Rajasthan में Gehlot समर्थक विधायकों ने बनाया G-19 समूह! जानें Congress की नई रणनीति
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Rajasthan में Gehlot समर्थक विधायकों ने बनाया G-19 समूह! जानें Congress की नई रणनीति

मुख्यमंत्री खेमे के सरकार को समर्थन कर रहे 13 निर्दलीय और बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों आगे की रणनीति बनाई है.

बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने इसी रणनीति के तहत पायलट खेमे को गद्दार करार दिया था.

Jaipur: राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में सियासी घमासान का दौर लगातार जारी है. कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय नेताओं के समूह जी-23 की तर्ज पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के समर्थक विधायकों ने जी-19 बनाया है. 

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मुख्यमंत्री खेमे के सरकार को समर्थन कर रहे 13 निर्दलीय और बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों आगे की रणनीति बनाई है. इन सभी 19 विधायकों की 23 जून को जयपुर में बैठक होगी. इसमें ये विधायक मंत्रिमंडल और राजनीतिक नियुक्तियों में जगह मांगने को लेकर प्रस्ताव पारित करने जैसा निर्णय करने की योजना बना रहे हैं. ये सभी विधायक दिल्ली जाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात भी कर सकते हैं.

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राजस्थान में सचिन पायलट गुट (Sachin Pilot Camp) के विधायकों बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों की बयानबाजी और सक्रियता के बाद अब राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक भी एक्टिव हो गए हैं. गहलोत सरकार (Gehlot Government) को समर्थन दे रहे 13 निर्दलीय विधायकों ने बसपा से आए 6 विधायकों से हाथ मिलाकर आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए जी 19 बनाया है. 

बदली प्रादेशिक गुट जी - 19 ने अपनी रणनीति 
दरअसल, पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) ने जिस तरह पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को स्टार प्रचारक और ऐसेट बताया, उससे इस प्रादेशिक गुट जी - 19 ने अपनी रणनीति बदली है. ऐसे में जी-19 के जरिये पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बनाएगा जाएगा. दरअसल, माकन के बयान के बाद मुख्यमंत्री खेमे को लगने लगा है कि अगले कुछ दिनों में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी या महासचिव प्रियंका गांधी पायलट समर्थकों को सरकार में भागीदारी देने के लिए कह सकते हैं.

जी-19 में शामिल हैं इन नेताओं के नाम
बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले राजेंद्र गुढ़ा, जोगेंद्र सिंह अवाना, संदीप यादव, वाजिब अली, लाखन सिंह और दीपचंद और 13 निर्दलीयों में संयम लोढ़ा, महादेव सिंह खंडेला, बाबूलाल नागर, राजकुमार गौड़, कांतिलाल मीणा, लक्ष्मण मीणा, रामकेश मीणा, आलोक बेनीवाल, खुशबीर सिंह, सुरेश टांक, ओमप्रकाश हुडला, बलजीत यादव एवं रमिला खड़िया शामिल हैं.

पायलट खेमे के विधायक बना रहे दबाव
एक ओर जहां पायलट खेमे के विधायक लगातार आलाकमान पर मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर दबाव बना रहे हैं. जवाब में बसपा और निर्दलीय विधायकों की तरफ से भी बयानबाजी जारी है. बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने इसी रणनीति के तहत पायलट खेमे को गद्दार करार दिया था. 

महादेव सिंह खंडेला ने दिया बड़ा बयान
इन विधायकों में बसपा के विधायक लगातार निर्दलीय विधायकों में भी ओम प्रकाश शुक्ला और महादेव सिंह खंडेला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के पक्ष में बयान दिया है. महादेव सिंह खंडेला ने जहां राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस का मतलब अशोक गहलोत बता दिया है. वहीं, ओमपकाश हुडला ने तो कह दिया है कि वर्तमान हालातों में मंत्रिमंडल विस्तार की आवश्यकता नहीं है. सरकार का पूरा फोकस कोरोना मैनेजमेंट को लेकर होना चाहिए.

राजस्थान कांग्रेस की सियासत पर व्यापक होगा असर
दरअसल, निर्दलीय विधायकों को एक रखने की पूरी जिम्मेदारी विधायक संयम लोढ़ा के पास है. निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा मुख्यमंत्री के पक्ष में लॉबिंग करते रहे हैं. निर्दलीय विधायकों को गहलोत के पक्ष में एकजुट करने का काम भी वह ही कर रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि 23 जून को होने वाली इस बैठक में क्या चर्चा और निर्णय लिए जाते हैं, यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण होंगे और इसका असर राजस्थान कांग्रेस की सियासत पर बहुत व्यापक होने वाला है.

 

 

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