Rajasthan में तीन साल में उद्योग विभाग ने निभाया निवेशकों का साथ, यह रही उपलब्धियां
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Rajasthan में तीन साल में उद्योग विभाग ने निभाया निवेशकों का साथ, यह रही उपलब्धियां

लॉकडाउन (Lockdown) अवधि में नए औद्योगिक क्षेत्र लांच करने का साहस करने वाला प्रदेश भी राजस्थान बना. इसके साथ ही प्रदेश पहला एमएसएमई कानून लाने वाला राज्य भी बना, जिसमें बिना पूर्व अनुमति उद्योग संचालन की अनुमति छोटे उद्यमियों और स्टॉर्टअप्स को दी गई. साथ ही वन स्टॉप शॉप भी अपनी अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

राजस्थान में तीन साल में उद्योग विभाग ने निभाया निवेशकों का साथ

Jaipur: प्रदेश में कांग्रेस सरकार तीन वर्ष का कार्यकाल औद्योगिक विकास के लिए अहम रहा है. इस अवधि में उद्योग विभाग के नाम काफी उपलब्धियां रही. नीतियों के निर्माण से साथ ही अनुदान, नए औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण और लॉकडाउन में प्रभावित इंडस्ट्री सेक्टर को राहत इसमें शामिल रहे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की प्राथमिकता में उद्योग सेक्टर रहा.

लॉकडाउन (Lockdown) अवधि में नए औद्योगिक क्षेत्र लांच करने का साहस करने वाला प्रदेश भी राजस्थान बना. इसके साथ ही प्रदेश पहला एमएसएमई कानून लाने वाला राज्य भी बना, जिसमें बिना पूर्व अनुमति उद्योग संचालन की अनुमति छोटे उद्यमियों और स्टॉर्टअप्स को दी गई. साथ ही वन स्टॉप शॉप भी अपनी अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है. तीन साल पूरा होने के बाद बड़ा टॉस्क इनवेस्टमेंट समिट-2022 को सफलता पूर्वक आयोजित करना होगा.

गहलोत सरकार के तीन साल
कांग्रेस सरकार के तीन साल में हुए औद्योगिक विकास के विभिन्न कार्य
जनघोषणा पत्र के वादे हकीकत बने दिखे
उद्योग सेक्टर का हुआ इस अवधि में कायाकल्प
नीतियों के निर्माण, अनुदान, नए औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण
लॉकडाउन में प्रभावित इंडस्ट्री सेक्टर को राहत

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लॉकडाउन अवधि में नए औद्योगिक क्षेत्र लांच करने का साहस
पहला एमएसएमई कानून लाने वाला राज्य भी राजस्थान बना
बिना पूर्व अनुमति छोटे उद्यमियों और स्टॉर्टअप्स को उद्योग संचालन की अनुमति
राजस्थान औद्योगिक विकास नीति 2019 की गई जारी
रिप्स योजना को बनाया गया उद्योग हितैषी
वन स्टॉप शॉप प्रणाली से उद्यमियों को बड़ी राहत
डिस्प्यूट रिसोल्यूशन मेकेनिज्म को किया प्रभावी
राजस्थान सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद का गठन
राजस्थान फाउण्डेशन के जरिए गुडविल ब्रांडिंग और प्रमोशन
6000 नए औद्योगिक प्लॉट्स किए जा रहे विकसित
अब 24 और 25 जनवरी 2022 को आयोजित होगा इवेस्टमेंट समिट
रिफाइनरी काले सोने से भरेगी राजस्थान का खजाना

राजस्थान औद्योगिक निवेश के लिहाज से भारत का पसंदीदा डेस्टिनेशन बन रहा है. इसकी वजह प्रदेश सरकार की नीतिगत पहल, शांत औद्योगिक वातावरण, उपलब्ध औद्योगिक भूखंड है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार के गठन के साथ ही रोजगार उपलब्धता और नए निवेश के लिहाज से उद्योग सेक्टर को प्राथमिकता प्रदान की. इसमें बड़ा कदम नई नीतियों को लाना रहा. एक साथ औद्योगिक विकास नीति 2019, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2019, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना 2019, सौर ऊर्जा नीति 2019 और पवन एवं हाइब्रिड ऊर्जा नीति 2019 जारी कर निवेशकों के लिए मरधरा के दरवाजे खोल दिए. इसके परिणाम भी बेहतर आए. लॉकडाउन अवधि में ही निवेशको ने 1000 करोड़ रुपए के औद्योगिक प्लॉट खरीदे. एमएमसएई को लेकर बनाई गई नीतियों ने भी प्रदेश के औद्योगिक वातावरण को संवारने का काम किया.

