ज्यादातर कॉल्स में लोगों के कोविड संबंधित सवाल होते हैं या फिर अस्पतालों और दवाइयों की उपलब्धता की शिकायतें सभी शिकायतों को एक प्रोफार्मा में दर्ज विभिन्न जिलों के सीएमएचओ की या फिर अन्य नोडल अधिकारियों को भेज दी जाती हैं.
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Jaipur: कोरोना (Corona) की दूसरी से लोगों में भय और हड़बड़ाहट है. उनके मन में सवाल हैं, आखिर कहां बेड उपलब्ध हैं, दवाई कहां मिलेगी और अगर कोई शिकायत हैं तो किसे बताएं?
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इन सबके बीच 181 हेल्पलाइन करीब एक हजार सवालों का जवाब रोज देता है. ये कंट्रोल रूम सचिवालय में दूसरी मंजिल पर स्थित है. इसमें आने वाले फोन को अटेंड करने के लिए 350 कर्मचारी तीन अलग-अलग शिफ्ट में काम करते हैं. ज्यादातर कॉल्स में लोगों के कोविड संबंधित सवाल होते हैं या फिर अस्पतालों और दवाइयों की उपलब्धता की शिकायतें सभी शिकायतों को एक प्रोफार्मा में दर्ज विभिन्न जिलों के सीएमएचओ की या फिर अन्य नोडल अधिकारियों को भेज दी जाती हैं.
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अगर इन शिकायतों का निस्तारण नहीं होता है तो उन्हें इसी कंट्रोल रूम में मौजूद हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों को फॉरवर्ड किया जाता है और फिर इनका निस्तारण किया जाता है. कोरोना की दूसरी लहर में इस साल 1 अप्रैल से 24 मई तक 16,518 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 16,452 शिकायतों का निस्तारण हो चुका है. 181 पर आई शिकायतों की बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपनी डेली कोविड रिव्यू मीटिंग में जानकारी लेते हैं.
इंचार्ज जीके शर्मा बताते हैं कि फर्स्ट वेव में 80% शिकायतें खाने की कमी की थी. इस बार अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता, रेमडेसिविर की जरूरत, होम क्वारेंटाइन मरीजों को दवा और ऑक्सीजन से संबंधित आई हैं. कंट्रोल रूम में (रोजाना) 40000 से 45000 कॉल्स का फ्लो रहता है.