Jaipur News: खाद्य विभाग के 'गिवअप' अभियान का बड़ा असर देखने को मिला है. 2 महीने में 7 लाख अपात्र लोगों के नाम हटाए गए हैं. योजना से जयपुर जिले में 41 हजार 806 नाम हटाए गए.
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Rajasthan News: ''साहब…हम इस योजना के लायक नहीं हैं कि सरकार के मुफ्त के गेहूं पर अपना हक जता लें. हमें आप राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से निष्कासित करें, हमारा इस पर कोई हक नहीं. ''ऐसा कह कर सक्षम लोग खाद्य सुरक्षा योजना से नाम हटवा रहे हैं.
खाद्य सुरक्षा योजना से अपात्र लोगों के नाम हटाने के लिए शुरू किए गए 'गिवअप अभियान' का असर अब दिखने लगा है. किसी तरह से योजना में नाम जुड़वाकर गेहूं उठाने वाले चौपहिया वाहनधारी, इनकम टैक्स भरने वाले 7 लाख लोगों ने दो माह में योजना से नाम वापस ले लिया है. अब विभाग इनके नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटाएगा.
सबसे ज्यादा 71 हजार 932 व्यक्तियों के नाम अलवर जिले से हटाए गए हैं. वहीं जयपुर जिले में 41 हजार 806 नाम हटाए गए हैं. इसी तरह उदयपुर में 40 हजार 314 नाम हटाए गए हैं.
खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि सभी जिला रसद अधिकारियों को भी कहा गया है कि वे गिवअप अभियान के तहत योजना से नाम वापस लेने के लिए लोगों को प्रेरित करें.
गोदारा ने बताया," सक्षम होने की वजह से स्वयं अपना नाम हटवाएं ताकि गरीब, पात्र को उनके हिस्से का अन्न मिल सके. गरीब कल्याण की भावना को साकार करने के परिप्रेक्ष्य में गिवअप करने वाले के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाएगी.
गिवअप अभियान में स्वेच्छा से अपना योगदान देते हुए भागीदार बनकर भविष्य की कार्रवाई से बचें. इस अभियान की प्रत्येक महीने समीक्षा की जा रही है.''
उन्होंने बताया कि 31 जनवरी के बाद लिए गए गेहूं के लिए बाजार दर 27 रुपए प्रति किग्रा के अनुसार वसूली की जाएगी. इसके लिए सभी राशन की दुकानों पर गिवअप के फार्म रखवा दिये गए हैं.
कोई भी इच्छुक व्यक्ति अपनी निकटवर्ती राशन की दुकान पर जाकर गिवअप अभियान का फार्म भरकर राशन की दुकान पर ही जमा करा सकता है. उन्होंने बताया कि गिवअप अभियान के तहत आयकरदाता, चौपहिया वाहन धारक, सरकारी कर्मचारी, अर्द्ध सरकारी कर्मचारी, स्वायत्त संस्थाओं में कर्मचारी अथवा अधिकारी एक लाख से अधिक वार्षिक पारिवारिक आय एवं परिवार में किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो निष्कासन सूची में सम्मिलित है. जीविकोपार्जन में प्रयोग हो रहे ट्रैक्टर एवं एक वाणिज्यिक वाहन धारक को अपना नाम हटवाने की आवश्यकता नहीं है.