शोक गहलोत के अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होने के बाद पहले दिग्विजय सिंह का नाम आया सामने, लेकिन अब इस मुकाबले में मल्लिकार्जुन खड़गे की हुई एंट्री के बाद अब स्थिति स्पष्ट हो गई है.
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Jaipur: दिल्ली में कांग्रेस की सियासी पिच पर खेले जा रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष के नामांकन का मुकाबला दिलचस्प हो गया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव की तस्वीर अब बिल्कुल साफ और स्पष्ट हो गई है. साफ हो गया है कि गांधी परिवार की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे का मुकाबला जी-23 के उम्मीदवार शशि थरूर से होगा.
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अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होने के बाद पहले दिग्विजय सिंह का नाम आया सामने, लेकिन अब इस मुकाबले में मल्लिकार्जुन खड़गे की हुई एंट्री के बाद अब स्थिति स्पष्ट हो गई है. खुद दिग्विजय सिंह ने ही कल नामांकन पत्र लेते हुए भी कहा था कि कल तक तय हो जाएगा कि मेरा नामांकन होगा या नहीं. आज दिग्विजय सिंह की मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात ने साफ कर दिया है कि दिग्गी हो रेस से बाहर है.
साथ ही वहीं दिग्विजय सिंह अशोक गहलोत सहित गांधी परिवार के प्रति निष्ठा रखने वाले वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक होंगे. राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच उपजे हालातों के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोनिया गांधी से मुलाकात और नैतिकता का हवाला देते हुए अध्यक्ष पद के नामांकन से इनकार के बाद गांधी परिवार ने मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर सहमति व्यक्त की.
यानी अब मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच ही अध्यक्ष पद को लेकर सीधा मुकाबला होगा. अब जब यह तय हो गया है कि अशोक गहलोत अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हुए तो ये भी तय है कि वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. हालांकि केसी वेणुगोपाल के कल दिए गए बयान के बाद राजस्थान में सियासी हलकों में सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर मुख्यमंत्री के सवाल पर 2 दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट होने की बात क्यों कही गई है.
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