PHED में 2700 करोड़ का बजट अटका, फिर भी 16,000 करोड़ के नई निविदाएं निकाली, कैसे पूरे होंगे प्रोजेक्ट?
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PHED में 2700 करोड़ का बजट अटका, फिर भी 16,000 करोड़ के नई निविदाएं निकाली, कैसे पूरे होंगे प्रोजेक्ट?

Jaipur News: जलदाय विभाग में बजट के संकट के बीच 16,000 करोड़ के टैंडर जारी कर दिए. अब सवाल ये है कि बिना बजट के बीच कैसे पेयजल परियोजनाएं समय पर पूरी हो पाएगी? 

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Jaipur News: जलदाय विभाग में बजट के संकट के बीच 16,000 करोड़ के टैंडर जारी कर दिए. अब सवाल ये है कि बिना बजट के बीच कैसे पेयजल परियोजनाएं समय पर पूरी हो पाएगी? आखिर जलदाय विभाग में बजट का सूखा कहां कहां देखा जा रहा है.  

बिना बजट कैसे पूरे होंगे प्रोजेक्ट्स?
जलदाय विभाग में 2700 करोड की पेयजल परियोजनाओं का बजट अटका हुआ है, लेकिन PHED ने इसके निस्तारण के बिना ही 16000 करोड़ से ज्यादा के नए टैंडर निकाल दिए. बजट संकट के बीच अब कैसे पेयजल परियोजनाएं पूरी होगी. जल जीवन मिशन के स्पेशल प्रोजेक्ट में करीब 1850 करोड़ और ओटीएमपी में करीब 850 करोड़ का बजट अटका हुआ है. इस कारण ऑन गोइंग प्रोजेक्ट्स की रफ्तार कम हो गई है. 

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वहीं, पिछले साल एसीबी ने जब्त की एमबी को भी विभाग ने जुटाकर रुके हुए काम के लिए कार्ययोजना बना रहा है. जल जीवन मिशन चीफ इंजीनियर अजय सिंह राठौड़ का कहना है कि एमबी की जानकारी एसीबी से मांगी गई थी ताकि जेजेएम के कार्यों की कार्य योजना बनाकर गति लाई जा सके.

कहां-कहां कितनी नई निविदाएं जारी हुई? 

क्षेत्र निविदाओं की संख्या निविदा लागत
CE अरबन मनीष बेनीवाल 52 2126 करोड़
CE SP राज सिंह चौधरी 14 13,444 करोड़
CE रूरल केडी गुप्ता 06 71 करोड़
CE JJM अजय राठौड़  - 636 करोड़
कुल   145 16,284 करोड़

हुडकों से 1100 करोड़ का लोन नाकाफी 
बजट की व्यवस्था पर चीफ इंजीनियर स्पेशल प्रोजेक्ट राज सिंह चौधरी का कहना है कि हुडकों से 1100 करोड़ के लोन लेने की प्रक्रिया चल रही है. केंद्र सरकार से करीब 8 महीने से और राज्य सरकार से नवंबर के बाद बजट जारी नहीं किया गया. अमृत के बजट पर चीफ इंजीनियर अर्बन मनीष बेनीवाल का कहना है कि अमृत 2.0 के लिए एलएसजी लोन लेकर बजट जुटाएगा. जलदाय विभाग के प्रमुख सचिव भास्कर के सावंत को सरकार ने मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दे रखी है.

कैसे समय पर पूरी होगी स्कीम्स ?
जलदाय विभाग हुडकों और दूसरी एजेंसियों से लोन ले रही है, लेकिन ये लोन पर्याप्त नहीं है. ऐसे में सवाल ये है कि बिना बजट जलदाय विभाग की करोड़ों की स्कीम्स कैसे समय पर पूरी हो पाएगी?

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