जयपुर शहर के पशु प्रेमियों ने स्टैच्यू सर्कल और नगर निगम पर प्रदर्शन कर मांग की है कि नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज दोनों कुत्तों की पीड़ा का संज्ञान लें. स्टेच्यू सर्किल से नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय तक एनिमल लवर्स ने जागो नगर निगम अपना काम करो की तख्तियां लेकर शवयात्रा निकाली.
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Jaipur News: शहर में एनिमल लवर्स का आक्रोश देखने को मिला. स्टेच्यू सर्किल से नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय तक एनिमल लवर्स ने जागो नगर निगम अपना काम करो की तख्तियां लेकर शवयात्रा निकाली. एनिमल लवर्स का कहना हैं की जयपुर की सड़कों पर रोज 200 से अधिक कुत्ते मौत का शिकार हो रहे है. इन्हें दफनाने या सम्मानपूर्वक विदाई देने के लिए कोई जगह नहीं है. शवों को कई दिनों के लिए लावारिस छोड़ दिया जाता है. उनके शव खुले वातावरण में सड़ते है और मानव स्वास्थय को भी खतरे में डालते है. 2001 के एबीसी नियमों के अनुसार उचित तरीके से चलाए जा रहे एनिमल बर्थ कंट्रोल ऑपरेशन के जरिए पिल्लों और कुत्तों की असामयिक और नृशंस मौतों को कम किया जा सकता हैं.
शहर के पशु प्रेमियों ने स्टैच्यू सर्कल और नगर निगम पर प्रदर्शन कर मांग की है कि नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज दोनों कुत्तों की पीड़ा का संज्ञान लें. बताया जा रहा है कि नगर निगम आयुक्त ने प्रदर्शनकारियों की मांगे मान ली है. पशु प्रेमियों का दावा है कि नियमानुसार एक कार्यात्मक निगरानी समिति ( मॉनिटरिंग कमेटी) नियुक्त की जानी चाहिए. हेरिटेज ने 3 गैर-सरकारी नियुक्तियों में से केवल 2 को ही भरा है. उन्होंने ऐसे लोगों को अपने साथ लिया है जिनके बारे में पशु प्रेमी समुदाय ने भी नहीं सुना होगा. एबीसी कार्यक्रम में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है. रैली की आयोजक और पशु कार्यकर्ता मरियम अबुहैदरी कहती हैं.
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युवा और सक्रिय पशु प्रेमियों को इस पर रखा जाना चाहिए था. अन्यथा समिति केवल नाम के लिए रह जाएगी. हेल्पलाइन लगभग कभी भी उत्तरदायी नहीं होती है और मृत पशुओं के लिए एम्बुलेंस केवल कागजों पर स्वीकृत होती है. मृत जानवरों को दफनाने के लिए पशु प्रेमियों को अपने संसाधनों का इस्तेमाल करना पड़ा है. उनका दावा है कि नगर निगम बुरी तरह विफल रहा है.