REET, रोजगार, किसानों को लेकर गुलाबचंद कटारिया ने किया गहलोत से कई ताबड़तोड़ सवाल
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REET, रोजगार, किसानों को लेकर गुलाबचंद कटारिया ने किया गहलोत से कई ताबड़तोड़ सवाल

Gulabchand Katariya Ashok Gehlot : विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने REET, रोजगार, किसानों और पेपर लीक का मुद्दा उठाया. 

REET, रोजगार, किसानों को लेकर गुलाबचंद कटारिया ने किया गहलोत से कई ताबड़तोड़ सवाल

Gulabchand Katariya Ashok Gehlot : विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पेपर लीक का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि रीट पेपर के लिए जब अलग जगह तय की गई थी तो फिर शिक्षा संकुल में पेपर रखने के निर्देश किसने दिए? इसके साथ ही इसमें निजी स्कूल के स्टाफ को जिम्मेदारी क्यों दी गई? कटारिया ने कहा कि बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष को जब दोषी मानते हुए सस्पेंड किया तो फिर उनसे पूछताछ और कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कटारिया ने कहा कि डबल लॉक से पेपर निकलने की? जांच क्यों नही की? कटारिया ने शहरी रोजगार योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि, 125 रुपए में कौन शहर में काम करने आएगा? कटारिया बोले कि इस योजना में सिर्फ सीएम के फोटो लगा कर पैसों की बर्बादी की गई.

शिक्षा विभाग में 33 फीसदी से ज्यादा खाली पद
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में खाली पड़े पदों का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में 33 फीसदी से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. बच्चों का भविष्य बिना अध्यापकों के अंधकार में चल रहा है. इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने की बात हुई लेकिन 1700 स्कूल में एक भी पद मंजूर नहीं किया गया. हिंदी मीडियम स्कूल से अपने भाई-भतीजे को इंग्लिश मीडियम स्कूल में तैनात करके उन्हें सिर्फ लाभ देने का काम किया है. कटारिया ने संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण का मुद्दा भी उठाते हुए कहा कि वोट के वक्त तो उन्हें नियमित करने की जुमलेबाजी दिखाई , लेकिन बाद में अलग नियम बनाकर उनके साथ छलावा किया है.

कर्ज माफी हुई नहीं, बल्कि 15800 किसानों की तो जमीन कुर्क हो गई
कटारिया ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले कहा था कि वह किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी करेगी , लेकिन वह कर्ज माफ नहीं हुई. किसान कांग्रेस के छलावे में आ गए जिसकी वजह से 22 हज़ार 200 किसानों को बैंकों से नोटिस मिला और 15 हज़ार 800 किसानों की जमीन कुर्क हुई. कटारिया ने कहा कि किसानों की बिजली माफी की बात की गई थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार की योजना को बंद करके तीन साल बाद उसे नए सिरे से लागू किया गया. उन्होंने कहा कि इसके चलते जो 3 साल तक किसानों को नुकसान हुआ है वो किसके खाते में जाएगा. कटारिया ने खाद की किल्लत को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि केंद्र से डिमांड नहीं की, जिसकी वजह से किसानों को खाद के लिए परेशान होना पड़ा.

चिरंजीवी में केंद्र के हैल्थ मिशन का पैसा लगाकर वाहवाही लूटी
कटारिया ने चिरंजीवी योजना के नाम पर को लेकर वाह वाही लूटने पर कहा कि इस योजना में केंद्र के हैल्थ मिशन योजना का पैसा लग रहा है. उन्होंने कहा कि यह योजना नई तो है नहीं. कटारिया ने पूर्व मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे का ज़िक्र करते हुए कहा कि इससे पहले वसुंधरा राजे के समय भामाशाह नाम से योजना शुरू की गई थी. कम से कम एक बार तो उनका नाम सरकार ले लेती. इस पर बीजेपी के खेमे ने टेबल बजाकर कटारिया की बात का समर्थन किया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मौजूदा सरकर को भामाशाह नाम से एलर्जी है क्या? कटारिया ने कहा कि जल जीवन मिशन योजना में भी जो केंद्र सरकार की तरफ से लक्ष्य दिया गया है, उसे राज्य सरकार पूरा नहीं कर पाई है.

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