Rajasthan News: रूप कंवर सती कांड को लेकर आज विशिष्ट न्यायालय सती निवारण जयपुर द्वितीय फैसला सुनाया. कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया है.
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Roop kanwar Sati Case: राजस्थान के सीकर जिले के दिवराला में सती महिमा मंडन से जुड़ मामले में कोर्ट ने 37 साल बाद आज, बुधवार को अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मामले में सुनवाई पुरी करते हुए सभी 8 आरोपियों को दोषमुक्त करार कर दिया, जिसके बाद महेंद्र सिंह, दशरथ सिंह, श्रवण सिंह सहित सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया गया. यह फैसला विशिष्ट न्यायालय सती निवारण जयपुर द्वितीय ने सुनाया है.
कोर्ट ने 8 आरोपियों को किया बरी
मामले को लेकर कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने सती निवारण अधिनियम की धारा-5 में सभी को आरोपी बनाया है. इस धारा के अनुसार, आप सती प्रथा का महिमा मंडन नहीं कर सकते हैं, लेकिन इस धारा में आरोप साबित करने के लिए जरूरी है कि धारा-3 के तहत सती होने की कोई घटना हुई हो. वहीं, मामले से जुड़े वकील ने अदालत को बताया कि पुलिस की पत्रावली में सती होने जैसी किसी भी तरह की घटना का जिक्र नहीं था. वहीं, आरोपियों के खिलाफ गवाह भी नहीं है. ऐसे में कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया.
पति की चिता पर जिंदा जली थी रूप कंवर
सीकर जिले के दिवराला गांव में 4 सितंबर 1987 को रूप कंवर पति की चिता पर जिंदा जला गई थी. इस मामले को लेकर पूरा देश कांप उठा था और बहुत बवाल मचा था. वहीं, तत्कालीन सीएम हरिदेव जोशी के निर्देश पर पुलिस ने मामले में 45 लोगों को गिरफ्तार किया था. बता दें कि 1987 में रूप कंवर की शादी माल सिंह शेखावत से हुई थी. शादी के 7 महीने बाद की माल सिंह की मौत हो गई थी. पति की मौत के बाद रूप कंवर सती हो गई. वहीं, इस घटना के बाद स्थानीय लोग रूप कंवर को सती मां की तरह पूजने लगे और उनका मंदिर बनवाया.
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