jaipur-लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में नए काम हो नहीं सकते, इसलिए पीएचईडी अब जांचों को निपटाकर भ्रष्टाचार और घोटाले के मैल की सफाई कर रहा है. इसी कड़ी में पीएचईडी नोटिस चार्जशीट थमाकर इंजीनियर्स से जवाब मांगे जा रहे है,
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jaipur-लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में नए काम हो नहीं सकते, इसलिए पीएचईडी अब जांचों को निपटाकर भ्रष्टाचार और घोटाले के मैल की सफाई कर रहा है. इसी कड़ी में पीएचईडी नोटिस चार्जशीट थमाकर इंजीनियर्स से जवाब मांगे जा रहे है, जिससे जल जीवन मिशन में गड़बड़ियों को खत्म कर सके और हर गांव - घर तक नल से पीने का पानी पहुंच सके.
आचार संहिता में खुल गई जांचे-
लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद आचार संहिता लग चुकी है. इसी कारण जल जीवन मिशन में नए काम नहीं हो सकते. इसलिए अब जलदाय विभाग पुरानी फाइलों से धूल हटाकर जांचे खोल रही. इसलिए अब जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार करने वाले इंजीनियर्स की मुश्किलें बढ़ जाएगी.
चुनाव आचार संहिता में अब सीनियर अधिकारियों के दौरे भी शुरू हो गए है. जल जीवन मिशन एमडी बचनेश कुमार अग्रवाल 2 अप्रैल से तीन दिन उदयपुर क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे. जहां वे समीक्षा मीटिंग के साथ जल जीवन मिशन के कार्यों का निरीक्षण करेंगे.
बता दें कि उदयपुर में बड़गांव SDM के नाम से ठेकेदार ने फर्जी साइन कर लाखों के बिल पास करवाए थे. एमडी बचनेश कुमार इस प्रकरण की भी जांच कर सकते है. बता दें कि अभी तक इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस मामले में अम्बामाता थाने में रिपोर्ट भी दर्ज है. वरिष्ठ सहायक रोहित जोशी के लिए अम्बामाता थाने पुलिस ने पीएचईडी को खत लिखा था कि रोहित जोशी दफ्तर से गायब है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
नोटिस-चार्जशीट थमाई इंजीनियर्स को-
वैसे फर्जी भुगतान को लेकर जलदाय विभाग एक्शन मोड में आ गया है. जलदाय सचिव समित शर्मा के निर्देश पर नोटिस-चार्जशीट थमाई जा रही है. राजगढ़, दौसा, चूरू के करमसाणा एक्सईएन को चार्जशीट थमाई गई है.जबकि राजगढ़, दौसा, चूरू सर्किल एसई को कारण बताओं को नोटिस दिए. बिना थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के इंजीनियर्स ने फर्मों का भुगतान कर दिया था.अब गड़बड़ी-फर्जीवाड़ा करने वाले इंजीनियर्स पर जल्द गाज गिर सकती है.
कितनों पर गिरेगी गाज?
इसके अलावा अलवर,बहरोड,खैरथल,फागी,दूदू प्रकरण को लेकर भी पीएचईडी कार्रवाई कर सकता है.क्योंकि यहां भी जल जीवन के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ.ऐसे में अब देखना होगा कि जलदाय विभाग की कार्रवाई में किसने इंजीनियर्स पर गाज गिरेगी?