राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से जब राहुल की दोबारा पेशी को लेकर सवाल किया गया कल राहुल गांधी जी की पेशी है या नहीं?
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Jaipur: नेशनल हेराल्ड केस मामले में राहुल गांधी ईडी के समक्ष पेश हुए. पेशी को लेकर कांग्रेस नेता देशभर के ईडी मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने उतरी. कांग्रेस के तमाम नेता सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से जब राहुल की दोबारा पेशी को लेकर सवाल किया गया कल राहुल गांधी जी की पेशी है या नहीं? जिस पर गहलोत ने जवाब दिया कि ये तो राहुल जी बताएंगे कि उनके पास में क्या बातचीत हुई है, कल जाएंगे या मंडे को जाएंगे. मैं समझता हूं क्योंकि कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया जी की तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए डिपेंड उस पर करेगा कि वो किस रूप में कल, कैसे बातचीत की या क्या उन्होंने अल्टीमेटली फैसला किया है? कि कल जाएंगे या मंडे को जाएंगे, पर जाने में उनको कोई तकलीफ नहीं है? क्योंकि 3 दिन तो जा चुके हैं और पूरा को-ऑपरेट किया है. वहां पर, जो ईडी चाहती थी पूरा सहयोग किया है?
उन्हें आगे भी सहयोग करेंगे. ये निश्चय किया हुआ है पर लोगों में इतना बड़ा भयंकर आक्रोश है. पूरे देश के कार्यकर्ताओं में कि ध्यान डायवर्ट करने के लिए अब अग्निपथ लेकर आप गए, तो क्या तुक है. बताइए आप अग्निपथ, अग्निवीर बना रहे हैं और ये कह रहे हैं कि वो बाद में हमेशा के लिए अग्निवीर ही कहलाएंगे. आप चाहते क्या हो कोई संविदा की भर्ती होती है, सेना के अंदर. सेना में संविदा की भर्ती का तुक क्या है कि 4 साल की नौकरी करने के बाद में तुम घर बैठो, 25 पर्सेंट लोगों को हम आगे पक्का करेंगे. तो मैंने उस दिन कहा कि हो सकता है ये आरएसएस के लोग भी उसमें जाना चाहेंगे, या हो सकता है कि उनकी कोई योजना बनी हो,.अचानक ही अग्निपथ आप, कहां से गया अचानक ही?
ऐसे मामलों में पहले खबरें आती हैं, डिस्कशन होते हैं, राष्ट्रीय बहस होती है, सेना के अंदर? नया सिस्टम शुरू किया जा रहा है, तो एक राष्ट्रीय बहस का विषय है? क्योंकि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला होता है? ये, कायदे की बात ये होती है, अचानक सुनते हैं कि अग्निपथ आप? गया है, अग्निवीर कहलाएंगे, 4 साल की उनकी कॉन्ट्रैक्ट संविदा की सर्विस होगी, ये समझ के परे है, नंबर 1, नंबर 2, आप? बताइए? कि आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के अंदर? जब आपने एनपीएस लागू किया था, New Pension Scheme लागू की थी, इन 3 सर्विसेज को छोड़ा था आपने कि इनका फ्यूचर तो सुरक्षित रहना ही? चाहिए जिससे कि ये देश की सेवा करने में सोचना नहीं पड़े कुछ भी इनको, इसलिए वहां पर ओपीएस लागू आज भी है, ओपीएस लागू है. 3 सेनाओं में, ठीक है. तो जब आप ये नई स्कीम लेकर आप गए हो, तो आप लोग वो भी कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर लेकर आए, उनका क्या काम होगा?
