Jaipur: राज्य सरकार चिकित्सा सेवाओं को लेकर लाख दावा पेश करे पर राज्य के मुखिया के सलाहकर विधायक बाबू लाल नागर ने क्षेत्र में मौजमाबाद क्षेत्र में सीएचसी की व्यवस्थाओं का आलम ऐसा है के देखते ही बनता है. मौजमाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन ही बीमार हैं, अस्पताल का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका हैं.
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Jaipur: राजस्थान, जयपुर के दूदू क्षेत्र में मौजमाबाद सीएचसी पर भवन के अभाव व सुविधाओं ये हालात सालों से हैं. लिहाजा, चिकित्सक समेत तमाम स्टॉफ जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं और बरसात के मौसम में बीमारियां होने का खतरा अलग हैं.
मौजमाबाद सीएचसी पर भवन के अभाव व सुविधाओं के अभाव में क्षेत्र के एक दर्जन से भी अधिक लोगों को चिकित्सीय सेवाओं से महरूम रहना मजबूरी हो गई है. पर नहीं तो जनप्रतिनिधि और नहीं स्वास्थ विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है.
जिससे आमजन को इलाज के लिए इधर-उधर होना मजबूरी हो गई है. जबकि स्वास्थ्य विभाग लोगों को स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता का खूब पाठ भी पढ़ाता है. लेकिन धरातल पर कार्य ना के बराबर नजर आता हैं.
मौजमाबाद सीएचसी में चिकित्सकों के 06 पद स्वीकृत हैं और जयपुर ग्रामीण में सबसे बड़ी बात ये है कि यहां चिकित्सकों की पोस्ट तो भरी हुई है. पर बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. जिसके वजह से चिकित्सकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सभी चिकित्सकों को एक ओपीडी रूम में बैठकर ही मरीजों का इलाज करना मजबूरी कहें या आदत सी हो गई है. जिससे महिला मरीजों को भारी परेशानियां से रूबरू होकर कई बार तो शर्म की वजह से खाली हाथ ही लौटाना पड़ता है.
जनाना व मर्दाना दोनों एक ही वार्ड में इलाज
सीएचसी मौजमाबाद में भवन के अभाव में जनाना और मर्दाना दोनों को एक ही वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जाता रहा है।जिससे प्रसूति महिलाओं का भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, पर मजबूरी कहे या बीमारी क्षेत्र की निर्धन महिलाएं और निजी अस्पतालों में फीस नहीं भर सकने वाली महिलाओं को प्रसूति के दौरान भी एक ही वार्ड में इलाज करवाना पड़ता है. पर राज्य सरकार व स्थानीय राज्य सरकार के नुमाइंदों का ध्यान शायद इस ओर जा ही नहीं पा रहा है. जिसका खामियाजा एक दर्जन से भी अधिक गांव की महिलाओं को उठाना पड़ रहा है.
नाम की ही सीएचसी जांचे
मौजमाबाद सीएचसी पर सामान्य जांचे भी नहीं हो पा रही हैं, सीएचसी पर सीबीसी जैसी सामान्य जांच भी होने के कारण रोगियों के ब्लड की जांच नहीं हो पा रही है. जिसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है. साथ ही एलएसवी की पोस्ट भी कई दिनों से खाली चल रही है. जिससे उपलब्ध जांचे भी नहीं हो पा रही है.
सीएचसी पर रहता है मरीजो का तांता
सीएचसी मौजमाबाद पर क्षेत्र के दर्जन भर गांव के ग्रामीण निर्भर हैं, सीएचसी पर प्रतिदिन आने वाले मरीजों का औसत करीब-करीब 300 से लेकर 400 तक रहता है .पर सुविधाओं के अभाव में केवल सामान्य मरीज जैसे बुखार, खांसी, जुकाम तक ही इलाज सीमित है और गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगियों को बाहर जाकर ही दिखाना पड़ता है. जनप्रतिनिधि सीएचसी की व्यवस्थाओं व सुविधाओं को लेकर सजक नहीं हैं, क्षेत्र के ग्रामीण परेशान हैं.
रिपोर्टर-अमित यादव