उदयपुर के आरएनटी मेडिकल में 1 साल से 95 वेंटिलेटर खराब होकर स्टोर में धूल फांक रहे हैं. यह सभी वेंटिलेटर 1 साल पहले पीएम केयर्स फंड के तहत मेडिकल कॉलेज को उपलब्ध करवाए गए थे.
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Jaipur : उदयपुर के आरएनटी मेडिकल में 1 साल से 95 वेंटिलेटर खराब होकर स्टोर में धूल फांक रहे हैं. यह सभी वेंटिलेटर 1 साल पहले पीएम केयर्स फंड के तहत मेडिकल कॉलेज को उपलब्ध करवाए गए थे. प्रमुख भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन (Union Health Minister ) को पत्र लिखकर खराब पड़े इन्वेंटर लेटेस्ट को चालू करवाने की मांग की है. कटारिया ने ऐसा ही एक पत्र राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव अखिल अरोड़ा को भी लिखा है.
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कटारिया ने पत्र में लिखा आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर को 1 साल पहले पीएम केयर फण्ड से 95 वेंटिलेटर मिले थे. यह वेंटिलेटर (Ventilator) एक साल से बेकार होकर स्टोर में रखे हुए हैं. इन वेंटीलेटरों में से ज्यादातर वेंटीलेटर तय मात्रा के मुताबिक मरीजों को ऑक्सीजन नहीं दे पाते हैं. उदयपुर को मिले 95 वेंटीलेटर में से 24 को इन्सटाल कर उपयोग में लाने का प्रयास किया गया, लेकिन ये चिकित्सकीय दृष्टि से सही नहीं होने से किसी काम में नहीं आ रहे हैं. मरीज को वेंटीलेटर पर रखने पर 2-3 घंटे में ये अपने आप ही बंद हो जाते हैं और कई बार ऑक्सीजन प्रेशर भी बंद हो जाता है.
वेंटिलेटर इंस्टॉल नहीं हुए राज्य सरकार को लिखा कई बार
कटारिया ने आरोप लगाया कि अधिकांश वेंटीलेटर इन्सटाल तक नहीं हुए हैं. इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्रशासन से जानकारी प्राप्त हुई है कि इन 95 वेंटीलेटर) के लिए राज्य सरकार को विभिन्न पत्रों के माध्यम से अवगत करा दिया गया है लेकिन अभी तक इन वेंटीलेटरों को सही करके काम में नहीं लाया जा सका है.
केंद्रीय मंत्री से वेंटिलेटर को ठीक कराने का किया आग्रह
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि वेटीलेटर जिस कम्पनी या स्थान से कय किये गये हैं उसके इंजीनियर्स को उदयपुर भेजकर खराब पड़े पैंटीलेटरों को सही कराकर चालू करवाएं. कटारिया ने यह भी कहा कि वेंटिलेटर ठीक होते हैं तो इस कोरोना माहमारी में आम जनता को इसका लाभ मिल सकेगा. कटारिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से कहा कि वह सप्लायर के प्रतिनिधि की कोन्टेक्ट डिटेल भी उपलब्ध करा दे तो स्थानीय स्तर से भी कम्पनी को फॉलोअप किया जा सकता है.
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