4 साल के अंदर तो ये तमाम जो फैसले हो रहे हैं, आज महंगाई की बात नहीं कर रही है? सरकार, बेरोजगारी की बात नहीं कर रही है.कल मैंने कहा कि मेरी बात फिर ध्यान से सुनिएगा जो सुन रहा है वो कि हर गांव में चाहे मुस्लिम ज्यादा हैं, वहां हिंदू रात को सोने में तकलीफ होती है, चिंता रहती है? उसको, जहां हिंदू ज्यादा हैं वहां मुस्लिम सो नहीं पा रहा है कि पता नहीं क्या होगा? इस माहौल में देश जी रहा है, चल रहा है, जी रहा है, चल रहा है, जी रहा है, चल रहा है, ये मैं कहना चाहता हूं कि ये बहुत खतरनाक खेल हो रहा है.
देश के अंदर, अगर हमने इसको नहीं रोका, प्रेम, भाईचारा और सद्भाव पैदा नहीं किया, विश्वास पैदा नहीं किया, तो चिंगारी कभी भी लग सकती है, जो राहुल गांधी ने कहा था लंदन में कि कैरोसिन छिड़क दिया गया है. देश के अंदर, सुनिए आप तो स्थिति ये बन गई है कि इस रूप में आज देश चल रहा है, विस्फोटक स्थिति है. इसलिए अपील करने के लिए मैंने कल हाथ जोड़कर अपील की प्रधानमंत्री जी से कि मांग करना अलग बात है. पॉलिटिकल पार्टियों का, जो मांग की सोनिया गांधी ने और 13 पार्टियों ने, उन्होंने परवाह ही नहीं की. मैंने कहा कि मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं आपसे कि आप? आगे आइए, देश आपकी बात सुनेगा क्योंकि आप प्राइम मिनिस्टर चुने हुए हो, चाहे वो किसी कारण से चुने गए हों, वो अलग बात है.
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आप आकर देशवासियों को कहिएगा कि प्रेम-भाईचारा-शांति कायम रहे, मैं अपील करता हूं और हिंसा मैं किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करूंगा ये कहें, इसमें क्या ऐतराज हो सकता है. प्रधानमंत्री मोदी जी को बताइए ना वो आप रहे हैं, न अमित शाह जी को आगे कर रहे हैं. इस बात का मुझे सख्त ऐतराज है, ऐतराज है. एक चुना हुआ मुख्यमंत्री मैं हूं राजस्थान का, मुझे ऐतराज है कि इस प्रकार की अपील करके यदि शांति स्थापित हो देश के अंदर, उसमें कंजूसी क्यों की जा रही है. आने में क्यों हिचक रहे हैं, मुझे ऐतराज है.
ये प्रोटेस्ट चलते रहेंगे, आगे भी चलते रहेंगे, बिलकुल प्रोटेस्ट चलेंगे, रैलियां होंगी, इनको एक्सपोज किया जाएगा कि बिना कोई कारण के जब आप 1 रुपया नहीं ले सकते हो, नॉन-प्रॉफिट कंपनी है. ये चाहे यंग इंडिया हो या वो एजेएल हो, जब आप 1 रुपया भी ले ही नहीं सकते आप प्रॉफिट का, सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी चाहें भी तो नहीं ले सकते हैं, ऐसे कानून उसके अंदर हैं, तो फिर मनी लॉन्ड्रिंग कहां हो गई है. देश को बताना चाहिए एजेंसियों को भी कि ये इन कारणों से हमने इनको पूछताछ के लिए बुलाया है.
