि मुख्यमंत्री तो उन्हें बचपन से जानते थे, उनसे जुड़े थे. उन्होंने हमेशा सभी लोगों को जोड़ने के लिए काम किया. जो भी उनके विचार सुनता है. वह उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता. इसके साथ ही इस दौरान इनकी ओर से किए जाने वाले कार्यक्रम हम भारत के लोग के कॉर्डिनेटर ने कहा कि वह हमेशा समभाव के साथ ही ममभाव की बात करते थे. उन्होंने युवाओं को एक सूत्र में पिरोने के लिए शिविर लगाएं.
अब एसएन सुब्बाराव की पार्थिव देह मुरैना स्थित जोरा आश्रम ले जाई जाएगी. जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहां भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.

 

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