घोषित-अघोषित बिजली कटौती का दौर जारी है. शहरी क्षेत्रों में भी अब अघोषित कटौती का दायरा बढ़ रहा है.
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Power Cut Timing: राजस्थान में बिजली संकट गहरा रहा है. अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में मांग 25 से 28 करोड़ यूनिट प्रतिदिन की है. ग्रामीण क्षेत्रों में आधे दिन तक घोषित-अघोषित बिजली कटौती का दौर जारी है. शहरी क्षेत्रों में भी अब अघोषित कटौती का दायरा बढ़ रहा है.
इधर घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के बाद अब कटौती की मार उद्योगों पर भी है. बिजली निगमों ने औद्योगिक संगठनों को कहा है कि शाम 6 से रात 10 बजे तक पीक हावर्स में बिजली बंद रखें. प्रदेश में बढ़ रहे बिजली संकट के बाद ऊर्जा मंत्री ने अहम बैठक बुलाई है. इसमें पॉवर मैनेजमेंट को लेकर कड़े फैसले होने हैं.
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड का कहना है कि पूरे देश में इस साल अप्रैल में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग पिछले 38 सालों की तुलना में सबसे ज्यादा पहुंच गई है. राजस्थान में बिजली किल्लत के बीच अलग-अलग पावर प्लांट्स की बंद पड़ी 5 यूनिट्स को एक-एक कर फिर से शुरू करने में विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड जुट गया है.
बीती रात से छबड़ा बिजलीघर की 250 मेगावाट यूनिट में टेक्निकल दिक्कत दूर कर प्रोडक्शन शुरू कर दिया गया है यह यूनिट सितम्बर 2021 में टेक्निकल हादसे के कारण बंद करनी पड़ी थी. अभी भी 4 अलग-अलग पावर प्लांट यूनिट्स बंद हैं.
कालीसिन्ध की 600 मेगावाट और सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट की 250 मेगावाट कैपेसिटी की बंद पड़ी यूनिट्स भी मेंटेनेंस पर हैं. सूरतगढ़ में वॉल्व लीकेज है. जिसे मई महीने के पहले सप्ताह तक सही कर बिजली प्रोडक्शन करने की तैयारी है.
हालांकि सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट की 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल यूनिट 7 नम्बर से जनरेटर ट्रांसफॉर्मर फॉल्ट के कारण बंद है. जिसका मेंटीनेंस भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड कर रही है. जून महीने तक इस यूनिट से बिजली प्रोडक्शन हो सकता है.
निगम के मुताबिक बिजली की बढ़ी डिमांड और शटडाउन नहीं मिलने के कारण इन पावर प्लांट्स की 3 साल से सालाना मेंटेनेंस नहीं हो पा रही थी. जिस कारण इन्हें बंद कर मेंटेनेंस की जा रही है. इसके अलावा कोटा थर्मल पावर प्लांट की 210 मेगावाट कैपेसिटी की यूनिट में भी तकनीकी दिक्कत आई है. इसे ठीक कर मई के पहले हफ्ते तक बिजली प्रोडक्शन शुरू कर दिया जाएगा.
अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की तरफ से सभी जिलों में बिजली कटौती के लेकर जारी सर्कुलेट के मुताबिक संभावित बिजली कटौती सुबह इस प्रकार रहेगी.
अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़,प्रतापगढ़ और उदयपुर - सुबह 6.30 बजे से 8 बजे तक
सीकर, झुंझुनूं, नौगार, राजसमंद, बांसवाड़ा और डूंगरपुर - सुबह 8 बजे से 9.30 बजे तक
रात में बिजली कटौती
चित्तौड़गढ़ में रात को 8:00 से 9:00 बजे तक (ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती नहीं)
डूंगरपुर में रात को 9:00 से 10:00 बजे तक
प्रतापगढ़ में भी रात को 8:00 से 9:00 बजे तक (ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती नहीं)
चूरू में सुबह 7:30 बजे से 8:30 बजे तक(ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित कटौती)
जालोर में 12 घंटे बिजली नहीं
जालोर के जसवंतपुरा उपखंड क्षेत्र में 12 घंटे की विद्युत कटौती हो रही है. सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक और फिर दोपहर में 3:00 से 5:00 तक और फिर से शाम को 7:00 बजे से 11:30 तक बिजली कटौती हो रही है. सरकार की तरफ से ग्रामीण क्षेत्रों में 7 घंटे की कटौती को कहा गया है, लेकिन निगम यहां 11 से 12 घंटे की कटौती कर रहा है जिससे आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है.
राजस्थान में कोयले की सप्लाई का संकट होने के कारण भी बिजली प्रोडक्शन पर नेगेटिव असर पड़ रहा है. प्रदेश में कोल बेस्ड पावर प्लांट्स यूनिट्स की कुल कैपेसिटी 7580 मेगावाट है. इनसे बिजली प्रोडक्शन के लिए रोजाना 27 रैक कोयले की सप्लाई जरूरी है.
पूरा कोयला नहीं मिल पाने के कारण फुल कैपेसिटी पर प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है. तकनीकि दिक्कतों के कारण भी यूनिट्स बंद पड़ी हैं. मौजूदा समय में निगम की कोयला बेस्ड 5360 मेगावाट कैपेसिटी की कुल 17 यूनिट्स ही चल रही हैं.
प्रदेश को छत्तीसगढ़ में अलॉट कोल माइंस से पूरी कैपेसिटी से माइनिंग फिर से शुरू करने में अभी भी महीने भर का वक्त लग सकता है. मई के आखिरी हफ्ते तक ही राजस्थान को अपने हिस्से का पूरा कोयला मिल सकेगा. राजस्थान को जरूरत से 8-9 रैक कोयला मौजूदा वक्त में कम मिल पा रहा है.
अभी राजस्थान में 18-19 रैक कोयले की ही रोजाना सप्लाई आ पा रही है. एक रैक में 4000 टन कोयला होता है. बीते वर्ष 19.90 करोड़ यूनिट बिजली की रोजाना डिमांड थी। 2022 में 20 और 21 अप्रैल के आंकड़े बताते हैं कि बिजली की डिमांड 28 करोड़ 22 लाख यूनिट से ऊपर पहुंच चुकी है.
हालांकि राजस्थान में 2020-21 के मुकाबले 2021-22 में बिजली प्रोडक्शन में 5146 मिलियन यूनिट की बढ़ोतरी हुई है. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने साल 2020-21 में 29 हजार 141 मिलियन यूनिट बिजली प्रोडक्शन किया था.
2021-22 में बढ़ोतरी के साथ 34 हजार 287 मिलियन यूनिट बिजली प्रोडक्शन पहुंच गया. 2021 में जनवरी से अप्रैल तक 10 हजार 719 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की गई। उस वक्त कोयला संकट नहीं था. जबकि 1 जनवरी से 23 अप्रैल, 2022 तक कोयला संकट के बीच 8 हजार 890 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की गई है. यानी कोयला संकट के कारण 1829 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन घटा है.
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