गाने के साथ-साथ राजकुमार को सितार भी बहुत पसंद आया और वे उस्ताद जमालुद्दीन भारती से सितार भी सीखने लगे. धीरे-धीरे राजकुमार आकाशवाणी पर भी सितार बजाने लगे.
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Mandawa: झुंझुनूं के मंडावा ने ही नहीं, बल्कि पूरे देश ने एक और फनकार को खो दिया है. अंतरराष्ट्रीय गजल गायक राजकुमार रिजवी का रविवार को मुंबई में निधन हो गया. वे झुंझुनूं के मंडावा कस्बे के रहने वाले थे. राजकुमार रिजवी ने 1976 में बनी सुपरहिट फिल्म लैला मजनूं के टाइटल सॉन्ग के अलावा कई बॉलीवुड फिल्मों में गानों और गजलों को अपनी आवाज दी.
गजल गायक मेहंदी हसन के प्रथम शिष्य के रूप में पहचाने जाने वाले राजकुमार रिजवी अंतिम बार झुंझुनूं के मंडावा में सात साल पहले आए थे. अप्रेल 2015 में वे परिवार सहित आए थे. इस दौरान उनकी बेटी गायिका रूना रिजवी और उनके दामाद इंटरनेशनल ड्रम आर्टिस्ट शिवमणी ने रिजवी नाइट को सजाया था. इस कार्यक्रम में राजकुमार रिजवी खुद हारमोनियम संभाले हुए थे. इस मौके पर उन्होंने राजस्थान में म्यूजिक एकेडमी खोलने की इच्छा जाहिर की थी और कहा था कि मंडावा आकर उन्हें काफी सुखद अहसास होता है.
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बता दें कि राजकुमार रिजवी का जन्म झुंझुनूं जिले के मंडावा में एक संगीत प्रेमी कलाकार घराने में हुआ. संगीत की प्रारम्भिक तालीम उन्होंने अपने पिता उस्ताद नूर मोहम्मद से ली. जिनका ताल्लुक कलावंत घराने से था. कम उम्र में ही राजकुमार पिता के साथ दरबार में गाने लगे. 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री के सामने गाना गाया औप खूब वाहवाही लूटी.
राजस्थान उनकी गायकी और दिल में हमेशा रहा
गाने के साथ-साथ राजकुमार को सितार भी बहुत पसंद आया और वे उस्ताद जमालुद्दीन भारती से सितार भी सीखने लगे. धीरे-धीरे राजकुमार आकाशवाणी पर भी सितार बजाने लगे. वक्त बीतते सितार तो राजकुमार का मात्र शौक रह गया और अपने चाचा मेहंदी हसन की तर्ज पर वे भी गजल गायकी में पूरी रुचि लेने लगे. शास्त्रीय संगीत की तालीम होने से उनकी गाई गजलों की चर्चा क्षेत्र में होने लगी और उनकी इज्जत भी बढ़ने लगी. इसके बाद वे लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गये. मगर राजस्थान उनकी गायकी और दिल में हमेशा रहता है.
मशहूर गायिका इंद्राणी मुखर्जी से हुई शादी
1992 में राजकुमार गजल गाने के सिलसिले में रूस गए थे. वहीं उनकी मुलाकात मशहूर गायिका इंद्राणी मुखर्जी से हुई. जल्द ही दोनों ने शादी कर ली. वे इंद्राणी मुखर्जी से इंद्राणी रिजवी बन गई. शादी के बाद दोनों ने साथ गाना शुरू कर दिया. राजकुमार रिजवी ने इसके अलावा लैला- मजनू फिल्म में टाइटल सॉन्ग दिया. वहीं राजस्थानी फिल्म मूमल सहित कई फिल्मों में भी गाया है और संगीत भी दिया है. उन्होने बिरजू महाराज (कथक) तथा केलुचरण महापात्र (ओडिसी) के लिए कुछ नृत्य धुनें भी तैयार की हैं.
राजकुमार रिजवी मेहंदी हसन के प्रथम शिष्य
राजकुमार रिजवी को भारत से बाहर लगभग समूचे विश्व में जाने का मौका मिला है. वे पाकिस्तान भी जा चुके थे, वहां पर हिन्दुस्तानी कलाकारों के आम प्रदर्शन पर पाबन्दी है. इससे कई परेशानियां हैं, लेकिन वहां का एक बहुत बड़ा तबका हमारे यहां के कलाकारों का दीवाना है और वह भी सरकार के इस कदम की मुखालफत करता है. मेहंदी हसन के साथ राजकुमार रिजवी ने मुम्बई, सूरत और अहमदाबाद और कराची एवं कनाड़ा में भी साथ-साथ गाया. राजकुमार रिजवी मेहंदी हसन के प्रथम शिष्य बने. यही वजह है कि इनकी गायिकी में अपने उस्ताद का असर स्पष्ट दिखता है.
Report-Sandeep Kedia