Diwali पर भारतीय नागरिकता का तोहफा, 15 पाक विस्थापित बने भारतीय नागरिक
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Diwali पर भारतीय नागरिकता का तोहफा, 15 पाक विस्थापित बने भारतीय नागरिक

कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने पाक विस्थापित लोगों को भारतीय गणतंत्र की नागरिकता के प्रमाण पत्र प्रदान किए है. 

 

अंतर सिंह नेहरा ने पाक विस्थापित लोगों को भारतीय गणतंत्र की नागरिकता के प्रमाण पत्र प्रदान किए

Jaipur: पाकिस्तान से विस्थापित 15 लोगों ने जयपुर (Jaipur News) में भारतीय नागरिकता (Indian citizenship) मिलने की खुशी भारत माता की जय और वंदेमातरम के उद्घोष के साथ मनाई. दिवाली पर भारतीय नागरिकता का तोहफा मिला है. कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने पाक विस्थापित लोगों को भारतीय गणतंत्र (republic of india) की नागरिकता के प्रमाण पत्र प्रदान किए है. 

इनमें से कुछ इस दिन का सालों से इंतजार कर रहे थे. आखिर मंगलवार को अधिकारिक रूप से भारत (India) का नागरिक बनते ही उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र मिलते ही भारत माता की जय और वन्देमातरम (Vandematram) के उद्घोष से माहौल गुंजायमान हो गया.

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बरसो पहले सरहद की कंटीली तार से उस पार से हिंदुस्तान की सरजमी को अपना सब कुछ मानकर यहां बसने वाले 15 लोगों के लिए मंगलवार के दिन उगा सूरज नई रोशनी लेकर आया. जिला प्रशासन (District Administration) ने इनकी पेशानी पर शरणार्थी का तमगा हटाकर इन्हें भारतीय होने का गौरव प्रदान किया. भारतीय बनने वाले इन 15 लोगों की आंखे खुशी के अश्कों से भर आई. पाक विस्थापित गीता को जब भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र मिला तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. दिवाली (Diwali) पर तो हर घर-आंगन रोशन होगा, लेकिन भारतीय नागरिकता मिलने के बाद इनके घर में आज ही रोशनी हो गई हैं. 

पाक विस्थापित में सबसे कम उम्र की 21 साल की जेवती और सबसे उम्रदराज 87 साल के खुटटन राम की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं रहा. भारतीय नागरिकता मिलने पर विक्रम राम, सन्नीराम, जोमावत, हजारीलाल, नाजो, मीरूराम, बालमराम, मथरू माई, जमियत माई, खुटटन राम, कुंदन माई, गोमंद राम, कुंदन माई, चिदम कुमार शर्मा, जेवती ने प्रमाण पत्र (Certificate) लेकर प्रशासन का धन्यवाद दिया. एक दूसरे को मिठाई खिलाकर दिवाली के साथ हिंदुस्तानी होने की जश्न मनाया. 

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भारतीय बनने वाले इन 15 लोगों की आंखे खुशी के अश्कों से भर आईं. भारतीय नागरिकता पाने के बाद 9 साल का इंतजार खत्म हो चुका हैं. अब बच्चों का स्कूल में एडमिशन भी हो सकेगा और नौकरी में फायदा होगा. उसका कहना था की सालों की लडाई के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता मिली है. अधिकारिक रूप से भारत के नागरिक की नई पहचान मिलते ही जिला कलेक्ट्रेट सभागार में ‘भारतमाता की जय’ और ‘वन्दे मातरम्’ का स्वर गूंज उठा.

जिला कलक्टर अंतर सिंह नेहरा (Antar Singh Nehra) ने कहा की पाक विस्थापितों को भारत की नागरिकता प्रदान किया जाना सुखद अनुभव है, क्योंकि ये लोग पाकिस्तान से विस्थापित होने के बाद सालों से यहां अधूरी पहचान के साथ रह रहे थे. सरकारी नौकरियों, योजनाओं, विभिन्न प्रक्रमों में उनको समस्याएं आती थीं. अब नई पहचान से उन्हें ये समस्याएं नहीं रहेंगी.

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इस पूरी प्रक्रिया में विस्थापितों को प्रोत्साहित और सहयोग करने वाली संस्था निमित्तकम के जय आहूजा ने बताया कि सभी पाक विस्थापितों के लिए भारत का नागरिक बनना जीवन का बड़ा सपना था जो जयुपर में पूरा हुआ. जिन्हे आज भारतीय नागरिकता सौंपी हैं, उनमें चार दंपत्ति नाजो पत्नि हजारीलाल, कुंदन माई पत्नि गोमंद राम , जमियत माई पत्नि मीरूराम और मथरू माई पत्नि बालमराम को भी भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा गया.

भारतीय नागरिकता मिलने वाले नागरिकता पाने वाले नागरिकों ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों पर जुल्म ढाया जाता है. आखिरकार हमें अत्याचार से मुक्ति मिल गई और अब हम भारत माता की गोद में आजादी से सांस ले सकेंगे. भारत की नागरिकता मिलने के बाद अब हमारी जिंदगी में किसी तरह का कोई डर और भय नहीं है.

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