राजस्थान में पानी के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री और राज्य के मंत्री के बीच घमासान, सीएम गहलोत ट्वीट के जरिए मैदान में उतरे
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1146984

राजस्थान में पानी के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री और राज्य के मंत्री के बीच घमासान, सीएम गहलोत ट्वीट के जरिए मैदान में उतरे

जोशी के बोलने के दौरान ही केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन्हें बीच में ही रोक दिया. शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी का विषय अभी चल नहीं रहा है और इस मुद्दे पर बात करने के लिए ये उपयुक्त मंच भी नहीं है. 

राजस्थान में पानी के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री और राज्य के मंत्री के बीच घमासान, सीएम गहलोत ट्वीट के जरिए मैदान में उतरे

Water Issue In Rajasthan: जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी के बीच तकरार हो गई. दरअसल तकरार का विषय ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट और उसको राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिए जाने को लेकर था. शुक्रवार को जयपुर में जल जीवन मिशन की बैठक के दौरान पेयजल मंत्री महेश जोशी अपनी बात रख रहे थे. इसी दौरान उन्होंने ईआरसीपी को लेकर अपनी बात रखी. महेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर और अजमेर की सभाओं में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा किया था और अब केंद्र सरकार उस वादे को निभाए.

जोशी के बोलने के दौरान ही केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन्हें बीच में ही रोक दिया. शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी का विषय अभी चल नहीं रहा है और इस मुद्दे पर बात करने के लिए ये उपयुक्त मंच भी नहीं है. शेखावत ने कहा कि आप बार-बार जयपुर और अजमेर में हुई सभाओं का जिक्र करते हैं, लेकिन आप इनके रिकॉर्ड की जांच कीजिए. शेखावत ने कहा कि जयपुर की सभा में प्रधानमंत्री ने इतना कहा था कि केंद्र सरकार को ईआरसीपी के लिए प्रस्ताव मिला है. उन्होंने अजमेर में भी ना तो इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिए जाने को लेकर कोई वादा किया और ना ही इसका जिक्र किया.

ये भी पढ़ें: Horoscope 9 april 2022 : अष्टमी पर मां दुर्गा, मकर और मीन पर बरसा रही कृपा, जानें अपनी राशि का हाल

शेखावत ने ये भी कहा कि इस तरह की मीटिंग अपना राजनीतिक एजेंडा रखने के लिए नहीं होती. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत यहीं नहीं रुके उन्होंने तो पीएचईडी मंत्री महेश जोशी को चुनौती देते हुए यहां तक कह दिया कि अगर अजमेर की सभा में ईआरसीपी और उसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिए जाने का जिक्र आया होगा तो वे राजनीति छोड़ देंगे. साथ ही शेखावत ने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री के बयान में ऐसा नहीं मिला तो महेश जोशी और उनके मुख्यमंत्री राजनीति छोड़ दें.

बीच में इस तरह शेखावत के टोकने पर पीएचडी महेश जोशी भी एक बारगी तो रुक गए. उन्होंने कहा कि अगर वह अपने दावे को साबित नहीं कर पाए तो आगे से इस मुद्दे को उठाएंगे ही नहीं. हालांकि महेश जोशी ने फिर भी जल शक्ति मंत्री से यह जरूर कहा कि वो अपना आग्रह रखते हैं और रखते रहेंगे कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना बनाया जाए, क्योंकि इससे 13 जिले लाभान्वित होंगे. महेश जोशी ने दूसरे राज्यों में भी इस तरह के बड़े प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का हवाला दिया.

मुख्यमंत्री और जलदाय मंत्री की गम्भीरता पर शेखावत ने उठाये सवाल
रिव्यू बैठक के बाद दोनों मंत्री एक साथ मीडिया से मुखातिब भी हुए. लेकिन गजेंद्र सिंह शेखावत ईआरसीपी पर ज्यादा नहीं बोले. शेखावत ने इतना जरूर कहा कि उन्होंने ईआरसीपी और दूसरे सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए एक अलग बैठक भी रखी थी. जिसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय का समय भी मांगा गया था. शेखावत ने कहा कि उनकी तरफ़ से 7 दिन पहले समय मांगा गया था, लेकिन एक दिन पहले मुख्यमंत्री के दफ्तर से समय की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए इनकार कर दिया गया.