राजस्थान औद्योगिक निवेश संभावनाओं पर काम कर रहा है. यह तब हो रहा है, जब कोविड-19 के चलते नए कामधंधों के सफल संचालन की संभावनाएं कम है. आपदा के बीच में राजस्थान पहला वह राज्य है, जिसने एक साथ दो दर्जन नए औद्योगिक क्षेत्रों को लांच किया है. एक बड़ा परिवर्तन उद्योग विभाग ने कोविड को देखते हुए किया है, जिसमें अब इंटीग्रेटेड जोन पर फोकस अधिक है. उद्योग मंत्री शकुंतला रावत का कहना है कि नई नीतियों के बूते हमें विश्वास है कि महामारी के समय भी निवेश आकर्षित होगा. इसके लिए कई नीतिगत बदलाव किए गए हैं, इसमें एक ही क्षेत्र की ईकाईयों को समर्पित औद्योगिक क्षेत्रों की संख्या अधिक होगी. पहले चरण में मेडिकल, स्पोर्ट्स गुड्स, सिरेमिक, पेट्रो कैमिकल, हैंड टूल्स जोन, ग्रेनाइन, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग जोन, ऑर्टिफिशियल ज्वैलरी सहित दस औद्योगिक क्षेत्र खास तौर पर विकसित किए जा रहे हैं. 24 और 25 जनवरी 2022 को आयोजित होने वाली इवेस्टमेंट समिट के लिए भी औद्योगिक लैंड बैंक तैयार किया जा रहा है. राजस्थान में 2020-21 में राजस्थान से 52,764.31 करोड़ का निर्यात कारोबार हुआ था, चालु वित्त वर्ष में इसे 60 हजार करोड़ रुपए के पार करने की कोशिश सरकार की है.

3 साल के महत्वपूर्ण निर्णय और उपलब्धियां
1. एमएसएमई एक्ट, 2019
देश में पहली बार एमएसएमई उद्योगों को राज्य में बिना किसी प्रशासनिक बाधा के स्थापना एवं क्रियान्वयन का वातावरण उपलब्ध कराने के मकसद से एमएसएमई अधिनियम, 2019 लागू कर दिया गया है। एक्ट के तहत अब किसी भी एमएसएमई इकाई को राजस्थान सरकार के किसी भी विभाग से 3 वर्ष तक कोई अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। नवम्बर, 2020 तक इसके तहत 7979 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं.
2. मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना
प्रदेश में उद्यमों की स्थापना और सभी वर्गो के व्यक्तियों को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराने हेतु बैंको के माध्यम से ब्याज अनुदान युक्त ऋण उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से यह योजना प्रारंभ की गई है. योजना के तहत अधिकतम 10 करोड़ रुपए का कर्ज मुहैया करवाया जा रहा है.
3. राजस्थान औद्योगिक विकास नीति-2019
राजस्थान औद्योगिक विकास नीति के जरिए नए निवेश को प्रोत्साहित करने की पहल की गई। उद्योग स्थापना में आ रही अड़चनों के दूर दिया गया. 19 दिसंबर 2019 से लागू नीति ने कोरोना संक्रमण के दौराना लगे लॉकडाउन में भी नए निवेश को आकर्षित करने का काम किया.
4. राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम, 2019
निवेश प्रोत्साहन योजना 2019 में उद्योग सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए अहम घोषणाएं की गई। इनका मकसद उद्योग स्थापना, संचालन, रोजगार अवसर बढ़ाना रहा. राजकोषीय प्रोत्साहन, विद्युत शुल्क, स्टॉम्प ड्यूटी एवं भू-रूपान्तरण शुल्क से सौ फीसदी राहत, निवेश और रोजगार सृजन अनुदान 50 से बढाकर 75 किया गया. टेक्सटाईल, एग्रो प्रोसेसिंग के साथ साथ लेज़र, जेम एण्ड ज्यूलरी, माईन्स एण्ड मिनिरल, हैण्डलूम एवं हैण्डीक्राफ्ट सेक्टर को भी मदद के प्रस्ताव इसमें शामिल रहे. 100 करोड़ से अधिक के निवेश और 200 व्यक्तियों से अधिक के रोजगार सृजन के प्रस्तावों पर विशेष पैकेज भी रिप्स के तहत प्रदान किए जाने के प्रावधान किए गए.

