ED का राजस्थान और गुजरात में बड़ा एक्शन, नवजीवन को-ऑपरेटिव सोसायटी पर की कार्रवाई
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ED का राजस्थान और गुजरात में बड़ा एक्शन, नवजीवन को-ऑपरेटिव सोसायटी पर की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की राजस्थान इकाई ने बड़ी कार्रवाई की है. 

नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाला

Jaipur: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की राजस्थान इकाई ने बड़ी कार्रवाई की है. निवेशकों से 400 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी के आरोपी नवजीवन को ऑपरेटिव सोसाइटी के प्रमोटर्स पर यह कार्रवाई की. कार्रवाई राजस्थान (Rajasthan) और गुजरात (Gujrat) में सोसायटी के मुख्य कार्यालय पर की गई.

इस पूरे मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए हैं. साथ ही सोसाइटी के रिकॉर्ड से जुड़े डिजिटल उपकरण (digital devices), पेनड्राइव (pen drive), कंप्यूटर की हार्ड डिस्क (Hard Disk) भी जब्त की गई है. प्रवर्तन निदेशालय इस पूरे मामले पर पिछले 4 महीने से निगाह रखे हुए था. पर्याप्त दस्तावेजी सबूत जुटाने के बाद यह कार्रवाई की गई है. एक्शन में निवेशकों की ओर से हड़पे गए रुपये वापस मिलने की संभावनाएं बढ़ी है.

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नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (Navjeevan Credit Co-operative Society Ltd) घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक आरोपी जयनारायण शर्मा जयपुर का रहने वाला है और दूसरा आरोपी निजामुद्दीन है. वह बाड़मेर में जयसिंदर का रहने वाला है. ईडी (ED) की टीम ने जयनारायण के घर से करीब 19 किलो चांदी, 63 लाख रुपए नकद और बेशकीमती संपत्ति के दस्तावेज भी जब्त किए हैं. इसके अलावा भिवाड़ी में वेस्टर्न एनरजेटिक्स नाम की एक फैक्ट्री से भी अकाउंट सीज किए हैं. इसका संचालक निजामुद्दीन होने की बात सामने आई है. वहीं, जयनारायण शर्मा स्टर्लिंग अरबन को-ऑपरेटिव बैंक के मुख्य संचालक हैं. ईडी दोनों आरोपियों को आर्थिक अपराध न्यायालय में पेश करेगी.

दो साल पहले करोड़ों रुपए के इस घोटाले का खुलासा हुआ था. जब जयपुर में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप एसओजी ने घोटाले के मास्टरमाइंड और सोसायटी के मैनेजिंग डायरेक्टर गिरधर सिंह सोढा निवासी जयसिंदर बाड़मेर और उसके साले रावत सिंह निवासी मारूड़ी, बाड़मेर को गिरफ्तार किया था. इनमें गिरधर सिंह सोढा जेल में बंद है. जयनारायण और निजामुद्दीन मुख्य आरोपी गिरधर सिंह के सबसे नजदीकी व्यक्ति हैं. सूत्रों के मुताबिक ईडी ने अपनी जांच में माना है कि दोनों आरोपियों ने गिरधर सिंह की मिलीभगत से घोटाले में हड़पी गई रकम को को-ऑपरेटिव बैंक और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के अलावा अन्य व्यापार में लगा दिया. केस की जांच कर रही ईडी की टीम ने मामले में गुजरात और राजस्थान में कई ठिकानों पर छापामारी भी की.

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गुजरात के नाडियाद में आशापुरा एग्रो इंडस्ट्रीज से भी आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है. ईडी ने माना है कि आरोपी मनी लॉन्ड्रिंग से भी जुड़े है. आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव की तर्ज पर नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी में करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा एसओजी ने किया था. इस सोसायटी की बाड़मेर समेत देशभर में 228 शाखाएं खोली गई. इसमें 206 शाखाएं राजस्थान में थी. इनमें 1 लाख 93 हजार निवेशकों ने निवेश कर रखा था. इन लोगों के रुपयों को हड़पकर भाग गए.

एसओजी (SOG) ने इस मामले की जांच कर 19 हजार पेज की चार्टशीट फाइल की थी. आरोपियों से गाड़ियां जब्त की गई थी. को-ऑपरेटिव सोसायटी का संचालक गिरधर सिंह ने खुद ही परिवार के सदस्यों और मित्रों के नाम से फर्जी कंपनियां बना रखी थी और उन कंपनियों के नाम से ही ये वाहन खरीदे थे.

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