महामारी से महामुकाबला, CP Joshi ने विधायक कोष से दिए 3 करोड़ रुपए
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan895241

महामारी से महामुकाबला, CP Joshi ने विधायक कोष से दिए 3 करोड़ रुपए

 राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष प्रो. सी. पी. जोशी (CP Joshi) वाकई लीक से हटकर राजनेता हैं. इसकी एक बार फिर से बानगी उस समय नजर आई जब जोशी ने अपने विधायक कोष से 3 करोड़ रुपए कोरोना वैक्सीन के लिए डोनेट कर दिए हैं.

फाइल फोटो

Jaipur : राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष प्रो. सी. पी. जोशी (CP Joshi) वाकई लीक से हटकर राजनेता हैं. इसकी एक बार फिर से बानगी उस समय नजर आई जब जोशी ने अपने विधायक कोष से 3 करोड़ रुपए कोरोना वैक्सीन के लिए डोनेट कर दिए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की अपील के बाद जोशी उन नेताओं में सबसे पहले हैं जिन्होंने यह कदम उठाया है. यह राशि जोशी के विधानसभा क्षेत्र नाथद्वारा में 18 वर्ष से 45 वर्ष के युवाओं के टीकाकरण (Corona Vaccine) पर खर्च होगी.

यह भी पढ़ें- Rajasthan Covid-19: इंजीनियर्स के जीवन के प्रति गंभीर नहीं PHED, जोखिम में जानें

अभी सप्ताह भर पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र से मांग कर रहे थे कि राज्य के युवाओं को भी केंद्र ही मुफ्त वैक्सीन लगाए. केंद्र ने वो मांग नहीं मानी और करीब 3200 करोड़ रुपए का भार राज्य को ही वहन करना पड़ रहा है. ऐसे में जोशी का यह कदम एक मिसाल बन कर सामने आया है. 
जोशी दिसम्बर 2008 में नाथद्वारा से विधायक का चुनाव एक वोट से हारे थे, तब वे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे. उनके नेतृत्व में पार्टी की सरकार भी बनी थी. फ़िर छह महिने बाद ही मई 2009 में भीलवाड़ा से सवा लाख वोटों से सांसद बने थे. 

वे केंद्र में रेल, सड़क, ग्रामीण विकास के केबिनेट मंत्री भी बने. आज भीलवाड़ा वासी चारों ओर हाइवे पर 125 किलोमीटर की स्पीड से कारें दौड़ाते हैं वो हाइवे जोशी ने ही बनवाये थे और जो पानी के लिए बेहाल रहने वाले भीलवाड़ा के लाखों लोग चम्बल का पानी पीते हैं. वे भीलवाड़ा के भगीरथ थे लेकिन उनकी अपने ननिहाल भीलवाड़ा वालों से कभी ज़मी ही नहीं और वे 2014 में भीलवाड़ा छोड़ जयपुर चले गए.

जोशी राजस्थान की राजनीति में एक ऐसे राजनेता हैं जिनके बारे में विपक्षी भी कभी कोई गलत बात नहीं बोलते. विधानसभा में जो विधायक अंग्रेजी से आतंक मचाते थे उन्हें जोशी युनिवर्सिटी वाली अंग्रेजी में और शेष को नाथद्वारा वाली हिन्दी में ही बराबर लाइन में मिलाकर रखते है. यह उनका खरा स्वभाव और विषय की तैयारी ही रही हमेशा कि वे जब आज से करीब 35 वर्ष पहले पहली बार विधायक बने थे तब भी उनके सामने कभी आईएएस-आईपीएस अफसर भी अपनी अफसरी नहीं दिखाया करते थे. आम तौर पर मनोविज्ञान के प्रोफेसर रहे जोशी अक्सर सामने वाले को निरूत्तर कर देते हैं.

एक बार एक सरकारी कॉलेज में कुछ प्रोफेसर्स ने उन्हें फंसा लिया और उनसे आलीशान ऑडिटोरियम बनाने की मांग की तब उन्होंने कहा कि "आप सब लोगों का परीक्षा परिणाम क्या रहा है और कितने बच्चे आप से पढ़कर क्या क्या बने हैं इसकी जानकारी. ऑडिटोरियम अभी बनवा देता हूं. यह सुनकर आज तक उन प्रोफेसर्स ने वो मांग दुबारा नहीं की. फिलहाल जोशी की इस नई मिसाल के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित प्रदेश के 35 सांसदों और 199 विधायकों को गम्भीरता से विचार करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- Jhalawar में Corona का महाविस्फोट, 849 नए पॉजिटिव केस आने से प्रशासन में हड़कंप

Trending news