सियासी संग्राम के बीच चर्चा का विषय बनी CM Gehlot और PCC चीफ की रहस्यमयी चुप्पी! जानें वजह
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सियासी संग्राम के बीच चर्चा का विषय बनी CM Gehlot और PCC चीफ की रहस्यमयी चुप्पी! जानें वजह

सियासी घटनाक्रम और हो रही बयानबाजी पर मुख्य़मंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) की रहस्यमयी चुप्पी कांग्रेस के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है.

सियासी घटनाक्रम के बीच गहलोत-पायलट कैंप से जुड़े विधायकों के बीच जुबानी जंग जारी है.

Jaipur: सूबे की सियासत में बीते एक सप्ताह कांग्रेस (Congress) में सियासी बवाल अपने चरम पर है. सियासी घटनाक्रम के बीच गहलोत-पायलट कैंप (Gehlot ) से जुड़े विधायकों के बीच जुबानी जंग जारी है. 

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बावजूद इसके इस पूरे सियासी घटनाक्रम और हो रही बयानबाजी पर मुख्य़मंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) की रहस्यमयी चुप्पी कांग्रेस के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है.

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राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) हलकों में चर्चा इस बात की है कि कांग्रेस की सियासत में इतना बड़ा घटनाक्रम चल रहा है लेकिन न तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और न ही पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सियासी बयानबाजी पर रोक लगाने के लिए आगे आए हैं और न ही उनकी तरफ से मामले को शांत कराने के लिए कोई बयान जारी किया गया है. 

विपक्ष को भी कांग्रेस पर हमलावर होने का मौका मिल रहा
कांग्रेस हलकों में चर्चा इस बात की भी है कि अगर सचिन पायलट कैंप और अशोक गहलोत कैंप से जुड़े विधायकों के बीच बयानबाजी इसी तरह चलती रही तो इसका खमियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता है. साथ ही विपक्ष को भी कांग्रेस पर हमलावर होने का मौका मिल रहा है जबकि होना ये चाहिए था कि पीसीसी चीफ को दोनों ही खेमों से जुड़े विधायकों को सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करने की बजाए पार्टी फोरम पर ही अपनी बात रखने के निर्देश जारी करने चाहिए थे. 

गहलोत कैंप के कांग्रेस विधायकों ने साध रखी चुप्पी 
दूसरी ओर दिलचस्प बात यह है कि सियासी घटनाक्रम पर गहलोत कैंप के कांग्रेस विधायकों ने भी पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है, या यूं कहें कि इस पूरे मामले से दूरी बना रखी है. अभी तक गहलोत कैंप के कांग्रेस विधायकों में से किसी का भी यह बयान सामने नहीं आया है जबकि गहलोत कैंप के ही माने जाने वाले बसपा, आरएलडी और निर्दलीय विधायकों ने सचिन पायलट कैंप (Sachin Pilot) के विधायकों की ओर से की जा रही बयानबाजी का जवाब दिया है. अशोक गहलोत कैंप से आने वाले कांग्रेस विधायकों ने एक रणनीति के तहत ही सियासी बयानबाजी से दूरी बनाई हुई है. 

वरिष्ठ विधायक भंवरलाल शर्मा ने दिया बड़ा झटका
अशोक गहलोत कैंप के माने जाने वाले जिन विधायकों ने सचिन पायलट कैंप के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, उनमें बसपा से कांग्रेस में आए विधायक, निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा, लक्ष्मण मीणा, लोकदल से विधायक और मंत्री सुभाष गर्ग जैसे विधायक पायलट कैंप पर बयानबाजी कर रहे हैं. इधर अशोक गहलोत कैंप के नेताओं ने पायलट कैंप के माने जाने वाले वरिष्ठ विधायक भंवरलाल शर्मा से ही मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कराकर पायलट कैंप को झटका दिया. इसके अलावा पायलट केम्प की ओर से बयान के लिए मोर्चा वेद प्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, राकेश पारीक, रामनिवास गावड़िया, इंद्राज गुर्जर संभाल रखा है. 

कांग्रेस विधायकों को बयानबाजी न करने के निर्देश 
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से भी कांग्रेस विधायकों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि वह किसी प्रकार की बयानबाजी नहीं करें जिससे कि कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर कोई गलत संदेश जाए. यही वजह है कि अभी तक भी प्रताप सिंह को छोड़कर गहलोत कैंप के किसी भी कांग्रेस विधायक की ओर से कोई बयान नहीं आया है. हालांकि इस मामले को लेकर गहलोत कैंप के कांग्रेस विधायक अंदर खाने तो इस मामले की चर्चा करते हैं लेकिन खुलकर इस मामले पर बोलने से बचते हैं. 

बहरहाल कांग्रेस के दो खेमों के बीच शुरू हुई बयानबाजी पर कांग्रेस आलाकमान कब संज्ञान लेता है, इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं.

 

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