Jaipur news: राजस्थान हाईकोर्ट ने मेल नर्स के पद पर कार्य कर रही महिला नर्सिंग ऑफिसर को सरप्लस कर उसका तबादला दूसरे जिले में करने के आदेश पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में चिकित्सा सचिव और झुंझुनूं सीएमएचओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. यह आदेश जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने सुनीता की याचिका पर दिए.
क्या है मामला
याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि विभाग ने याचिकाकर्ता का तबादला 29, सितंबर 2019 को जयपुर के जनाना अस्पताल से सीएमएचओ झुंझुनूं के अधीन रिक्त पद पर कर दिया था . वहीं सीएमएचओ ने याचिकाकर्ता को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, चूंडी में मेल नर्स द्वितीय के पद पर कर दिया. याचिका में कहा गया कि पिछली 3 सितंबर को विभाग ने याचिकाकर्ता को सरप्लस बताकर उसका तबादला सीएचसी, बिलाड़ा, जोधपुर कर दिया.
इसके खिलाफ पेश अपील को सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता महिला नर्सिंगकर्मी है और उसका पदस्थापन मेल नर्स के पद पर होने के कारण वह सरप्लस है. इसे चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि राजस्थान चिकित्सा अधीनस्थ सेवा नियम के अनुसार सिर्फ नर्स ग्रेड द्वितीय पद का हवाला है. नियमों में मेल और फीमेल के अलग पद नहीं हैं. इसके अलावा पिछली मई माह में उसके पद को नर्सिंग ऑफिसर पद किया जा चुका है. ऐसे में उसे सरप्लस बताकर तबादला नहीं किया जा सकता जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को सरप्लस कर तबादला करने के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.
Reporter: Mahesh pareek