कर्मचारियों से सीएम गहलोत बोले- जब मैं बिना मांगें OPS दे सकता तो कुछ भी दे सकता हूं
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कर्मचारियों से सीएम गहलोत बोले- जब मैं बिना मांगें OPS दे सकता तो कुछ भी दे सकता हूं

राजस्व सेवा परिषद की ओर से राज्य स्तरीय सम्मेलन मानसरोवर के टैगोर ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ.जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद को गार्जियन बताते हुए कहा कि जब मैं बिना मांगें आपको पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) दे सकता हूं तो फिर मैं कुछ भी दे सकता हूं.

कर्मचारियों से सीएम गहलोत बोले- जब मैं बिना मांगें OPS दे सकता तो कुछ भी दे सकता हूं

जयपुर: राजस्व सेवा परिषद की ओर से राज्य स्तरीय सम्मेलन मानसरोवर के टैगोर ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ.जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद को गार्जियन बताते हुए कहा कि जब मैं बिना मांगें आपको पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) दे सकता हूं तो फिर मैं कुछ भी दे सकता हूं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के राजस्व कर्मियों को भी बेहतर सुविधा मिले इसके लिए हम काम कर रहे हैं. इसके अलावा इसके लिए दूसरे राज्यों का भी अध्ययन करवाने की जरूरत है. जहां अच्छी सुविधाएं होगी वह राजस्वकर्मियों को दी जाएगी.

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा अपकी मांगों का ध्यान रखा. सब कुछ देने के बाद भी कर्मचारी उल्टी दिशा पकड़ लेते हैं. लोकतंत्र में जनता माय बाप होती है. इसको नेताओं को बुरा भी नहीं मानना चाहिए. कर्मचारियों को भी इन बातों को समझना चाहिए. मैं आपसे सहयोग चाहता हूं कि सरकार ने जो बजट पेश किया है, जो जनकल्याणकारी योजनाएं आम जनता के लिए चलाई जा रही है, उनको जनता तक पहुंचाने में मदद करें. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन हमारी सरकार का मूल मंत्र है. राज्य सरकार ने कार्मिकों के लिए मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर फैसला लेकर ओल्ड पेंशन स्कीम फिर से लागू की है और उनके हितों के लिए आगे भी फैसले लेते रहेंगे.

कर्मचारियों की समस्याओं के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं- सीएम

सीएम ने राजस्थान राजस्व सेवा परिषद को संबोधित करते हुए कहा आश्वस्त किया कि कर्मचारियों की समस्याओं के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं. उन्होंने कहा कि राजस्वकर्मियों की मांगों को पूरा करने और पुरानी पेंशन लागू करना सरकार का ऐतिहासिक कदम है, जिसे कर्मचारी आजीवन नहीं भूल सकते. इसके साथ ही राजस्वकर्मियों ने सीएम गहलोत को आश्वस्त किया कि सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए वह दिल से मेहनत करेंगे.

कार्यक्रम में राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि पिछली सरकार ने भी आपकी मांगों पर आपके साथ समझौता किया, लेकिन कुछ नहीं मिला. इसके साथ ही गहलोत सरकार ने मांगों को सकारात्मक लेते हुए आपके साथ हुए समझौते की पालना की. सरकार ने अतिरिक्त भत्ता देने, पटवारियों की भर्ती करने, गृह जिले में तबादला करने सहित सभी मांगों पर सकारात्मक रूप से काम किया है. इसके साथ ही सभी राजस्व कर्मियों का हाथ खड़ा करवाकर सीएम को जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने का आश्वासन दिलाया.

सीएम गहलोत ने एक गार्जियन के नाते पूरे परिवार को संभाला-राजस्व मंत्री

उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत ने एक गार्जियन के नाते पूरे परिवार को संभाल रखा है. जैसे परिवार में चार बेटों को संयुक्त रूप से रखना बहुत मुश्किल होता है. वैसे ही कभी कभी राज में भी ऐसी दिक्कते हो जाती है. आज लोग विकास से ध्यान भटकाने के लिए कभी जुलूस निकालते हैं कभी कोई ओर आयोजन करते हैं. इन सबसे आपको सजग रहकर काम करना है.

राजस्व मंडल अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने कहा कि सभी को सबसे पहले अपने भू-अभिलेख रिकॉर्ड को सही करना चाहिए. रिकॉर्ड सही होंगे तो मामले कोर्ट में नहीं जाएंगे. इससे अधिकारियों और राजस्व मंडल पर अनावश्यक भार नहीं आएगा. इसके साथ ही उन्होंने दस्तावेजों में दिक्कतों को लेकर कहा कि तहसीलदार को मौके पर जाना चाहिए और दोनों पार्टियों को बुलाकर प्रस्ताव तैयार कर एसडीएम को भेजवाने चाहिए. जिससे विवाद नहीं हो, लेकिन तहसीलदार मौके पर जाते नहीं है. ऐसे ही प्रस्ताव फिर राजस्व मंडल में भेजे जाते हैं. इससे वह वापस घूमकर वहीं आ जाता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी नियमों का पालन करेंगे तो आम आदमी को न्याय मिलेगा. उन्होंने सीएम गहलोत की भी तारीफ की और कहा कि यह हमेशा आम हित की सोचने वाले हैं.

प्रमुख सचिव आनंद कुमार ने कहा कि राजस्व सेवा परिषद की हर मांगों पर सकारात्मक रवैया अपनाया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन गांवों के संग अभियान में सभी ने अच्छा काम किया है. शुरुआती कैंपों में जरूर थोड़ी दिक्कत हुई थी. उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर अपनी मांगें रखते हैं, लेकिन हमें सर्विस डिलीवरी पर भी ध्यान देना चाहिए.

तहसीलदार संघ ने सीएम का जताया आभार

राजस्थान तहसीलदार संघ अध्यक्ष विमलेंद्र राणावत ने राजस्व परिषद की मांगों को मानने और पुरानी पेंशन लागू करने पर सीएम का आभार जताया. इसके साथ ही उन्होंने सीएम के सामने आरएएस का कैडर रिव्यू करने की मांग भी रखी और कहा कि पिछले 10 साल से कैडर रिव्यू नहीं हुआ है. कैडर रिव्यू होता है तो आरटीएस से पदोन्नति के अवसर बढ़ेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आईएएस की तरह राजस्थान तहसीलदार सेवा से भर्ती होने वालों को तहसीलदार पद पर ही लगाया जाए. जबकि यहां पर उन्हें पहले नायब तहसीलदार पर पर लगाया जाता है. इसके साथ ही उन्होंने नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित करने की मांग भी की. इसके साथ ही नायब तहसीलदार के पदों को सौ फीसदी प्रमोशन से भरने मी मांग रखी.

पटवार संघ अध्यक्ष राजेंद्र निम्मीवाल ने समस्त राजस्व कर्मियों की ओर से सीएम का आभार जताया और कहा कि आप विकास पुरुष के साथ ही पेंशन पुरुष भी हैं. इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है. इस दौरान कार्यक्रम में आरएएस एसोसिएशन अध्यक्ष गौरव बजाड़, विशिष्ट सचिव विश्राम मीणा, संयुक्त सचिव रामरतन शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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