शेखावत ने इसे अपना दुर्भाग्य बताते हुए कहा कि शायद मुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री के पास ईआरसीपी समेत प्रदेश के सिंचाई से जुड़े मुद्दों पर बात करने के अलावा कोई दूसरा महत्वपूर्ण विषय या असाइनमेंट व्यस्तता का कारण रहा होगा. उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री के दफ्तर से एक ही पत्र पर दोनों के अनुपलब्धता की बात कही गई. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि मुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री से अलग-अलग पत्र लिखकर समय मांगा गया था, लेकिन दोनों ने अपनी अनुपलब्धता बताते हुए इनकार करने के लिए एक ही पत्र भेज दिया.

उधर जल जीवन मिशन की रिव्यू बैठक में महेश जोशी को गजेंद्र सिंह शेखावत की तरफ से टोकने के थोड़ी देर बाद ही महेश जोशी के दफ्तर की तरफ से दो वीडियो जारी किये गए. इन वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट का जिक्र कर रहे हैं. उन्होंने अजमेर की बैठक में भी एआरसीपी का जिक्र किया लेकिन उनके बयान में राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिए जाने की बात नहीं दिख रही. अलबत्ता मोदी ने इतना जरूर कहा था कि उनकी सरकार को राजस्थान से प्रस्ताव मिला है और इसकी इसके तकनीकी पहलुओं का अध्ययन कराने के बाद इस पर सकारात्मक सोच के साथ विचार किया जाएगा.

पीएम नरेन्द्र मोदी का जयपुर और अजमेर की सभाओं का पुराना वीडियो जारी करने के साथ ही महेश जोशी ने केन्द्रीय मन्त्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए उन्हें अल्पज्ञानी भी बताया. जोशी ने कहा कि अपने अल्पज्ञान पर अब शेखावत को ही तय करना है कि वे संन्यास लेंगे या नहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर केन्द्र सरकार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देती है तो वे उन्हें माफ़ ज़रूर कर देंगे.

मामले पर सीएम अशोक गहलोत ने किया ट्ववीट

केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया और बताया कि- मैं लगातार 3 वर्षों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जयपुर और अजमेर में चुनाव से पहले 13 जिलों की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना (नेशनल प्रोजेक्ट) का दर्जा देने के वादे की याद दिला रहा हूं. परन्तु अब जाकर राजस्थान से आने वाले केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री को असत्य बोलकर प्रधानमंत्री के वादे का खंडन करना याद आया. ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

सीएम ने कहा कि होना ये चाहिए था कि उन्हें पहले से चल रहे 16 नेशनल प्रोजेक्ट के साथ ERCP को भी 17वें नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा दिलवाकर PM के वादे को पूरा करवाना चाहिए था. वे राजस्थान से सांसद भी हैं और केन्द्र में जलशक्ति मंत्री बनकर बैठे हैं. उनकी राजस्थान की अन्य परियोजनाओं में तो कोई रुचि नहीं है परन्तु उनके अपने विभाग की महत्वपूर्ण परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के प्रति भी कोई रुचि नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. 

बहरहाल राजस्थान को पानी पिलाने वाले मंत्री महेश जोशी और देश की जल शक्ति का ज़िम्मा संभालने वाले मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की तकरार में दोनों नेताओं के अपने अपने नजरिए से तथ्य और तर्क हो सकते हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या पूर्वी राजस्थान की कायापलट करने की ताकत रखने वाला ईआरसीपी प्रोजेक्ट जल्द शुरू हो सकेगा या इस पर राजनीति ही होती रहेगी ? सवाल ये भी कि क्या पानी विकास और इन्जीनियरिंग का विषय है या राजनीति का?

Trending news