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5. वन स्टॉप शॉप प्रणाली
सिंगल विण्डो क्लीयरेन्स सिस्टम को प्रभावी बनाने एवं निवेश प्रस्तावों को तुरंत मंजूरी के मकसद से बी.आई.पी में वन स्टॉप शॉप प्रणाली विकसित की जा रही है. इसके तहत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में एक ‘‘बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेन्ट’’ का गठन किया गया है, जो निवेश प्रस्तावों से संबंधित विभिन्न प्रकार की स्वीकृतियां और अनुमतियों पर निर्णय मंत्रिपरिषद के स्थान पर कर सकेगा.
6. राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद की स्थापना
प्रदेश के निर्यातकों को सुविधा और राहत के लिए राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद को प्रभावी बनाया गया। इसमें सभी प्रकार के निर्यातक अपना पंजीयन इसमें करा सकेंगे एवं इसके माध्यम से ही सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजिन प्राप्त कर निर्यात कर सकेंगे.
7. डिस्प्यूट रिसोल्यूशन मेकेनिज्म
प्रदेश में उद्यमों के विभिन्न विभागों से संबंधित विवादों को त्वरित गति से सुलझाने के लिए द्वि-स्तरीय डिस्प्यूट रिसोल्यूशन मेकेनिज्म को गहलोत सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में प्रभावी बनाया गया. इस मेकेनिज्म के तहत राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तथा जिला स्तर पर संबंधित जिला कलक्टर की अध्यक्षता में उद्यमों के विवादों का निस्तारण किया जा रहा है.
8. राजस्थान फाउण्डेशन
देश- विदेश में बसे प्रवासी राजस्थानियों से बेहतर संवाद की पहल हुई। चैन्नई, कोयम्बटूर, कोलकाता, सूरत, मुंबई, बैंगलूर, अहमदाबाद, हैदराबाद, इन्दौर, लंदन, न्यूयार्क और काठमाण्डू में चैप्टर्स खोले.
9. राजस्थान वित्त निगम
राजस्थान वित्त निगम के जिरए उद्यमियों को लॉकडाउन अवधि में राहत दी गई। निगम ने माह अप्रैल, मई और जून, 2020 में देय सभी मासिक और त्रैमासिक किस्तों को स्थगित किया साथ ही जुलाई, अगस्त और सितम्बर, 2020 में मूलधन की किस्तों की वसूली को भी स्थगित किया.
10. रीको ने कायम किए विकास के नए आयाम
बकाया सेवा शुल्क को एकसाथ जमा करवाने पर ब्याज में 100 प्रतिशत की छूट.

नए औद्योगिक जोन और क्षेत्रों की शुरुआत
01. स्पोर्ट्स गुड्स एंड टॉयज जोन, खुशखेड़ा
02. पैट्रो कैमिकल जोन, पचपदरा
03. प्लग एंड प्ले जोन, सीतापुरा जयपुर
04. सिरेमिक एंड ग्लास जोन, सोनियाना, चित्तौडगढ़
05. मेडीकल डिवाइसेस पॉर्क, बोरानाड़ा, जोधपुर
06. ऑटिफिशियल ज्वैलरी जोन, बड़गांव, सिरोही
07. एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग जोन, तिवंरी, जोधपुर
08. ग्रेनाइट जोन, बग्गड़, राजसमंद
09. हैंड टूल्स जोन, गोगेलाव, नागौर
10. फिनटैक पॉर्क, जयपुर

यह हैं राजस्थान की यूएसपी
50 हजार एकड़ विकसित औद्योगिक भूमि
40 हजार औद्योगिक इकाईयों में उत्पादन
20 हजार एकड़ का औद्योगिक लैंड बैंक
एग्रो, मसाला, स्टोंस, जैम एंड ज्वैलरी, मिनरल बेस्ड विशेष पज्ञॅर्क
6 सेज, 8 इनलैंड कंटेनर डिपो और 1 एयर कार्गों कॉम्पलैक्स

सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सबसे उम्दा स्थान
दूसरा देश का सबसे अधिक क्रूड ऑयल उत्पादक प्रदेश
कुशल मानव श्रम, शांत औद्योगिक वातावरण और उम्दा परिवहन की सेवाएं
ग्रोथ पर प्रदेश का एमएसएमई सेक्टर
अब तक 80 हजार करोड़ रुपए का हुआ निवेश
प्रदेशभर में 38 लाख लोगों को दे रहा रोजगार अवसर
राजस्थान में 8 लाख पंजीकृत एमएसएमई इकाईयां कार्यरत

असंगठित क्षेत्र को मिलाकर 26 लाख इकाईयां कर रही काम
कोविड-19 ने लोगों के जीने का तरीका बदल दिया है. हर क्षेत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावित हुआ है. उद्योग-धंधों की रफ्तार पर लगा ब्रेक फिर से पटरी पर है, ऐसे में राजस्थान सरकार भी अपनी नई निवेश प्रोत्साहन नीतियों को भूनाने की तैयारी में है. इसके लिए प्रदेश के सरकार के उद्योग विभाग ने अपनी नीतियों में अहम बदलाव किए है, जिनमें औद्योगिक क्षेत्रों की डिजाइन नए माहौल को देखते हुए तय की जा रही है. मकसद एक ही राजस्थान में नया औद्योगिक निवेश आए, ताकि रोजगार और राजस्व के आंकड़े सुखद स्थिति में हो. हाल ही में देश और विदेश में आयोजित रोड़ शो के जरिए पांच लाख करोड़ रुपए के नए निवेश प्रस्तावों को भी हरी झंडी दिखाई गई है.

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