Jaipur News, Jal Jeevan Mission: राजस्थान के पीएचईडी (PHED) में हेराफेरी, फर्जीवाड़े थमने का नाम नहीं ले रही है. गणपति और श्रीश्याम फर्म के 900 करोड़ के फर्जीवाडे़ उजागर होने के बाद लगातार कई फर्मों की हेराफेरी की शिकायत सामने आ रही है.
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Jaipur News, Jal Jeevan Mission: राजस्थान के पीएचईडी (PHED) में हेराफेरी, फर्जीवाड़े थमने का नाम नहीं ले रही है. गणपति और श्रीश्याम फर्म के 900 करोड़ के फर्जीवाडे़ उजागर होने के बाद लगातार कई फर्मों की हेराफेरी की शिकायत सामने आ रही है. अब तक फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के मामले आए थे, लेकिन अब डबल ए क्लास बीएसआर फर्म पर तो फर्जी रजिस्ट्रेशन के ही आरोप लग गए है.
जलदाय विभाग में हेराफेरी और फर्जीवाड़े का जमकर खेल चल रहा है. गणपति और श्री श्याम ट्यूबवेल फर्म के 900 करोड़ के भ्रष्टाचार का थमा ही नहीं था कि अब पीएचईडी में फर्जी रजिस्ट्रेशन का मामला सामने आ गया है. पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल से डबल ए क्लास बीएसआर फर्म की शिकायत की है. जिसमें प्राइवेट कंपनी साउथ वेस्ट पीनाकल के अनुभव पत्र से फर्जी पत्र लेने का जिक्र किया.
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नियमों के तहत सरकारी विभाग से काम का अनुभव जरूरी है. पीएचईडी में कंस्ट्रक्शन के साथ कमीश्निंग की एक्सपीरियंस आवश्यक है, लेकिन सब-कॉन्ट्रेक्टर के रूप में लिए गए अनुभव प्रमाण पत्र में भी हेराफेरी की. इस मामले में पीएचईडी के उपसचिव गोपाल सिंह का कहना है कि पूरे मामले की जांच चल रही है.
लोक निर्माण वित्तीय लेखा नियम के परिशिष्ठ 16 के नियम 1''8 के तहत फर्मों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है. यदि दस्तावेज पूरे नहीं है और कार्य अनुभव, टर्नओवर में कोई गंभीर खामी है तो उन्हें रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकता. नियम 334 और परिशिष्ठ 16 के तहत पीडब्लूडी के अलावा अन्य विभागों में किए गए कार्यों के लिए उन अधिकारियों के प्रमाण पत्रों की मूल या सत्यापित प्रतियां संलग्न की जानी चाहिए,जिनके अधीन कार्य किए गए थे.
28 फरवरी 2019 को केंद्रीय भूजल बोर्ड के अधिशाषी अभियंता से प्रमाणित होना बताया है. 30 जनवरी 2019 को जारी किए गए दूसरे प्रमाण पत्र को सहायक अभियंता द्वारा प्रमाणित होना बताया. ऐसे में सवाल ये है कि कौनसे इंजीनियर का प्रमाण पत्र सही है, क्योंकि दोनों में एक्सईए और एईएन के एक ही तरह के साइन है.
अब जलदाय विभाग पूरे मामले की जांच में जुट गया है. बीएसआर फर्म पीएचईडी में करोड़ों के काम कर चुकी है, ऐसे में यदि फर्म का रजिस्ट्रेशन ही फर्जी निकला तो संभवतया इतना बड़ा फर्जीवाड़ा पीएचईडी में पहली बार सामने आएगा.