आप इस प्रकार डराकर, धमकाकर, आपको गलतफहमी है, कांग्रेस के कार्यकर्ता, कांग्रेस के नेताओं में दमखम है. सरकारें नहीं बनी हमारी, वो अलग बात है पर नेशनल पार्टी कांग्रेस पार्टी है. आज भी देश के अंदर जिसका 135 साल का इतिहास है, ये कोई कमी नहीं रखेगी, दमखम के साथ में मुकाबला करेगी, इनको एक्सपोज करेगी और जनता का मूड कब बदल जाए, ये इनको गलतफहमी है. ये अहम-घमंड में मर रहे हैं, कोई फर्क नहीं पड़ता है कि जनता का मूड कब बदल जाए. अगर आपने गलत काम किए, महंगाई पर ध्यान नहीं दिया. बेरोजगारी पर ध्यान नहीं दिया, तो लोग कब तक बर्दाश्त करेंगे आपको और आप उलटा तनाव पैदा करवा रहे हो, तो मैं समझता हूं कि ये अवसर मिल गया है. कांग्रेस को तो ये इनको समझना चाहिए कि ये अवसर मिला है. कांग्रेस को चैलेंज मिला है, उस चैलेंज को. हम स्वीकार करते हैं और मुकाबला करेंगे हम लोग.
सवाल- कल राष्ट्रपति के पास आप जा रहे हैं क्या? कोई कांग्रेस का दल राष्ट्रपति जी के पास ज्ञापन देने जाएगा, आपने कहा जो...?
जवाब में सीएम ने कहा कि शायद मैंने सुना है कि टाइम मांगा गया है, अगर टाइम मिल गया तो जाएंगे हम लोग, जो भी वो टाइम देंगे, मंडे को देंगे या कब देंगे, अपनी बात जाकर कहेंगे, पर अच्छा नहीं हो रहा है. आज पूरी दुनिया के अंदर जो माहौल बन रहा है. हमारे देश के प्रति, वो भी अच्छा नहीं बन रहा है. तो ये अच्छी बातें नहीं हैं कि आप इस प्रकार से देश को चला रहे हो पर मूल जो इश्यूज हैं. महंगाई का, बेरोजगारी का, ये हिंसा का, इसको आप दूर नहीं करोगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा और आप राहुल गांधी जी को बुला रहे हो.
फिर सोनिया गांधी जी को बुलाएंगे, क्या सोनिया जी की, स्थिति है वहां जाने की. अब कोई पूछे कि क्या आपकी ड्यूटी नहीं कि सीनियर सिटीजन्स को लेकर अगर आप पूछताछ करने जाओ तो उनके घर जाओ, ससम्मान बात करो उनसे, वो आपको जवाब देंगे. दुनिया के मुल्कों में जब तक कोई अपराधी प्रूफ नहीं हो जाए कि इसने अपराध किया है, तब तक उसको ससम्मान से देखा जाता है, व्यवहार किया जाता है, बेइज्जती नहीं की जाती है.
यहां ये स्थिति है कि आप बेइज्जती कर रहे हो, पहले ही मान लेते हो? कि ये तो अपराधी होगा, ये टेंडेंसी देश में अभी की मैं बात नहीं कर रहा हूं, खाली ईडी की. बात नहीं कर रहा हूं, ये हमारे टेंडेंसी पुलिस के अंदर भी है, इसको बदलने का समय आ गया है. 21st सेंचुरी के अंदर कि जब तक कोई आदमी वास्तव में प्रूफ नहीं हो जाए कि भी इसने रेप किया है, चोरी की है, डकैती की है. तब तक आप कैसे उसको अपराधी मान सकते हो तो ये स्थिति है. देश में बदलाव होने की. बातें सोचते नहीं हैं ये सरकार में बैठे हुए लोग और बातें लाते हैं नई-नई जिससे कि ध्यान डायवर्ट हो जाए.
ये जो अग्निपथ आया है. ये भी मैं समझता हूं कि ऐसे वक्त में लाया गया है, जिससे कि राहुल गांधी को आप ईडी बुला रही है. अग्निपथ को लेकर आग लग रही है. ट्रेनें जल रही हैं, धरने हो रहे हैं. देशभर के अंदर ये क्या हो रहा है. ये चिंता नहीं होनी चाहिए सरकार को और मैं समझता हूं कि बीजेपी ने ये तय कर रखा है कि ध्यान डायवर्ट करके काम चलाओ अपना, माकूल जवाब देगी जनता आने वाले वक्त में.